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आंध्र प्रदेश: नेल्‍लोर लोकसभा सीट पर YSR कांग्रेस ने पूर्व TDP नेता को उतार रोमाचंक की जंग

नेल्‍लोर लोकसभा सीट कांग्रेस के दबदबे वाली सीट रही है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कांग्रेस ने यहां से कुल 13 बार जीत हासिल की है. यहां तक कि 1982 में टीडीपी के अस्तित्व में आने के बाद हुए 10 लोकसभा चुनावों में भी 6 बार कांग्रेस को जीत मिली. वहीं इन टीडीपी 2 बार और 2 बार वाईएसआर कांग्रेस ने जीत दर्ज की. 1957 के लोकसभा चुनाव में इस सीट से कांग्रेस को जीत मिली, जिसके बाद कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन किया और 1984 तक इस सीट पर कब्जा बरकरार रखा.

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YSR कांग्रेस के नेता जगन मोहन समर्थकों के साथ (फोटो-Twitter)
YSR कांग्रेस के नेता जगन मोहन समर्थकों के साथ (फोटो-Twitter)

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आंध्र प्रदेश की नेल्‍लोर लोकसभा सीट पर जगन मोहन ने चुनावी चाल चलते हुए मुकाबला रोमांचक कर दिया है. इस सीट पर 2014 में मेकापति राजामोहन रेड्डी वाईएसआर कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते थे. उन्होंने तब टीडीपी के अदाला प्रभाकर रेड्डी को 13 हजार 478 वोटों से हराया था. लेकिन पांच साल गुजरते गुजरते पूरा समीकरण बदल गया. अदाला प्रभाकर रेड्डी अब  YSR कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं. इस बार पार्टी ने नेल्लोर सीट से उन्हें ही मैदान में उतारा है. अदाला प्रभाकर रेड्डी का मुकाबला टीडीपी नेता मस्तान राव से हैं.

कांग्रेस ने इस सीट से देवकुमार रेड्डी को प्रत्याशी बनाया है. इस सीट से सीपीएम भी इस बार ताल ठोक रही है, पार्टी ने चंद्र राजगोपाल को अपना कैंडिडेट बनाया है. बीजेपी ने इस सीट से सुरेश रेड्डी को टिकट दिया है. इसके अलावा इस सीट से बड़ी संख्या में निर्दलीय कैंडिडेट भी मैदान में हैं.

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बता दें कि नेल्‍लोर लोकसभा सीट कांग्रेस के दबदबे वाली सीट रही है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कांग्रेस ने यहां से कुल 13 बार जीत हासिल की है. यहां तक कि 1982 में टीडीपी के अस्तित्व में आने के बाद हुए 10 लोकसभा चुनावों में भी 6 बार कांग्रेस को जीत मिली. वहीं इन टीडीपी 2 बार और 2 बार वाईएसआर कांग्रेस ने जीत दर्ज की. 1957 के लोकसभा चुनाव में इस सीट से कांग्रेस को जीत मिली, जिसके बाद कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन किया और 1984 तक इस सीट पर कब्जा बरकरार रखा.

इस सीट पर टीडीपी के सांसद के रूप में वक्कला राजेश्वरम्मा के कार्यकाल को छोड़ दिया जाए तो हर दूसरे सांसद ने कम से कम दो बार जीत हासिल किया है. 2004 में बीजेपी ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन 38.48% वोट हासिल करने के बाद भी हार गई.

सामाजिक ताना-बाना

आंध्र प्रदेश की नेल्लोर लोकसभा सीट के तहत 7 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. इसमें कंदकुर, कवाली, अतमाकुर, नेल्लौर शहरी और नेल्लौर ग्रामीण विधानसभा में वाईएसआर कांग्रेस का कब्जा है. वहीं, कोवुर और उदयगिरी में टीडीपी के विधायक हैं. 2014 लोकसभा चुनाव के आंकड़ों के मुताबिक इस लोकसभा क्षेत्र में कुल 16,06,127 मतदाता हैं. इनमें पुरुषों की संख्या 7,96,823 है और 8,09,115 महिलाएं हैं. ग्रामीण आबादी 65.73 फीसदी और शहरी आबादी 34.27 फीसदी है.

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2014 का जनादेश

वाईएसआर कांग्रेस सांसद मेकापति राजामोहन रेड्डी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के ए प्रभाकर रेड्डी को 1,90,323 वोटों के अंतर से हराया. इन चुनाव में टीडीपी दूसरे नंबर पर रही, वहीं 13 बार यह सीट फतह करने वाली कांग्रेस तीसरे नंबर पर खिसक गई. 2014 में 74.02 फीसदी लोगों ने वोट डाला. इस दौरान वाईएसआर कांग्रेस को सबसे ज्यादा 48.49 फीसदी वोट मिले. वहीं, टीडीपी को 47.35 फीसदी और  कांग्रेस को 1.92 फीसदी वोट प्राप्त हुए.

रिपोर्ट कार्ड

इस सीट पर मौजूदा सांसद मेकापति राजामोहन रेड्डी पिछले तीन चुनावों से लगातार लोकसभा पहुंच रहे हैं. वह 2004 (नरसर्पेट) और 2009 (नेल्लोर) में कांग्रेस पार्टी से टिकट पाकर चुनाव जीते और लोकसभा पहुंचे. इसके बाद उन्होंने पाला बदला और युवाजन श्रमि‍क रायथु कांग्रेस पार्टी (वाईएसआर कांग्रेस) का दामन थाम लिया. हालांकि, वाईएसआर कांग्रेस में आने के बाद भी उनका जीत का सिलसिला जारी रहा और 2012 (उपचुनाव) व 2014 आम चुनाव में विजयी होकर जीत की हैट्रिक लगाई. रेड्डी की लोकसभा में 91 फीसदी उपस्थिति रही. इस दौरान उन्होंने सदन की 59 बहसों में हिस्सा लिया और 310 सवाल पूछे.

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