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छिंदवाड़ा में होने वाले उपचुनाव से कमलनाथ ने नामांकन वापस लिया

मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में 29 अप्रैल को विधानसभा के लिए उपचुनाव होना है. यहां से कमलनाथ ने नामांकन वापस ले लिया है. ये सीएम कमलनाथ नहीं हैं बल्कि उनके हम नाम कमलनाथ छिपने हैं. उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर दावेदारी पेश की थी.

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कमलनाथ छिपने
कमलनाथ छिपने

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मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में 29 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा के लिए उपचुनाव भी होना है, लेकिन उससे पहले ही कमलनाथ ने अपना नाम वापस ले लिया है. ये पढ़कर आप भी हैरान हो गए होंगे, लेकिन नामांकन वापस लेने वाले ये मुख्यमंत्री कमलनाथ नहीं बल्कि उनके हम नाम कमलनाथ छिपने हैं. कमलनाथ छिपने ने भी उसी छिंदवाड़ा से विधानसभा उपचुनाव के लिए बतौर निर्दलीय प्रत्याशी अपना नामांकन भरा था जहां से मुख्यमंत्री कमलनाथ कांग्रेस के प्रत्याशी हैं.

सीएम कमलनाथ के हम नाम 'कमलनाथ छिपने' नामांकन वापस लेने के साथ ही चुनाव मैदान से हट गए हैं. कमलनाथ छिपने ने नाम वापस लेने की वजह बताते हुआ कहा कि उन्होंने गांव वालों की सहमति से नामांकन भरा था और गांव वालों की सहमति से ही अपना नाम वापस ले लिया है. कमलनाथ छिपने छिंदवाड़ा के भजिपानी गांव के रहने वाले है.

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कमलनाथ छिपने ने बताया की उनके गांव में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. इस मामले में जब सीएम कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ से उनकी मुलाकात हुई तो उन्हें इस बात का आश्वासन मिला कि गांव में विकास कार्य कराए जाएंगे. इसलिए उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया. छिपने ने ये भी बताया कि उनपर नाम वापस लेने का कोई दबाव नहीं था.

हाई प्रोफाइल सीट है छिंदवाड़ा

बता दें कि छिंदवाड़ा देश की हाई प्रोफाइल सीटों में से एक है क्योंकि यहां से खुद मुख्यमंत्री कमलनाथ विधानसभा उपचुनाव लड़ रहे हैं. वहीं उनके बेटे नकुलनाथ लोकसभा चुनाव लड़ने के साथ ही अपनी सियासी पारी का आगाज़ करने जा रहे हैं. हाल ही में 9 अप्रैल को पिता-पुत्र की जोड़ी ने एक ही सीट से विधानसभा और लोकसभा के लिए नामांकन दाखिल कर इतिहास बनाया है. छिंदवाड़ा कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ का गढ़ माना जाता. वे यहां से 9 बार लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं. छिंदवाड़ा में 29 अप्रैल को मतदान होना है.

सीएम के लिए खाली की थी विधायक ने सीट

दो महीने पहले हुए विधानसभा चुनाव में छिंदवाड़ा से चुनकर आए कांग्रेस विधायक दीपक सक्सेना ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने छिंदवाड़ा सीट मुख्यमंत्री कमलनाथ के लिए खाली की है ताकि मुख्यमंत्री छिंदवाड़ा विधानसभा सीट से उपचुनाव लड़ सकें. मुख्यमंत्री कमलनाथ फिलहाल विधायक नहीं हैं और मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के छह महीने के अंदर उन्हें विधायक बनना जरूरी है और ऐसे में सीएम बनने के बाद से ही यह सवाल उठ रहे थे कि वह विधानसभा चुनाव कहां से लड़ेंगे.

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कमलनाथ अगर विधायक चुन लिए गए तो फिर उन्हें संसद की सदस्यता से भी इस्तीफा देना होगा. छिंदवाड़ा कांग्रेस की सबसे सुरक्षित सीटों में से एक मानी जाती है जहां लोकसभा और विधानसभा दोनों ही सीटों पर कांग्रेस काबिज है. कमलनाथ भी अक्सर सार्वजनिक मंच पर कई बार यह बोल चुके हैं कि इस सीट पर इंदिरा गांधी ने ही उन्हें भेजा था और यहां के लोगों से कहा था कि कमलनाथ मेरा तीसरा बेटा है.

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