प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में शुक्रवार को नामांकन के बीच 'आजतक' से खास बातचीत की. इसी दौरान उन्होंने वाराणसी में चाय की चुस्की का आनंद लिया. असल में, पीएम मोदी से बातचीत के दौरान वहां एक चाय वाला पहुंच गया. इस सवाल पर कि प्रधानमंत्री आप कहते हैं कि आपको खुले आसमान के नीचे चाय पीने का बहुत शौक है. बनारस की चाय बहुत मशहूर है. यहां नींबू डाल के चाय पीते हैं. आप तो बचपन में बनारस के घाट पर बहुत आते थे?
इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने बताया, 'बचपन में नहीं. लेकिन जीवन में एक काल खंड था, जब मैं गंगोत्री से गंगा सागर तक गंगा दर्शन के लिए यात्रा पर निकला था.' इस सवाल पर कि आप चाय पी सकते हैं या एसपीजी की इतनी पाबंदी है कि कुछ भी बाहर से छूना एलाउड नहीं है. प्रधानमंत्री ने कहा, 'ऐसा है कि वो भी इंसान हैं, मेरी मजबूरियां समझते हैं. लेकिन फिर भी मुझे उनके नियमों का पालन करना पड़ता है.'
इसी बातचीत के क्रम में चाय वाले ने चाय दी. चाय की चुस्की लेते हुए प्रधानमंत्री ने चाय वाले को शुक्रिया कहा और बताया कि चाय बहुत अच्छी है. चाय वाले ने जवाब में प्रधानमंत्री का अभिवादन किया. फिर प्रधानमंत्री ने चाय वाले का नाम और पता पूछा. चाय वाले ने बताया कि वह पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं. बहरहाल, प्रधानमंत्री मोदी ने इन चुनावी सरगर्मियों के बीच वाराणसी के घाट पर चाय का आनंद लिया.
गौरतलब है कि शुक्रवार दोपहर 11.45 बजे अपना नामांकन दाखिल करने के लिए पीएम मोदी वाराणसी के कलेक्ट्रेट पहुंचे. उन्होंने सबसे पहले एनडीए के नेताओं का स्वागत किया. उनके साथ बातचीत के बाद पीएम मोदी नामांकन हाल में पहुंचे. यहां पर मौजूद प्रस्तावकों का पीएम मोदी ने अभिवादन किया. सबसे बुजुर्ग महिला प्रस्तावक वनिता पॉलिटेक्निक की पूर्व प्रधानाचार्य अन्नपूर्णा शुक्ला के पीएम मोदी ने पैर छुए और आशीर्वाद लिया.
प्रस्तावकों में डोम राजा जगदीश चौधरी भी शामिल हैं. चौधरी का परिवार पीढ़ियों से मणिकर्णिका घाट पर शवों का दाह संस्कार कर रहा है. मणिकर्णिका घाट पर रहने वाले जगदीश ने कहा कि वे चाहते हैं कि मोदीजी फिर से प्रधानमंत्री बनें. इनके अलावा सामाजिक कार्यकर्ता सुभाष गुप्ता और कृषि वैज्ञानिक राम शंकर पटेल भी प्रस्तावकों में शामिल रहे.
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