प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी लोकसभा सीट से अपने नामांकन के दिन शुक्रवार को आजतक को एक्सक्लूसिव इंटरव्यू दिया. इस दौरान उन्होंने अपने निजी जीवन से लेकर अपनी सरकार के कामकाज समेत कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर बेबाक राय रखी.
इस दौरान पीएम मोदी से पूछा गया कि आखिर उनका सबसे अच्छा दोस्त कौन है, जिससे वो अपनी सारी बातें साझा कर सकते हैं? इस सवाल पर पीएम मोदी ने कहा, 'जब मैं संघ का काम करता था, तब एक लक्ष्मणराव इनामदार थे. मेरा मन उनको अपनी हर बात बताने का करता था और मैं उनसे अपनी सभी बातें साझा कर लेता था.'
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि जीवन में एक व्यक्ति ऐसा होना चाहिए, जिसको आप अपने मन के हर अच्छे और बुरे विचार को बता सकें. जिससे आप अपने साथ हुए अच्छी और बुरी दोनों घटनाओं को बता सकें. जिससे आप कुछ भी न छिपाएं.'
जब उनसे पूछा गया कि क्या अब भी उनके जीवन में कोई ऐसा शख्स है, जिससे वो अपनी हर बात बताते हैं? इस पर पीएम मोदी ने कहा कि हां, उनके जीवन में आज भी एक ऐसा शख्स है, जिससे वो अपनी सारी बात बता देते हैं. हालांकि पीएम मोदी ने उस शख्स का नाम बताने से इनकार कर दिया.
पीएम मोदी ने कहा कि जिस शख्स को आप हर बात बताते हैं, वो शख्स आपको कभी कोई ऐसी चीज बता देता है, जो आपको कोई पंडित भी नहीं बता पाएगा. पीएम मोदी ने कहा कि जिस शख्स से आप सारी बातें बताते हैं, तो उसके लिए यह जरूरी नहीं होता है कि वो पढ़ा लिखा हो या बहुत पैसे वाला हो. उन्होंने कहा कि वो अपने राजदार लक्ष्मणराव इनामदार का नाम इसलिए बता देते हैं, क्योंकि अब वो जीवित नहीं रहे.
जब पीएम मोदी से पूछा गया कि क्या वो गुजरात को याद नहीं करते हैं, तो उन्होंने कहा, 'जब मैं घर छोड़कर चला गया था और 32 साल तक नहीं लौटा था, तो मैंने कभी फोन भी नहीं किया था. पिता जी के स्वर्गवास के बाद मैं अपने घर गया था. मैं जब गुजरात से बाहर रहता हूं, तो टेलीफोन भी नहीं करता हूं.'
उन्होंने कहा, 'मेरा जीवन पहाड़ों और नदियों के बीच बना है. मैं आज भी उस जिंदगी को जीना पसंद करता हूं, लेकिन अब संभव नहीं रहा. अब मेरे पास अपनी इच्छाओं के त्याग के सिवा कुछ भी त्याग करने के लिए नहीं है. लिहाजा मैं अपनी इच्छाओं का ही त्याग कर देता हूं.'
पसंदीदा खाना के सवाल पर पीएम मोदी ने कहा, 'मैं 35 साल तक भिक्षा मांगकर खाना खाया हूं. इसलिए मेरी खाने की कोई पसंद या नापसंद नहीं है. मैं कहीं जाता था, तो बताकर नहीं जाता था और वहां जो मिलता था, उसको खाकर आ जाता था. मैं आज भी खाना बना सकता हूं.'
उन्होंने बताया कि जब वो अहमदाबाद में डॉ हेडगेवार भवन में रहते थे, तो वहां सफाई का काम करते थे. पीएम मोदी ने बताया, 'मुझे पोहा बनाना बहुत अच्छी तरीके से आता है. मैं संघ में रहने के दौरान पोहा बनाकर सबको खिलाता था. इसके बाद मैं किसी के घर खाना खाने चला जाता था.'
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