महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना के बीच अभी तक गठबंधन का फॉर्मूला तय नहीं हो सका है. बीजेपी जहां एक तरफ शिवसेना के साथ गठबंधन के लिए सारी कोशिशें कर रही है. वहीं, दूसरी ओर शिवसेना भी मौके की नजाकत को समझते हुए बीजेपी के साथ मोल भाव में जुटी है. शिवसेना 1995 में बाल ठाकरे के मॉडल के आधार पर बीजेपी के साथ गठबंधन की बात कर रही है.
अंग्रेजी अखबार इकोनामिक्स टाइम्स के रिपोर्ट के मुताबिक शिवसेना की नजरें 1995 मॉडल पर हैं. बीजेपी के साथ गठबंधन करने के लिए शिवसेना महाराष्ट्र की 288 सीटों वाली विधानसभा में करीब 150 सीटें और लोकसभा चुनाव के लिए महाराष्ट्र की कुल 48 सीटों में से 25-26 सीटों पर दावा कर रही है.
शिवसेना ने अपनी इस डिमांड को बीजेपी आलाकमान के पास भेज दिया है. सूत्रों की मानें तो शिवसेना ने कहा कि महाराष्ट्र में गठबंधन की बात तभी जब उसे 1995 के मॉडल के तहत सहयोगी बनाया जाए. दरअसल महाराष्ट्र में पहली बार बीजेपी और शिवसेना गठबंधन की सरकार 1995 में बनी थी और मुख्यमंत्री का ताज शिवसेना के मनोहर जोशी के सर सजा था.
शिवसेना ने बीजेपी के साथ गठबंधन करने के लिए पहला सुझाव दिया है कि फडणवीस की सरकार भंग कर दी जाए और महाराष्ट्र में विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ ही कराए जाएं. इसके अलावा शिवसेना ने दूसरी शर्त रखी है मुख्यमंत्री का पद उसे दिया जाए. इतना ही नहीं शिवसेना बीजेपी से महाराष्ट्र विधानसभा की कुल 288 सीटों में से 150 सीटें चाहती है. इस तरह से लोकसभा की 48 सीटों में से 25 से 26 सीटों की डिमांड रख रही है.
हालांकि शिवसेना की इन तीनों मांगों को बीजेपी आसानी से मानने वाली नहीं है, क्योंकि 2014 के विधानसभा चुनाव में शिवसेना की इन्हीं जिदों के चलते अकेले चुनावी मैदान में उतरी थी. बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर आई और बाद में शिवसेना को उसके साथ मिलकर सरकार बनाना पड़ा है.
वहीं, बीजेपी के साथ गठबंधन को लेकर शिवसेना के जिस तरह से तेवर हैं उससे लगता है कि वो आसानी से मानने वाली नहीं है. शिवसेना नेता संजय राउत लगातार विपक्ष के मंचों पर नजर आ रहे हैं. सोमवार को भी वो टीडीपी अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू के मंच पर पहुंचे थे.