कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोमवार को लखनऊ में मेगा रोड शो किया. लोकसभा चुनाव अभियान का आगाज करते हुए प्रियंका अपने भाई कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के पार्टी प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ लखनऊ में रोड शो के लिए निकलीं. इस दौरान कार्यकर्ताओं में गजब का उत्साह देखा गया. कांग्रेस कार्यकर्ता उनकी एक झलक पाने और उसे अपने मोबाइल फोन के कैमरे में कैद करने के लिए बेताब नजर आए. लेकिन रोड शो के लिए जुटी इसी भीड़ में चोरों ने अपने हाथ भी साफ कर लिए और 50 से ज्यादा मोबाइल उड़ा ले गए.
असल में, प्रियंका गांधी वाड्रा का रोड शो लखनऊ एयरपोर्ट से कांग्रेस कार्यालय तक जाना था. इस दौरान काफी संख्या में भीड़ रोड शो के दौरान चल रही थी. कई चोर भी इस भीड़ का हिस्सा बने. भीड़ में मौका पाकर चोरों ने कई लोगों के मोबाइल पर हाथ मार दिए. जब प्रियंका गांधी का काफिला लखनऊ के सरोजनीनगर थाना क्षेत्र में पहुंच तो कई कार्यकर्ताओं के मोबाइल फोन गायब हो गए.
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उसी चैराहे के नजदीक मोबाइल चोरी के आरोप में एक आदमी को पकड़ा भी. कार्यकर्ताओं ने उस शख्स को पुलिस के सुपुर्द कर दिया. हालांकि, उसके पास से चोरी के मोबाइल फोन बरामद नहीं हुए. जिसे में बाद में पुलिस ने छोड़ दिया. वहीं कांग्रेस के कार्यकर्ता अभिषेक सिंह ने बताया कि उनका और उनके साथ लगभग 50 से अधिक लोगों का मोबाइल और पर्स चोरी हो गया. इसकी शिकायत उन्होंने सरोजनीनगर थाना के इंस्पेक्टर त्रिलोकी सिंह से किया. लेकिन उन्होंने उनकी तहरीर पर मामला दर्ज नहीं किया है.
जब मजिस्ट्रेट और कांग्रेस प्रवक्ता का मोबाइल हुआ गायब
रैली के दौरान ड्यूटी पर तैनात एसीएम प्रसाशन का फ़ोन भी किसी ने चुरा लिया. वहीं, दूसरी तरफ चोरों ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं को भी नहीं बख्शा कांग्रेस के प्रवक्ता जीशान हैदर का भी मोबाइल चोरी हो गया. इसकी वजह से वह काफी परेशान नजर आए. मीडियाकर्मियों के मोबाइल पर भी चोरों ने हाथ साफ कर दिए. पुलिस साइबर सेल के सीओ अभय मिश्रा ने बताया कि पचास से ज्यादा लोगों ने फोन चोरी किए जाने की शिकायत दर्ज कराई है. इन पीड़ित लोगों में एसीएम प्रसाशन भी शामिल है. मामले की जांच की जा रही है. मोबाइल को सर्विलांस पर लगाकर छानबीन की जा रही है.गौरतलब है कि देश की सियासत की दिशा तय करते रहे उत्तर प्रदेश में प्रियंका को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के राजनीतिक प्रतिनिधित्व के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के गढ़ के रूप में उभरे पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रभारी के तौर पर एक मुश्किल जिम्मेदारी दी गई है.