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मोदी की सुनामी भी फेल, लोकसभा चुनाव ने बढ़ाया कैप्टन का राजनीतिक कद

पंजाब की 13 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस ने 8 सीटों पर कब्जा जमाया. मोदी फैक्टर समेत तमाम झंझावतों को सहने के बावजूद अमरिंदर सिंह ने कैप्टन की पारी खेली.

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पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह
पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह

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लोकसभा चुनाव में देश के अन्य हिस्सों में बेशक मोदी की आंधी चली हो लेकिन पंजाब में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने राजनीतिक कद को और ऊंचा किया. पंजाब की 13 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस ने 8 सीटों पर कब्जा जमाया. मोदी फैक्टर समेत तमाम झंझावतों को सहने के बावजूद अमरिंदर सिंह ने कैप्टन की पारी खेली. शिरोमणि अकाली दल से जुड़ा बादल परिवार हो या बीजेपी या फिर आम आदमी पार्टी, किसी को भी पंजाब में 'महाराजा' की 'सियासी सल्तनत' में खास सेंध लगाने का मौका नहीं मिला.  

लोकसभा चुनाव में पंजाब के नतीजों ने साबित किया कि कैप्टन निर्विवाद लीडर हैं. कांग्रेस में ही उनके विरोधियों में कांग्रेस नेता और पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू, उनकी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू के अलावा प्रताप सिंह बाजवा को भी माना जाता है. लेकिन इन सब विरोधियों को पंजाब के नतीजों ने बैकफुट पर धकेल दिया है.  'फ्रैंडली मैच' वाली टिप्पणी और पंजाब के नतीजों से बैकफुट पर आए नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब की 13 लोकसभा सीटों में से बठिंडा और गुरदासपुर में प्रचार किया था. ये दोनों ही सीटें कांग्रेस हार गई.  

कैप्टन और उनके कुछ कैबिनेट सहयोगी  सिद्धू के खिलाफ अपनी ही पार्टी के खिलाफ बयान देने के लिए कार्रवाई की मांग कर चुके हैं. बता दें कि सिद्धू ने एक चुनाव रैली में दबी जुबान में कांग्रेस और अकाली दल की और से ‘फ्रैंडली मैच’ खेले जाने की बात कही थी. ये विवादित बयान सिद्धू ने बठिंडा की रैली में दिया था. यहां कांग्रेस उम्मीदवार को अकाली दल की हरसिमरत कौर के सामने मात खानी पड़ी. कैप्टन ने कहा कि सिद्धू के बयान से कांग्रेस की छवि को नुकसान पहुंचा.   

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कैप्टन ने गुरुवार को कहा कि वे जल्दी ही कांग्रेस हाईकमान के सामने चुनाव प्रचार के दौरान सिद्धू के पार्टी को नुकसान पहुंचाने वाले बयान का मुद्दा उठाएंगे जिसकी वजह से बठिंडा सीट पर पार्टी नहीं जीत सकी. पंजाब में कांग्रेस के प्रदर्शन पर सिद्धू के बयान से असर के बारे में पूछे जाने पर कैप्टन ने कोई सीधा जवाब नहीं दिया. कैप्टन ने इसकी जगह कहा कि सिद्धू के प्रदर्शन की समीक्षा की जानी चाहिए.

कैप्टन ने इंगित किया कि कांग्रेस का प्रदर्शन शहरी क्षेत्रों में अच्छा नहीं रहा जबकि सिद्धू शहरी विकास मंत्री हैं. कैप्टन के मुताबिक हर किसी को अपने को प्रमोट करने का हक है लेकिन एक बार चुनावी जंग शुरू हो जाने के बाद सिद्धू की ओर से विवादित बयान दिया जाना सही नहीं था.  

मुख्यमंत्री ने दोहराया कि सिद्धू की पाकिस्तान सेना के प्रमुख के साथ ‘यारी और झप्पी’ को हमारे सैनिक बर्दाश्त नहीं कर सकते. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI  की शह पर हमारे सैनिकों का खून बहाया जाए और वो उनके नेताओं को गले लगाएं, ये सहन नहीं हो सकता.   

गुरदासपुर में पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष की हार के पीछे गुटबाजी

पंजाब में कांग्रेस 8 सीटों पर निर्णायक बढ़त बनाने में सफल रही, लेकिन गुरदासपुर में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ को अभिनेता और बीजेपी उम्मीदवार सनी देओल के सामने हार का मुंह देखना पड़ा. कहा जा रहा है कि उन्हें पूर्व पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष प्रताप सिंह बाजवा का समर्थन नहीं मिला, जिन्हें कैप्टन के विरोधी खेमे का माना जाता है.  बाजवा उस वक्त बेहद नाराज हुए थे, जब कैप्टन ने सुनील जाखड़ को पंजाब का भावी मुख्यमंत्री कहते हुए परिचय कराया था. हालांकि कैप्टन ने ये बात गुरदासपुर के हिन्दू वोटरों को लुभाने के लिए कही थी लेकिन ये बाजवा को नागवार गुजरी थी. बाजवा ने खुद को गुरदासपुर में पार्टी के प्रचार से दूर रखा.

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