लोकसभा चुनाव 2019 के ऐलान में अब चंद दिन बचे हैं. लेकिन सियासी पारा दिनो-दिन बढ़ता जा रहा है. यूपी में मोदी सरकार को रोकने के लिए सपा-बसपा में गठबंधन हो गया है, वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी एक अलग फ्रंट बनाने में जुटी हैं. ऐसे में चुनौती एनडीए के सामने है, क्योंकि गैर-बीजेपी सभी दलों का एक ही लक्ष्य है कि 2019 में मोदी सरकार को बनने से रोका जाए.
लेकिन मोदी सरकार भी वापसी की ताल ठोक रही है. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का दावा है कि 2014 से ज्यादा सीटें उनकी पार्टी जीतने जा रही है. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विपक्ष की एकजुटता को 'मजबूरी का गठबंधन' बता रहे हैं. लेकिन पक्ष हो या विपक्ष दोनों की डोर जनता के पास है. ऐसे में आजतक ने लोकसभा चुनाव से पहले देश का मिजाज जानने के लिए एक सर्वे किया.
आजतक ने कार्वी इनसाइट्स के जरिये जनता की नब्ज टटोलने की कोशिश की है. आखिर, विपक्ष जिस मोदी सरकार को 2019 में उखाड़ फेंकने दावा कर रहा है उसमें कितना दम है. सर्वे में लोगों से पूछा गया कि क्या आप एनडीए को सरकार बनाने के लिए एक और मौका देना चाहेंगे? सर्वे में हमें जो जवाब मिला उससे ये कहा जा सकता है कि देश की जनता मोदी सरकार को लेकर अभी भी विश्वास है.
सर्वे में 60 फीसदी लोग एकमत से एनडीए को 2019 में एक और मौका देना चाहते हैं, यानी मोदी सरकार की वापसी चाहते हैं. सर्वे के मुताबिक 60 फीसद लोग मोदी सरकार के कामकाज से खुश हैं या फिर उन्हें लगता है कि एक मौका देने से एनडीए सरकार से जो उनकी उम्मीदें हैं वो पूरी हो जाएंगी. सर्वे में 32 फीसदी लोग एनडीए को दोबारा सरकार बनाने के लिए मौका नहीं देना चाहते हैं, यानी ये लोग मोदी सरकार के कामकाज से नाखुश हैं. जबकि 8 फीसद लोगों ने कोई राय नहीं दी, उन्होंने अभी तक फैसला नहीं किया है कि चुनाव में वो किसे साथ देंगे.
दरअसल 60 फीसद लोग एनडीए को एक और मौका देना चाहते हैं तो इससे ये साबित होता है कि सरकार को लेकर जनता में बड़ी नाराजगी नहीं है, और ये सर्वे विपक्ष के लिए एक बड़ा झटका भी है. अगर 60 फीसदी लोग मोदी सरकार की वापसी चाहते हैं तो फिर 2019 में दोबारा मोदी सरकार बनने में परेशानी नहीं होनी चाहिए.
इस सर्वे में एनडीए में जो राजनीतक दल शामिल हैं उनमें भारतीय जनता पार्टी, ऑल इंडिया एन रंगास्वामी कांग्रेस, अपना दल, बोडो पीपुल्स फ्रंट, डीएमडीए, जनता दल यूनाइटेड, असम गण परिषद, नागा पीपुल्स फ्रंट, पीएमके, नेशनल पीपुल्स पार्टी, आरपीआई(ए), शिरोमणि अकाली दल, सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट,शिवसेना शामिल हैं.