जम्मू-कश्मीर विधान सभा चुनावों की तारीख का ऐलान नहीं होने पर नेशनल कान्फ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने ताबड़तोड़ कई ट्वीट किए हैं. उन्होंने अपने ट्वीट्स में चुनाव आयोग और केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह पर अपने वादे से मुकरने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि यह 1996 के बाद पहला मौका है जब जम्मू-कश्मीर में विधान सभा चुनाव नहीं होंगे.
उमर अब्दुल्ला ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने पाकिस्तान, हुर्रियत और आतंकियों के आगे हार मान ली है. आज 56 इंच की छाती फेल हो गई. उन्होंने कहा कि साल 2014 में बाढ़ की भयावह स्थिति के बाद भी जम्मू-कश्मीर में समय पर लोकसभा और विधानसभा चुनाव समय पर हुए थे. साथ ही उन्होंने कहा कि हमने देखा कि कैसे बीजेपी-पीडीपी गठबंधन ने जम्मू-कश्मीर में सरकार चलाई है?
इससे पहले चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया. लोकसभा चुनाव आगामी 11 अप्रैल से कुल 7 चरणों में संपन्न होगा. अरोड़ा ने कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए मतदान 11, 18, 23 अप्रैल और 6, 12, 19 मई को होंगे. उन्होंने कहा कि चुनाव परिणाम की घोषणा 23 मई को की जाएगी.
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव पर चुनाव आयोग ने कहा कि राज्य सरकार और गृह मंत्रालय से इस बाबत चर्चा की गई है. उन्होंने कहा कि राज्य में फिलहाल विधानसभा चुनाव नहीं होंगे. बता दें कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव पिछली बार 25 नवंबर-20 दिसंबर 2014 तक 5 चरणों में संपन्न हुए थे. राज्य में कुल 87 विधानसभा सीटें हैं. इनमें से पीडीपी ने 28, बीजेपी ने 25, नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 15 और कांग्रेस ने 12 जीती थीं. अन्य दलों ने 7 सीटें जीती थीं. बहुमत के लिए 44 सीटें जीतना जरूरी है. 19 जून 2018 तक राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती रहीं. बीजेपी और पीडीपी के गठबंधन की सरकार बनी थी. फिलहाल राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू है.