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सैम पित्रोदा बोले- मोदी को सत्ता से हटाना मकसद, सही वक्त पर साथ आएंगे विपक्षी दल

गठबंधन सही समय पर साथ आ जाएगा. मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि सभी पार्टियों का एक ही लक्ष्य है. सभी दल लोकतंत्र और शांति चाहते हैं. शांति से ही समृद्धि हो सकती है. देश में शांति से ही हम नौकरियों के नए अवसर उत्पन्न कर पाएंगे.

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सैम पित्रोदा को गठबंधन का भरोसा
सैम पित्रोदा को गठबंधन का भरोसा

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समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव और बीएसपी सुप्रीमो मायावती द्वारा कांग्रेस पर निशाना साधने के एक दिन बाद सैम पित्रोदा ने कहा कि सही समय पर विपक्षी दलों का गठबंधन साथ आ जाएगा. न्यूज़ एजेंसी ANI को दिए अपने इंटरव्यू में कांग्रेस के मुख्य रणनीतिकार पित्रोदा ने कहा कि सभी पार्टियों का मुख्य उद्देश्य मोदी सरकार को सत्ता से बाहर करना है, चाहे इसके लिए सीटों की संख्या पर ही समझौता करना पड़े.

पित्रोदा से जब पूछा गया कि गठबंधन अपने अंदरूनी मसले कैसे सुलझाएगा तो उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि इसपर हमें सोचना चाहिए, गठबंधन सही समय पर साथ आ जाएगा. मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि सभी पार्टियों का एक ही लक्ष्य है. सभी दल लोकतंत्र और शांति चाहते हैं. शांति से ही समृद्धि हो सकती है. देश में शांति से ही हम नौकरियों के नए अवसर उत्पन्न कर पाएंगे.

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पित्रोदा ने आगे कहा 'हम लोगों को बांटकर कभी भी नौकरियों के अवसर नहीं उत्पन्न कर सकते. मुझे गठबंधन के लोगों की नेतृत्व क्षमता पर विश्वास है. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आज उनके पास क्या पद है, जब भी सही समय आएगा, मुझे विश्वास है कि वह सही फैसला लेंगे.'

पिछले हफ्ते, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई में रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 50 सीटें भी नहीं मिलेंगी.

पीएम मोदी ने कहा था, विपक्षी सोच रहे हैं कि पहली बार वोट देने वाले मतदाता और नई पीढ़ी के लोग मोदी का क्यों समर्थन कर रहे हैं. नई पीढ़ी मोदी को इसलिए वोट कर रही है, क्योंकि उन्हें  उम्मीद है कि मोदी उनकी उम्मीदों को अभिव्यक्ति दे रहा है. ये लोग 2047 को देख रहे हैं, जब भारत अपनी आजादी के 100 साल मनाएगा लेकिन कुछ लोग हैं जो 20वीं शताब्दी में ही फंसे हुए हैं.

इस पर पित्रोदा ने कहा, 'कांग्रेस जीत रही है, हथियार डालने का तो सवाल ही खड़ा नहीं होता. उदाहरण के तौर पर तमिलनाडु में हमारी रैलियों को देखिए. वहां  हमें 30 सीटों का नुकसान हो रहा है तो सहयोगियों को 30 सीटें मिल रही हैं. महाराष्ट्र में भी ऐसा ही है. हमारे सहयोगियों को 15-20 सीटें मिल रही हैं तो हमें 15-20 सीटों का नुकसान हो रहा है. तो इसलिए यह हमारा और सहयोगी दलों का सही गठबंधन है.'

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इससे पहले प्रियंका गांधी ने दावा किया था कि यूपी में कांग्रेस मजबूत है और जहां पार्टी कमजोर पड़ेगी वहां हमने ऐसे उम्मीदवार खड़े किए हैं जो बीजेपी के वोट काटेंगे. वहीं प्रियंका के भाई और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी कहा था कि जहां गठबंधन के कमजोर उम्मीदवार हैं वहां कांग्रेस उनका साथ देगी. हमारा पहला लक्ष्य आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी को सत्ता से बाहर करना है.

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