तेलंगाना की महबूबाबाद (Mahabubabad) लोकसभा सीट वारंगल और खम्माम जिले में आती है. 2011 की जनगणना के मुताबिक यहां की 87 फीसदी आबादी ग्रामीण है और केवल 13 फीसदी आबादी शहरी है. यहां के निवासियों की आजीविका का प्रमुख साधन खेती है. तेलंगाना राज्य की महबूबाबाद लोकसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित है. इस समय यहां से टीआरएस के अजमीरा सीताराम नाइक (Azmeera Seetaram Naik) सांसद हैं. वह इस सीट से पहली बार सांसद चुने गए हैं.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
यह सीट 2008 में हुए लोकसभा सीटों के परिसीमन के बाद बनी. इसके बाद से यहां पर दो ही लोकसभा चुनाव हुए हैं, एक चुनाव में कांग्रेस और और एक बार टीआरएस को जीत मिली है. 15वीं लोकसभा में यहां से जीते कांग्रेस उम्मीदवार बलराम नाइक केंद्रीय मंत्री भी रहे थे. 2014 में हुए लोकसभा चुनावों में टीआरएस के अजमीरा सीताराम नाइक को जीत मिली थी. 2009 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के बलराम नाइक यहां से जीते थे.
सामाजिक ताना-बाना
महबूबाबाद में अनुसूचित जाति की आबादी कुल आबादी का 13.15 फीसदी है और अनुसूचित जनजाति की आबादी 35.87 फीसदी है. महबूबाबाद लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में सात विधानसभा सीटें दोरनाकल, महबूबाबाद, नरसामपेट, मुलुग, पिनपाका, येल्लांडू और भद्राचलम हैं. इनमें से छह सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित हैं और एक सीट नरसामपेट अनारक्षित है. इनमें से चार सीटों पर कांग्रेस, दो पर टीआरएस और एक सीट पर टीडीपी विधायक हैं. महबूबाबाद में पुरुषों के मुकाबले महिला मतदाताओं की संख्या ज्यादा है. 6,88,398 पुरुष मतदाता और 6,98,945 महिला मतदाता हैं यानी कुल 13,87,343 मतदाता हैं. 2014 के लोकसभा चुनावों में लगभग बराबर संख्या (दोनों 80 फीसदी से ज्यादा) में अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था.
2014 का जनादेश
2014 में हुए लोकसभा चुनावों में टीआरएस के अजमीरा सीताराम नाइक को करीब 35 हजार वोटों के अंतर से जीत मिली थी. उन्होंने कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार और पिछले सांसद बलराम नाइक को मात दी थी. सीताराम नाइक को 28.51 फीसदी यानी 3,20,569 वोट मिले थे. वहीं, दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस उम्मीदवार बलराम नाइक को 25.4 फीसदी यानी 2,85,577 वोट मिले थे. तीसरे नंबर पर रहे टीडीपी के उम्मीदवार बनोथ मोहनलाल भी ज्यादा पीछे नहीं थे. उन्हें 19.2 फीसदी यानी 2,15,904 वोट मिले थे.
सांसद का रिपोर्ट कार्ड
महबूबाबाद के सांसद अजमीरा सीताराम नाइक की संसद में उपस्थिति (70 फीसदी) ठीक रही है. वह राष्ट्रीय औसत- 80 फीसदी से पीछे हैं तो अपने राज्य के सांसदों के औसत- 69 से आगे हैं. उन्होंने इस दौरान केवल 29 बहसों में हिस्सा लिया, जबकि इस मामले में राष्ट्रीय औसत 65.3 बहसों का है और उनके राज्य का औसत 38.2 बहसों का है. इस दौरान नाइक ने सदन में 134 सवाल पूछे. देश के भर के सांसदों का सवाल पूछने का औसत 285 सवालों का है तो तेलंगाना के सांसदों का औसत 295 सवालों का है. इस दौरान वह एक भी प्राइवेट मेंबर बिल नहीं लाए. सीताराम नाइक को उनके निर्वाचन क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए 17.50 करोड़ रुपये की राशि आवंटित हुई थी जो ब्याज समेत मिलाकर 19.52 करोड़ रुपये हो गई थी. उन्होंने यह पूरी राशि विकास कार्यों में खर्च की जो कि मूल आवंटित राशि का 110 फीसदी बैठता है.