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9 से बढ़ाकर 12 सिलेंडर की खैरात पर चुनाव लड़ी थी कांग्रेस: PM मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, आप लोग (आजतक) अपने आप को सबसे तेज बताते हैं. आपकी टैग लाइन यही है–सबसे तेज. तो मैंने सोचा कि आज मैं भी आपको अपने बारे में और अपनी सरकार के बारे में बता दूं कि हम कितने तेज हैं.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2019 में शामिल हुए. उन्होंने इंडिया टुडे के मंच से कई मुद्दों पर बात की जिनमें सुरक्षा, किसान, शिक्षा, अर्थव्यवस्था, गरीबी और सैन्य बलों के विषय प्रमुख थे. अपने संबोधन में उन्होंने विपक्ष खासकर कांग्रेस पर निशाना साधा और अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं. अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने देश के लाखों गरीबों को गैस सिलेंडर दिया है. इसी क्रम में उन्होंने यह भी कहा कि पिछली सरकार टोकनिज्म की राजनीति करती रही और कांग्रेस तो 9 से बढ़ाकर 12 सिलेंडर देने की खैरात पर चुनाव लड़ी.

प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने चुनाव जीतने के लिए कई वादे किए. इसमें घरों को मिलने वाले गैस सिलेंडर की संख्या 9 से बढ़ाकर 12 किए जाने का वादा किया. प्रधानमंत्री ने कहा, 'कल्पना कीजिए कि एक देश की बड़ी राष्ट्रीय पार्टी ने क्या पोल प्लैंक (चुनावी वादा) दिया. वे हर चुनाव में टोकन (खैरात) की बात करते रहे. भारत गरीबी से जूझता रहे लेकिन वे खैरात की बात करते रहे. गरीबी हटाओ का नारा दिया लेकिन ये नहीं बताया कि इसे कैसे हटाना है. हमेशा कहते रहे कि गरीबी हटाओ, गरीबी हटाओ. उन्होंने वित्तीय समावेशन के लिए बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया, लेकिन ये नहीं बताया कि गरीबों का खाता कैसे खुले. कांग्रेस जैसी राष्ट्रीय पार्टी गैस सिलेंडर की संख्या 9 से बढ़ाकर 12 करने की खैरात पर चुनाव लड़ी.'

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प्रधानमंत्री ने कहा कि 'आजतक अच्छे सवाल पूछने के लिए जाना जाता है लेकिन आज मैं भी आजतक के मंच से कुछ सवाल पूछना चाहता हूं. आज तक क्यों करोड़ों लोग खुले में शौच के लिए विवश थे? आज तक क्यों दिव्यांगों के लिए सरकार संवेदनशील नहीं थी? आज तक क्यों गंगा का पानी इतना प्रदूषित था? आज तक क्यों नॉर्थ ईस्ट की उपेक्षा की गई? आज तक क्यों सेना के जांबाज वीरों के लिए नेशनल वॉर मेमोरियल नहीं था? आज तक क्यों वीर पराक्रमी पुलिसकर्मियों के लिए कोई नेशनल पुलिस मेमोरियल नहीं था? आज तक आजाद हिंद फौज की सरकार की याद में लाल किले में झंडा क्यों नहीं फहराया गया?'

प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, 'आप लोग (आजतक) अपने आप को ‘सबसे तेज’ बताते हैं. आपकी टैग लाइन यही है–सबसे तेज. तो मैंने सोचा कि आज मैं भी आपको अपने बारे में और अपनी सरकार के बारे में बता दूं कि हम कितने तेज हैं. आज हम सबसे तेज गति से भारत में गरीबी हटा रहे हैं. आज हम सबसे तेज गति से बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था हैं. 1991 से देखे तो पिछले 5 साल की अवधि में हमने जीडीपी ग्रोथ सबसे तेज़ गति से बढ़ाई है. 1991 से देखें तो पिछले 5 साल की अवधि में हमने सबसे तेज़ महंगाई दर को घटाया है.'

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प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश में सबसे तेज गति से सड़कों का निर्माण हो रहा है. आज सबसे तेज गति से रेलवे का विकास कार्य हो रहा है. आज हम सबसे तेज गति से गरीबों के लिए मकान बना रहे हैं. आज देश में सबसे तेज गति से मोबाइल मैन्यूफेक्चरिंग यूनिट लगाने का कार्य हुआ है. आज देश में सबसे तेज गति से ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क बिछाने का कार्य हो रहा है. आज देश में सबसे तेज गति से एफडीआई आ रही है. आज देश में सबसे तेज गति से स्वच्छता का दायरा बढ़ रहा है. तो जैसे ‘सबसे तेज़’ आपकी टैगलाइन है, तो इसी तरह से ‘सबसे तेज’ हमारी सरकार की लाइफलाइन है.

उन्होंने कहा, 'पिछली सरकार में आपने फूड सिक्योरिटी एक्ट का हाल देखा होगा. खूब हो-हल्ला मचाकर इसे लाया गया. जब मेरी सरकार आई तो मैं ये देखकर दंग रह गया कि ये एक्ट सिर्फ 11 राज्यों में लागू किया गया है. हमारी सरकार ने देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इस कानून को लागू किया. 2014 से 2019 आवश्यकताओं को पूरा करने का समय था, जबकि 2019 से आगे आकांक्षाओं को पूरा करने का अवसर है. 2014 से 2019 बुनियादी जरूरतों को हर घर तक पहुंचाने का समय था, जबकि 2019 से आगे तेज उन्नति के लिए उड़ान भरने का अवसर है.'

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देखें पीएम मोदी का पूरा भाषण

प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 से 2019 और 2019 से शुरू होने वाली आगे की ये यात्रा बदलते हुए सपनों की कहानी है. निराशा की स्थिति से आशा के शिखर तक पहुंचने की कहानी है. संकल्प से सिद्धि की ओर ले जाने वाली कहानी है. हमने किताबों में खूब पढ़ा है कि इक्कीसवीं सदी भारत की होगी. बीते पांच वर्षों की मेहनत और परिश्रम से हमने देश की नींव को मजबूत करने का काम किया है. इसी नींव पर नए भारत की भव्य इमारत का निर्माण होगा. आज मैं पूरे विश्वास के साथ कहता हूं कि हां इक्कीसवीं सदी भारत की होगी.

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