लोकसभा चुनाव के छह चरण पूरे होने के बाद कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर एक बार फिर चर्चा में आ गए हैं. लंबे समय से चुप्पी के बाद मणिशंकर अय्यर ने 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर दिए अपने विवादास्पद बयान 'नीच इंसान' को सही ठहराते हुए एक लेख लिखा और पूछा क्या मैं सही नहीं था. इसके अलावा कई अन्य मामलों में भी प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना की.
2017 गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'नीच इंसान' कहा था जिस पर खासा विवाद हो गया था और उनके इस बयान से किनारा करते हुए पार्टी ने उन्हें निलंबित कर दिया. बाद में उन्हें अपने इस बयान पर माफी भी मांगनी पड़ी थी.
मणिशंकर अय्यर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए अपने एक लेख में लिखा, 'क्या प्रधानमंत्री मोदी जीतेंगे. 23 मई को देश की जनता उन्हें सत्ता से बाहर कर देगी. क्या आपको याद है कि मैंने 7 दिसंबर 2017 को क्या कहा था, क्या मेरी भविष्यवाणी सही नहीं थी?'
पौराणिक बातों पर मोदी का विश्वास
इससे पहले उन्होंने अपने लेख में कहा कि मोदी को चेताए जाने की जरुरत है कि उन्होंने सेना और सीआरपीएफ के शहीदों के बलिदान को चुनावी अभियान में शामिल कर गलत काम किया है. मणिशंकर अय्यर ने लेख में लिखा कि मैंने पता लगा लिया कि नरेंद्र मोदी, जवाहर लाल नेहरू से बहुत नफरत करते हैं. नेहरू ने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से नेचुरल साइंस में डिग्री हासिल की थी. जिस कारण उन्हें भारत और भारतीयों को अंधविश्वास से बाहर निकालने की कोशिश की. जबकि पीएम मोदी 'उड़नखटोला' और 'प्लास्टिक सर्जरी' जैसी पौराणिक बातों पर विश्वास करते हैं.
उन्होंने आगे लिखा कि इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के पास यूनिवर्सिटी की डिग्री नहीं थी, शायद यह अच्छा रहा क्योंकि वे महान प्रधानमंत्री रहे. स्टेट्समैनशिप एक सिविल सर्विस एग्जाम नहीं है और सरकार चलाने के लिए यूनिवर्सिटी जाने की जरुरत नहीं होती. सबसे मशहूर उदाहरण विस्टन चर्चिल का है.
अपने लेख में अय्यर ने लिखा कि हमने अपने प्रधानमंत्री को यह कहते सुना कि उन्होंने भारतीय वायुसेना को बालाकोट में एयरस्ट्राइक करने का आदेश दिया, लेकिन वायुसेना के वरिष्ठ अफसरों ने भारी बादल होने के कारण टालने की बात कही तो उन्होंने कहा कि भारी बादल वायुसेना के लिए बहुत अच्छा है क्योंकि घने बादलों के कारण यह अभियान पाकिस्तानी रडार की पकड़ में नहीं आएगा. साथ ही उन्होंने पीएम मोदी पर 1987 में राजीव गांधी के लक्षद्वीप घूमने के लिए आईएनएस विराट के इस्तेमाल किए जाने के आरोप की आलोचना की.
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