बीते दिनों चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक पार्टियों से सेना की तस्वीर के इस्तेमाल पर रोक लगाई थी. इसके बावजूद राजनीतिक पार्टियों और सरकार में बैठे लोगों के कान पर जू नहीं रेंग रहा है. महाराष्ट्र के कई मंत्रियों, मौजूदा विधायकों और सांसदों ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से सेना की तस्वीर नहीं हटाई है.
शुरुआत महाराष्ट्र सरकार के सहकारिता, विपणन और कपड़ा मंत्री सुभाष देशमुख से करेंगे. उन्होंने अपने आधिकारिक फेसबुक पेज से विंग कमांडर अभिनंदन की तस्वीर नहीं हटाई है. विंग कमांडर अभिनंदन की बहादुरी को लेकर सुभाष देशमुख ने मराठी में एक मार्च को फेसबुक पोस्ट किया था, जो अभी तक नहीं हटाया गया है.
इसी तरह कांग्रेस नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल ने भी अभिनंदन की तस्वीर शेयर की और लिखा, वेलकम होम. राधाकृष्ण के बेटे अभी कुछ दिन पहले ही बीजेपी में शामिल हुए है. अभिनंदन की तस्वीर के अलावा उन्होंने 8 मार्च को महिला दिवस के मौके पर भारतीय वायुसेना की महिला पायलट की भी तस्वीर शेयर की.
राधाकृष्ण विखे पाटिल का फेसबुक पोस्ट
जलगांव के भाजपा सांसद एटी नाना पाटिल ने भी अपने फेसबुक टाइमलाइन पर कई तस्वीर शेयर की है. सांसद ने अभिनंदन की एक तस्वीर अपलोड की, जिसमें कहा गया था कि कैसे बीजेपी उन्हें पाकिस्तान से बाहर निकालने की कोशिश की थी, जबकि विपक्ष के लोग सरकार के खिलाफ बयानबाजी कर रहे थे. इसके अलावा 6 मार्च को उन्होंने सेना के जवानों की एक तस्वीर अपलोड की, जिसमें लिखा है कि पाकिस्तानी सेना को भारतीय सेना ने एक अच्छा सबक सिखाया.
एटी नाना पाटिल का फेसबुक पोस्ट
मुंबई के ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के विधायक वारिस पठान ने भी अपने आधिकारिक फेसबुक पेज से 2 मार्च को अभिनंदन और ओवैसी भाइयों के साथ खुद की एक पोस्ट थी. फोटो में कहा गया, 'भारत में आपका स्वागत है" जयहिन्द अभिनंदन वर्थमान'. पायलट और एक शेर की.
विधायक वारिस पठान का फेसबुक पोस्ट
इसी तरह अचलपुर से निर्दलीय विधायक बेचू कडु ने अपने आधिकारिक फेसबुक पेज से एक भारतीय एयरफोर्स के विमान की फोटो लगाकर खुशी जाहिर की है. 26 फरवरी को यह फोटो अपलोड की गई थी.
बेचू कडु का पोस्ट
बता दें, विंग कमांडर अभिनंदन वर्थमान 1 मार्च को भारत लौट आए थे और इसीलिए अधिकांश राजनीतिक नेताओं ने उस दिन इस तरह के पोस्टर अपलोड किए थे. हालांकि हाल ही में चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों से अपने चुनाव प्रचार के दौरान अपने प्रचार पोस्टर और अन्य विज्ञापन में सशस्त्र बलों की तस्वीर का इस्तेमाल करने पर रोक लगाई है. बावजूद इसके नेताओं ने अपने फेसबुक पोस्ट को डिलिट करने की जहमत नहीं उठाई है.