लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है. सभी राजनीतिक दल चुनाव प्रचार में लग गए हैं. कुछ दल दूसरे दलों के असंतुष्ट नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल कर रहे हैं. हर रोज किसी न किसी पार्टी में दूसरी पार्टी के नेता शामिल हो रहे हैं. महाराष्ट्र की वंचित बहुजन आघाडी ने कांग्रेस के साथ गठबंधन करने से साफ मना कर दिया है. वंचित बहुजन आघाडी के अध्यक्ष प्रकाश अंबेडकर ने बताया कि उनकी पार्टी कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करेगी. साथ ही सभी 48 सीटों पर वे अपनी पार्टी के उम्मीदवार उतारेंगे.
प्रकाश आंबेडकर के मुताबिक राज्य में कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) बहुत कमजोर हो चुकी हैं. कभी महाराष्ट्र में कांग्रेस और एनसीपी का जनाधार हुआ करता था. लेकिन अब वो जन समर्थन उनके साथ नहीं है. यही वजह है के शरद पवार ने इस बार लोकसभा चुनाव ना लड़ने का फैसला लिया है.
बता दें कि प्रकाश अंबेडकर संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के परपोते हैं. साथ ही साथ उनका राज्य के दलितों के बीच अच्छी खासी पकड़ है. माना जा रहा है कि अंबेडकर के कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन के साथ नहीं आने से इस गठबंधन को काफी नुकसान हो सकता है.
पिछ्ले साल जनवरी में हुए भीमा कोरेगांव हिंसा के दौरान वह सुर्खियों में आए थे. प्रकाश अंबेडकर का कहना है कि हमने कांग्रेस को गठबंधन का फॉर्मूला दिया था, लेकिन वह नहीं माने. इसलिए सूबे में अब उनका गठबंधन नहीं होगा. साथ ही उन्होंने 22 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी. उन्होंने बताया कि 15 मार्च को 26 अन्य सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की जाएगी.
उन्होंने बताया कि 2019 के लोकसभा चुनाव में वंचित बहुजन आघाडी और बीजेपी के बीच कड़ी टक्कर होगी. प्रकाश आंबेडकर माढा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से वंचित बहुजन आघाडी के प्रत्याशी एडवोकेट विजय मोरे की तारिफ करते हुए कहा कि इनका पलड़ा भारी है और उन्हें पूरा भारोसा है कि वो जीतेंगे भी. माढा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में 18 लाख 86 हजार वोटर्स है. यह मराठा समाज बहुल क्षेत्र है. इनके बाद धनगर समाज दूसरे नंबर पर है. साथ ही SC, ST और OBC तीसरे नंबर पर हैं. 2014 में एनसीपी की सुप्रिया सुले के खिलाफ बारामती से लोकसभा चुनाव लड़ने वाले राष्ट्रीय समाज पक्ष के महादेव जानकर माढा लोकसभा से लड़ने की बात कर रहे हैं.