लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के लिए प्रचार जोरों पर चल रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कर्नाटक के बागलकोट में चुनावी सभा को संबोधित किया. पीएम ने एक बार फिर अपनी सभा में बालाकोट एयरस्ट्राइक का जिक्र किया और कहा कि आज पाकिस्तान दुनिया में जाकर चिल्ला रहा है बचाओ, ये मोदी मारता है.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस-जेडीएस कह रहे हैं कि चुनाव में बालाकोट का मुद्दा नहीं उठाना चाहिए, इससे हमारा वोटबैंक प्रभावित होता है. मैं दोनों से पूछना चाहता हूं कि इनका वोटबैंक बालाकोट में है या बागलकोट में.
PM ने कहा कि जब हमने एयरस्ट्राइक की, तो चोट वहां लगी लेकिन दर्द यहां हुआ था. तब तो शुरू में लोग कह रहे थे कि बालाकोट हिंदुस्तान में है, सारे कह रहे थे कि मोदी झूठ बोल रहा है. कोई कह रहा था कि कहीं बागलकोट में तो ऐसा नहीं हुआ.
कांग्रेस की मजबूर सरकार के दौरान पाकिस्तान खुलेआम कहता था कि मेरे ‘जेहादी’ हैं, कर लो क्या कर सकते हो?कांग्रेस की मजबूर सरकार रोती फिरती थी।
2014 में जो मजबूत सरकार आपने बनाई, उसका परिणाम है कि आज हम पाकिस्तान के भीतर जाकर आतंकियों को मारते हैं और पाकिस्तान रोता फिर रहा है: पीएम pic.twitter.com/MbC7u7mbNU
— BJP (@BJP4India) April 18, 2019
उन्होंने कहा कि ये लोग पहले 12 सिलेंडर के नाम पर वोट मांगते थे, लेकिन हमने इस लिमिट को ही खत्म कर दिया. मुंबई हमले के बाद पिछली सरकार बस इससे खुश थी कि वह पाकिस्तान के नागरिक हैं. दुनिया में जाकर कांग्रेस की मजबूर सरकार रोती रहती थी, 2014 में जो मजबूत सरकार बनी पाकिस्तान के घर में जाकर आतंकियों को मारती है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 5 वर्षों में भारत ने विकास और आत्मविश्वास की जो भी सीढ़ियां चढ़ी हैं, उसके पीछे सिर्फ और सिर्फ आपका आशीर्वाद है. मोदी ने सिर्फ आपके सेवक के नाते, आपके चौकीदार के नाते अपना काम किया है.
उन्होंने कहा कि मजबूत सरकार क्या होती है, वो देखना है तो दिल्ली की तरफ देखो. मजबूर सरकार क्या होती है, अगर वो देखना है तो बंगलुरु की तरफ देखो.
पीएम बोले कि बीते 1 वर्ष से यहां नेताओं का जो नाटक चल रहा है, वो खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है. नाटक भी ऐसा जिसमें इमोशन है, रिवेंज है और इमोशन तो रुकने का नाम ही नहीं ले रहा. उन्होंने कहा कि हर हफ्ते में, किसी न किसी रैली या प्रेस कॉन्फ्रेंस में इमोशन बहे जा रहा है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस नाटक के चक्कर में कर्नाटक में विकास के कार्य पूरी तरह ठप हैं. किसान की कर्जमाफी का क्या हुआ? सिंचाई योजनाओं का क्या हुआ? सूखा राहत का क्या हुआ? और गन्ना किसानों की चिंता करने की तो फुर्सत यहां की सरकार को है ही नहीं.
आपको बता दें कि कर्नाटक की 14 लोकसभा सीटों पर आज मतदान हो रहा है, तो वहीं बाकी 14 सीटों पर 23 अप्रैल को मतदान हो रहा है.
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