महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस सरकार के कामकाज से असंतुष्ट वोटरों की तुलना में संतुष्ट वोटर ज्यादा हैं. मुख्यमंत्री के लिए फडणवीस और प्रधानमंत्री के लिए नरेंद्र मोदी वोटरों की पहली पसंद बने हुए हैं. ये निष्कर्ष एक्सिस माई इंडिया की ओर से इंडिया टुडे के लिए कराए गए पॉलिटिकल स्टॉक एक्सचेंज (PSE) के ताजा सर्वे से सामने आए हैं. सर्वे के मुताबिक मराठा आरक्षण के पक्ष में अधिकतर वोटरों ने अपनी राय जताई. महाराष्ट्र में किसानों की नाराजगी का PSE डेटा से संकेत मिला. 36% प्रतिभागियों की राय में राज्य में किसानों को उनके उत्पादों का सही मूल्य नहीं मिल रहा.
PSE जनवरी सर्वे में मराठाओं को शिक्षा और सरकारी नौकरियों में 16% आरक्षण देने के विषय के फैसले को 77% प्रतिभागियों ने उचित बताया. वहीं 15% प्रतिभागियों ने इस फैसले को उचित नहीं बताया. 8% प्रतिभागी इस मामले में कोई स्पष्ट राय नहीं व्यक्त कर सके. बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा में मराठाओं को शिक्षा और सरकारी नौकरियों में 16% आरक्षण देने की व्यवस्था करने वाले बिल को 30 नवंबर 2018 को पास किया था. इस आरक्षण को कोर्ट में कई चुनौतियां दी गई हैं. बॉम्बे हाईकोर्ट इन पर 23 जनवरी को सुनवाई करेगा.
36% किसानों ने माना, नहीं मिल रहा उत्पाद का उचित मूल्य
PSE सर्वे के मुताबिक 36% किसान प्रतिभागी मानते हैं कि किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य नहीं मिल रहा. सिर्फ 18% प्रतिभागी मानते हैं कि किसानों को उनके उत्पादों का उचित मूल्य मिल रहा है. इस सवाल पर 46% प्रतिभागी कोई स्पष्ट राय नहीं व्यक्त कर सके. महाराष्ट्र सरकार की ओर से सूखे से निपटने के लिए उठाए गए कदमों पर PSE सर्वे में 48% प्रतिभागी संतुष्ट दिखे. जबकि 46% प्रतिभागियों का कहना है कि वो इन कदमों से संतुष्ट नहीं हैं. 6% प्रतिभागी इस सवाल पर कोई स्पष्ट राय नहीं जता सके.
महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार के कामकाज से वोटर संतुष्ट ज्यादा है असंतुष्ट कम. PSE जनवरी सर्वे में 41% वोटरो ने राज्य सरकार के कामकाज से खुद को संतुष्ट बताया. वहीं सितंबर-अक्टूबर में हुए PSE सर्वे में ये आकंड़ा 37 फीसदी ही था. ताजा PSE सर्वे में राज्य सरकार के कामकाज से 34% वोटरों ने खुद को असंतुष्ट बताया. तीन महीने पहले हुए PSE सर्वे में 32% प्रतिभागियों ने खुद को असंतुष्ट बताया था. ताजा सर्वे में 20% वोटरों ने फडणवीस सरकार के कामकाज को औसत बताया.
केंद्र में बीजेपी सरकार के कामकाज को लेकर सर्वे के मुताबिक 45% वोटर संतुष्ट हैं. तीन महीने पहले PSE सर्वे में ये आंकड़ा 43% था. केंद्र में मोदी सरकार के कामकाज से PSE सर्वे में ने 33% ने खुद को असंतुष्ट बताया. तीन महीने पहले हुए सर्वे में ऐसे प्रतिभागी 31% थे. PSE जनवरी सर्वे में 20% वोटरों ने मोदी सरकार के कामकाज को औसत माना.
पीएम के लिए मोदी पहली पसंद
प्रधानमंत्री के लिए लोकप्रियता की दौड़ में नरेंद्र मोदी कहीं आगे बने हुए हैं. ताजा सर्वे में 48% प्रतिभागियों ने मोदी को पीएम के लिए पहली पसंद बताया. सितंबर-अक्टूबर में हुए सर्वे में 47% वोटरों ने मोदी को पीएम के लिए पहली पसंद बताया था. जनवरी PSE सर्वे में 29% वोटरों ने राहुल को पीएम के लिए पहली पसंद बताया. तीन महीने पहले हुए सर्वे में 31% वोटरों ने राहुल को पीएम के लिए पहली पसंद बताया था.
PSE डेटा के मुताबिक देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री के लिए वोटरों की पहली पसंद बने हुए हैं लेकिन बीते तीन महीने में उनकी लोकप्रियता में की 2% की गिरावट आई है. ताजा सर्वे में 37% प्रतिभागियों ने फडणवीस को मुख्यमंत्री के लिए पहली पसंद बताया. जबकि सितंबर-अक्टूबर PSE सर्वे में ये आंकड़ा 39% था. सर्वे के मुताबिक शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को 15% प्रतिभागियों ने सीएम के लिए पहली पसंद बताया. सितंबर-अक्टूबर सर्वे में ये आंकड़ा 17% था. कांग्रेस नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण को ताजा सर्वे में 10% प्रतिभागियों ने मुख्यमंत्री के लिए अपनी पसंद बताया. चव्हाण की लोकप्रियता में पिछले तीन महीने में 3% का इजाफा हुआ. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को भी ताजा सर्वे मे 8% प्रतिभागियों ने सीएम के लिए पहली पसंद बताया.
PSE सर्वे में जब किसान प्रतिभागियों से पूछा गया कि क्या पिछले चार सालों में किसानों की स्थिति में सुधार हुआ तो 31% प्रतिभागियों ने ‘हां’ में जवाब दिया. वहीं 45% का जवाब ‘नहीं’ था. 16% प्रतिभागियों ने कहा कि किसानों की स्थिति जैसी थी वैसी ही अब भी है.
राफेल डील नहीं जानती 63% जनता
राफेल डील के बारे में सर्वे में 63% प्रतिभागियों ने कहा कि उन्होंने इसके बारे में नहीं सुना. सिर्फ 23 फीसदी प्रतिभागियों ने कहा कि उन्हें इस डील की जानकारी है. जिन्होंने राफेल डील के बारे में सुन रखा है उनमें से 35% वोटरों की राय में राफेल डील में भ्रष्टाचार नहीं हुआ. वहीं 30% प्रतिभागी मानते हैं कि राफेल डील में भ्रष्टाचार हुआ. सर्वे में 35% प्रतिभागियों ने कहा कि वो इस बारे में स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कह सकते.
बेरोजगारी होगा अहम मुद्दा
PSE सर्वे के मुताबिक अगले लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में सबसे अहम चुनावी मुद्दा बेरोजगारी होगा. सर्वे में सबसे ज्यादा 25% प्रतिभागियों ने रोजगार के अवसर को सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा माना. वहीं 21% वोटरों की राय के मुताबिक पीने का पानी और 20% की राय में महंगाई सबसे अहम मुद्दे रहेंगे. सर्वे में 18% ने प्रतिभागियों ने कृषि और किसानों से जुड़ी दिक्कतों को महत्वपूर्ण मुद्दा बताया.
एक्सिस माई इंडिया की ओर से PSE सर्वे 9 से 16 जनवरी 2019 के बीच किया गया. इस दौरान महाराष्ट्र के सभी 48 संसदीय क्षेत्रों में टेलीफोन इंटरव्यू लिए गए. इसमें 5,200 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया.