AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पीएम मोदी फिर तंज कसा है. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के ट्वीट पर रिप्लाई करते हुए ओवैसी ने बीजेपी को घेरा है. अमित शाह ने ट्वीट कर कहा किया था 'पुलवामा हमले के बाद पीएम मोदी ने अपनी एयरफोर्स को आतंकियों को मारने के लिए भेजा था' इसके जवाब में असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर कहा 'मोदी की सेना, मोदी की वायु सेना, मोदी का परमाणु 'पटाखा'. 5 साल में जो सब देश का था, वो मोदी का हो गया. देश चला रहा थे या पबजी खेल रहे थे?'
Modi ki Sena, Modi ki Air Force, Modi ka nuclear ‘pataka’. 5 saal mein jo sab desh ka tha, wo Modi ka ho gaya
Desh chala rahe the ya PUBG khel rahe the? @PMOIndia https://t.co/1fvTzAZ39h
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) April 22, 2019
दरअसल, बीजेपी अध्यक्ष सोमवार को पश्चिम बंगाल में सभा करने पहुंचे थे. बंगाल के बीरभूम में ममता बनर्जी पर आतंकियों के साथ इलू-इलू का आरोप लगाते हुए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने पुलवामा हमले का भी जिक्र किया था. उन्होंने कहा, 'जो हमारे 40 जवान को मार दे, उससे बातचीत करनी चाहिए या बम गिराना चाहिए? क्या करना चाहिए? ममता दी आपको आतंकियों के साथ इलू-इलू करना है तो करिए. ये बीजेपी की सरकार है, पाकिस्तान से गोली आएगी, यहां से गोला जाएगा'.
इस दौरान अमित शाह ने कहा कि पुलवामा हमले के बाद पीएम मोदी ने अपने एयर फोर्स को आतंकियों को मारने के लिए भेजा था. बता दें कि 14 फरवरी को पुलवामा में 40 जवानों की शहादत का हवाला देते हुए ममता बनर्जी ने मोदी सरकार पर जवानों के खून पर राजनीति करने का आरोप लगाया था. साथ ही ममता ने कहा था कि मोदी सरकार को पुलवामा हमले की पूरी जानकारी थी, बावजूद इसके जवानों को नहीं बचाया गया. अब बीजेपी आतंकवाद के मुद्दे पर उन्हें घेर रही है.
इससे पहले एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने पीएम मोदी से सवाल किया था कि क्या वो आतंकवाद के केस की आरोपी साध्वी प्रज्ञा के लिए चुनाव प्रचार करेंगे. ओवैसी ने सीधा आरोप लगाया था कि मोदी ने आतंकवाद से समझौता कर लिया है.
मुंबई हमले के दौरान शहीद हुए हेमंत करकरे पर साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के बयान पर ओवैसी ने कहा था 'साध्वी ने कहा था कि शहीद पुलिस अधिकारी को श्राप लगा इसलिए उनका अंत हुआ. ये बयान गैरजिम्मेदाराना ही नहीं बल्कि उन बहादुर अफसरों की बेइज्जती है, जिन्होंने देश की सुरक्षा के लिए पाकिस्तान से आए आतंकवादियों से लड़ते हुए अपनी जान को कुर्बान कर दिया.
साध्वी प्रज्ञा से पहले मेनका के बयान पर ओवैसी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी. ओवैसी ने कहा था कि मेनका गांधी को समझना चाहिए कि वोट कोई सामंती सलामी नहीं है और न ही वोट के आधार पर वह किसी संप्रदाय विशेष के लोगों का काम करने से मना कर सकती हैं.
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