कोलकाता में 19 जनवरी को होने वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की महारैली को केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी पार्टियों के लिए एक मंच के रूप में देखा जा रहा है. इस रैली के बाद ममता विपक्षी पार्टियों के लिए 'टी पार्टी' का आयोजन भी करेंगी. गुरुवार को ममता ने कहा, 'बैठक के बाद विपक्षी नेताओं के लिए एक चाय पार्टी का आयोजन किया जाएगा. हम चाय पिएंगे और विपक्षी नेताओं के साथ बातचीत करेंगे.'
विपक्षी नेताओं के एकजुट करने में जुटीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार के खिलाफ शक्ति प्रदर्शन करने के लिए कोलकाता में महारैली करने जा रही हैं. तृणमूल कांग्रेस की इस महारैली में लाखों लोगों के शामिल होने की बात कही जा रही है. यह रैली शहर के बीचों-बीच स्थित ब्रिगेड परेड में होने जा रही है. इस रैली के लिए सभी विपक्षी नेताओं को बुलाया गया है. बताया जा रहा है कि रैली के बाद होने वाली इस टी पार्टी में विपक्ष अपनी रणनीति तैयार करेगा.
इस महारैली में मुख्यमंत्रियों- अरविंद केजरीवाल, एचडी कुमारस्वामी, एन चंद्रबाबू नायडू के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला, राजद नेता तेजस्वी यादव, द्रमुक के एम के स्टालिन, बीजेपी के बागी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा के अलावा अन्य नेताओं के शामिल होने की संभावना है. इस रैली में सीएम ममता के साथ समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा, राकांपा नेता शरद पवार, रालोद नेता चौधरी अजीत सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी, पाटीदार नेता हार्दिक पटेल, दलित नेता जिग्नेश मेवाणी और झारखंड विकास मोर्चा के प्रमुख बाबूलाल मरांडी भी मौजूद रहेंगे.
इस महारैली में रैली में न तो कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और न ही यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी शामिल होंगी. कांग्रेस के इस फैसले पर पार्टी की पश्चिम बंगाल इकाई ने खुशी जताई है कि पार्टी के दोनों वरिष्ठ नेता इस महारैली में शामिल नहीं होंगे. कांग्रेस और बसपा को छोड़कर लगभग सभी बड़ी पार्टियों के अध्यक्ष और नेता शामिल हो रहे हैं. हालांकि, इसमें ममता के विरोधी वामदल शामिल नहीं होंगे.
भाकपा के राष्ट्रीय सचिव डी राजा ने बताया, 'वामदल, जो बनर्जी की रैली का बहिष्कार कर रहे हैं, तीन फरवरी को कोलकाता में मौजूद रहेंगे जहां वे एक बड़े कार्यक्रम आयोजित कर रहे है.' कांग्रेस ने पार्टी की तरफ से रैली के लिए वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम तय किया गया है. वहीं, बसपा प्रमुख मायावती ने अपनी पार्टी की तरफ से रैली के लिए महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा का नाम तय किया है. इस बीच, सपा नेता अखिलेश यादव के रैली से एक दिन पहले ही कोलकाता पहुंच जाएंगे.
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले हो रही इस रैली को ममता ने मोदी सरकार के खिलाफ 'ताबूत की कील' बताया है. साथ ही ममता ने उन्होंने दावा किया कि लोकसभा चुनावों में बीजेपी को 125 से ज्यादा सीटें नहीं मिलेंगी. ममता ने कहा, 'चुनावों के बाद क्षेत्रीय दल निर्णायक की भूमिका में होंगे. रैली भाजपा के ताबूत में कील साबित होगी. वे 125 सीटों से अधिक हासिल नहीं कर पाएंगे.'
भाजपा के बागी नेता शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा, 'मुझे अपनी पार्टी में सम्मान नहीं मिला और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी की कोलकाता में शनिवार को होने वाली रैली में मौजूद रहूंगा. वह 'राष्ट्र मंच' के प्रतिनिधि के तौर पर ममता द्वारा आयोजित महारैली में शामिल होंगे. उन्होंने रैली में शामिल होने को उचित ठहराते हुए कहा, 'भाजपा के कुछ नेता भी आरएसएस के कार्यक्रम में शिरकत करते हैं.' उन्होंने कहा, 'अभी तक पार्टी के प्रति मेरी वफादारी पर सवाल नहीं किए जा सकते हैं. मैं भाजपा में तब शामिल हुआ जब यह दो सांसदों की पार्टी थी और मैंने हमेशा इसे मजबूत करने के लिए काम किया है.'