पीएम नरेंद्र मोदी ने शनिवार को एनडीए की संसदीय दल की बैठक को संबोधित किया . उन्होंने कहा कि प्रचंड जनादेश जिम्मेदारियों को और बढ़ा देता है. चुनाव दूरियां पैदा कर देता है, दीवार बना देता है. लेकिन 2019 के चुनाव ने दीवार तोड़ दी और दिलों को जोड़ा है. यह चुनाव सामाजिक एकता का आंदोलन बन गया है. संसद भवन के सेंट्रल हॉल में उन्होंने कहा, जनप्रतिनिधि के लिए कोई भेद रेखा नहीं हो सकती. उसे बदला लेने का हक नहीं होता. वह सबके लिए समान होता है.
पीएम ने कहा, विश्वास की डोर जब मजबूत होती है तो प्रो-इनकंबेंसी लहर पैदा होती है. ये चुनाव पॉजिटिव वोट का चुनाव है. फिर से सरकार को लाना है, काम देना है, जिम्मेदारी देनी है. इस सकारात्मक सोच ने इतना बड़ा जनादेश दिया है. पीएम ने कहा, 2014 में भाजपा को जितने वोट मिले और 2019 में जो वोट मिले, उनमें जो इजाफा हुआ है, वह करीब-करीब 25 प्रतिशत है. लेकिन ग्लोबल परिदृश्य में देखें तो अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप को जितने वोट मिले थे, उतना हमारा इंक्रीमेंट है.
#WATCH PM Narendra Modi addressing NDA Parliamentary meet says, "Media ke logo ko bhi pata hota hai ki 6 namune hain, vaha subah pahoch jayo, gate ke bahar khade raho, nikal ke kuchh to bolega." pic.twitter.com/dTtzu9uz6M
— ANI (@ANI) May 25, 2019
सर्वसम्मति से एनडीए संसदीय दल के नेता चुने जाने के बाद अपने संबोधन से पूर्व प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भारत के संविधान को मस्तक झुकाकर नमन किया... pic.twitter.com/8TB9rlODj4
— BJP (@BJP4India) May 25, 2019
भाषण में पीएम ने कहा कि आजादी के बाद इस बार सबसे ज्यादा महिलाएं संसद में चुनकर आई हैं. उन्होंने नए और पुराने सांसदों को बड़बोले बयानों के अलावा अहंकार से बचने की नसीहत भी दी. उन्होंने कहा, छपास (अखबार में छपने) और दिखास (टीवी में दिखने) से बचना चाहिए. इससे अगर बचकर चलते हैं तो बहुत कुछ बचा सकते हैं.
'वीआईपी कल्चर से बचें'
पीएम ने हॉल में मौजूद सभी सांसदों और नेताओं से कहा, ''दिल्ली में आकर अच्छे-अच्छे फंस जाते हैं. कोई भी मंत्री बनने के नाम पर बहकावे में न आए. वीआईपी कल्चर से बचकर रहने की भी जरूरत है.'' पीएम ने कहा, एनडीए के पास दो जरूरी चीजें हैं, पहला एनर्जी और दूसरा सिनर्जी. ये एनर्जी और सिनर्जी एक ऐसा केमिकल है, जिसको लेकर हम सशक्त और सामर्थ्यवान हुए हैं, जिसको लेकर हमें आगे चलना है.
#WATCH PM Narendra Modi says, "Desh mein bahot aise Narendra Modi paida ho gaye hain jinhone mantri mandal bana diya hai. Sabka total lagayenge to shayad 50 MP reh jayenge jo mantri ki list mein nahi ayenge." pic.twitter.com/fywCeDGEzi
— ANI (@ANI) May 25, 2019
'अल्पसंख्यकों को डराकर रखा गया'
अपने भाषण के दौरान पीएम ने दलितों और अल्पसंख्यकों का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि अगर अल्पसंख्यकों की बेहतरी की चिंता की गई होती तो अच्छा होता. लेकिन डर का माहौल बनाकर उन्हें दूर रखा गया और चुनाव के दौरान उनका वोटबैंक के तौर पर इस्तेमाल किया गया. इसी छल में हमें छेद करना है. पीएम ने कहा, जो हमें वोट नहीं देते वो भी हमारे हैं, जो हमारे धुर विरोधी हैं, वे भी हमारे हैं. देश के 130 करोड़ लोगों में कोई भेदभाव नहीं. पीएम मोदी के भाषण के दौरान सदन में बीजेपी के 303 और एनडीए के 353 नवनिर्वाचित सांसद मौजूद थे.
इससे पहले सर्वसम्मति से पीएम नरेंद्र मोदी को संसदीय दल का नेता चुना गया. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने उनके नाम का प्रस्ताव रखा, जिस पर सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से हामी भरी. इसके बाद बीजेपी की सहयोगी पार्टियों ने एनडीए संसदीय दल के नेता के तौर पर मोदी के नाम पर मुहर लगाई. सबसे पहले एनडीए संसदीय दल के नेता के तौर पर अकाली दल के नेता प्रकाश सिंह बादल, बिहार के सीएम नीतीश कुमार, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, एलजेपी चीफ रामविलास पासवान ने मोदी के नाम का प्रस्ताव रखा, जिसका सभी ने समर्थन किया.
छुए आडवाणी और जोशी के पैर
जैसे ही पीएम नरेंद्र मोदी सेंट्रल हॉल में आए, वहां मौजूद सभी सदस्यों ने उनका स्वागत किया. मंच पर पीएम मोदी के साथ राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज, अमित शाह, लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, प्रकाश सिंह बादल, नीतीश कुमार, रामविलास पासवान, उद्धव ठाकरे मौजूद रहे. पीएम मोदी ने इस दौरान आडवाणी, प्रकाश बादल और जोशी के पैर छूकर आशीर्वाद लिया.
राष्ट्रपति से मिले मोदी
संबोधन के बाद पीएम मोदी ने राष्ट्रपति भवन जाकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की. उन्होंने मोदी को प्रधानमंत्री नियुक्त कर नई सरकार बनाने का न्योता दिया. साथ ही मंत्रिपरिषद् और शपथ ग्रहण की तारीख तय करने को कहा. इसके बाद पीएम ने कहा, भारत के लिए दुनिया में कई अवसर हैं और सरकार उनका पूरा इस्तेमाल करने के लिए काम करेगी और एक पल के लिए भी आराम नहीं करेगी. मोदी ने कहा कि लोगों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि नई सरकार उनकी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी.पीएम मोदी और उनके कैबिनेट ने शुक्रवार को 16वीं लोकसभा भंग कर इस्तीफा दे दिया था.