केन्द्र में सत्तारूढ़ नरेन्द्र मोदी सरकार अपने कार्यकाल के आखिरी पड़ाव पर है. अगले कुछ महीनों में आम चुनावों का बिगुल बजने वाला है. 26 मई 2014 को मोदी सरकार ने शपथ ली थी. मई 2019 में नई सरकार का गठन होना है. इसके लिए मोदी सरकार अपने नए नारे का ऐलान कर चुकी है. साफ नीयत सही विकास, 2019 में फिर मोदी सरकार.
ऐसे में देश की जनता के सामने अहम सवाल हैं कि क्या 2019 में आम चुनावों की वोटिंग से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अधिक लोकप्रियता कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की है? क्या आगामी चुनावों में राहुल गांधी प्रधानमंत्री पद के प्रबल दावेदार हैं?
गौरतलब है कि आठ साल पहले देश की राजनीति में बतौर प्रधानमंत्री पद के दावेदार राहुल गांधी की लोकप्रियता उस वक्त एक राज्य के मुख्यमंत्री रहे नरेंद्र मोदी से अधिक थी. वहीं नरेंद्र मोदी के इर्द-गिर्द विवाद भी गहरे थे. हालांकि इसकी एक वजह प्रधानमंत्री पद की दौड़ में बीजेपी से लाल कृष्ण आडवाणी की मौजूदगी भी थी.
लेकिन जब पार्टी के अंदर मोदी के नाम पर आम राय बनना शुरू हुई तो वे न सिर्फ लाल कृष्ण आडवाणी को पीछे छोड़ने में सफल हुए बल्कि लोकप्रियता में राहुल गांधी को भी मीलों पीछे छोड़ गए. जनवरी 2014 तक नरेंद्र मोदी बतौर प्रधानमंत्री पूरे देश की पहली पसंद बने और चुनाव तक राहुल गांधी उनके नजदीक भी नहीं पहुंच सके.
मोदी को कैसी मिली थी इकोनॉमी? चिदंबरम के आखिरी बजट में छिपी है सच्चाई
अब जब आम चुनाव 2019 का बिगुल बजने जा रहा है राहुल गांधी ने लोकप्रियता के मामले में नरेन्द्र मोदी से फासले को कम कर लिया है. हालांकि ऐसा भी नहीं है कि नरेन्द्र मोदी इस दौड़ में पिछड़ रहे हैं. हां यह जरूर है कि राहुल गांधी की स्वीकार्यता में इजाफा हो रहा है. इसके साथ ही यह भी सवाल है कि क्या एंटी इंकम्बेंसी भी नरेंद्र मोदी के खिलाफ काम कर रही है. सवाल यह भी कि क्या राहुल गांधी प्रधानमंत्री पद की इस दौड़ में नरेंद्र मोदी को पीछे छोड़ पाएंगे?
देश का सबसे विश्वसनीय न्यूज चैनल आजतक एक बार फिर आ रहा है मूड ऑफ द नेशन यानी देश का मिजाज के साथ. देश भर में हजारों लोगों के बीच ऐसे कई सवाल लेकर आजतक पहुंचा जिनके जवाब इस चुनावी महाकुंभ में आप भी जानना चाहेंगे. ऐसा ही एक सवाल मूड ऑफ द नेशन सर्वे में पूछा गया. क्या प्रधानमंत्री पद की दौड़ में अर्श से फर्श तक पहुंच चुके हैं जेडीयू नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार?
बीते पांच साल के दौरान हुए कई राजनीतिक सर्वे में पाया गया कि 2016-17 के दौरान नीतीश कुमार देश के अगले प्रधानमंत्री की दौड़ में आगे थे. हालांकि वह लगातार राहुल गांधी से पीछे रहे लेकिन तीसरे पायदान पर उनकी मौजदूगी उन्हें दौड़ से बाहर नहीं रख रही थी. लेकिन 2017 के अंत में नीतीश ने जैसे ही लालू प्रसाद यादव का दामन छोड़ा उनकी लोकप्रियता धूमिल हो गई. इस सवाल पर भी जानें क्या कहता है आजतक का मूड ऑफ द नेशन 2019.
मूड ऑफ दि नेशन में आजतक ने यह भी जानना चाहा कि अबतक कौन देश के सबसे लोकप्रिय प्रधानमंत्री रहा है? बीते लगभग एक दशक में जब यह सवाल पूछा गया तो शीर्ष पर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी रही हैं और महज कुछ मौकों पर ही वह इस पायदान से नीचे देखी गई हैं.
'मूड ऑफ दि नेशन' आपको बताएगा क्या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पहले कार्यकाल के बाद उन्हें इतनी लोकप्रियता मिल चुकी है कि वह इंदिरा गांधी को पछाड़ने की स्थिति में हैं? क्या इंदिरा को पछाड़ मोदी देश के सबसे लोकप्रिय प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं? वहीं देशभर की राय में इन दो शख्सियतों के सापेक्ष पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, अटल बिहारी वाजपेयी और राजीव गांधी लोकप्रियता की दौड़ में कहां खड़े हैं?