केरल में अधिकतर वोटर मानते हैं कि सबरीमाला विवाद के कारण भारतीय जनता पार्टी (BJP) इस दक्षिणी राज्य में राजनीतिक ताकत के रूप में उभरी है. इंडिया टुडे ग्रुप के लिए एक्सिस माई इंडिया की ओर से एकत्र पॉलिटिकल स्टॉक एक्सचेंज PSE डेटा के मुताबिक 45% वोटर मानते हैं कि बीजेपी केरल में सबरीमाला विवाद के कारण राजनीतिक ताकत के तौर पर उभरी है, वहीं 33% वोटरों की राय में ऐसा नहीं हुआ है.
PSE सर्वे के मुताबिक केरल में मौजूदा मुख्यमंत्री पी विजयन मुख्यमंत्री के लिए पहली पसंद बने हुए हैं लेकिन कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी लोकप्रियता के मामले में उनसे ज्यादा पीछे नहीं है. जहां तक प्रधानमंत्री के लिए पसंद की बात की जाए तो ओबीसी और सामान्य वर्ग को छोड़कर बाकी सभी जाति वर्गों में राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी पर बढ़त बनाई हुई है.
PSE सर्वे से उन मुद्दों को बारीकी से जाना जा सकता है, जिन्हें केरल के वोटर 2019 लोकसभा चुनाव के लिए महत्वपूर्ण मान रहे हैं. सर्वे में सबसे ज्यादा 29% प्रतिभागियों ने रोज़गार के अवसर को सबसे अहम मुद्दा बताया, वहीं 22% वोटरों की नज़र में भ्रष्टाचार और 18% के मुताबिक महंगाई अहम मुद्दे हैं. केरल में बेअसर नौकरशाही को भी 11% प्रतिभागियों ने अहम मुद्दा बताया.
लेफ्ट सरकार के कामकाज से केरल के 39% लोग संतुष्ट
केरल में पी विजयन के नेतृत्व वाली लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (LDF) सरकार के कामकाज से वोटर संतुष्ट ज़्यादा है और असंतुष्ट कम. PSE के जनवरी सर्वे के मुताबिक केरल सरकार के कामकाज से 39% प्रतिभागियों ने खुद को संतुष्ट बताया, जबकि तीन महीने पहले हुए PSE सर्वे में 42% प्रतिभागी खुद को संतुष्ट बता रहे थे. ताजा सर्वे में 31 फीसदी वोटरों ने खुद को विजयन सरकार के कामकाज से असंतुष्ट बताया. हालांकि अक्टूबर में हुए सर्वे में 27% प्रतिभागियों ने ही खुद को राज्य सरकार के कामकाज से असंतुष्ट बताया था.
मोदी सरकार से केरल के 29% वोटर ही संतुष्ट
जहां तक केंद्र में बीजेपी सरकार के कामकाज का सवाल है, तो ताजा PSE सर्वे में 29% वोटरों ने खुद को संतुष्ट बताया. तीन महीने पहले हुए सर्वे में केंद्र में मोदी सरकार से 32% वोटर खुद को संतुष्ट बता रहे थे. ताजा सर्वे में मोदी सरकार से खुद को असंतुष्ट बताने वाले 39% वोटर थे. तीन महीने पहले हुए सर्वे में ये आंकड़ा 38% था.
PM की दौड़ में नरेंद्र मोदी से आगे निकले राहुल गांधी
देश के इस दक्षिणी राज्य में प्रधानमंत्री के लिए लोकप्रियता की दौड़ में नरेंद्र मोदी को राहुल गांधी पछाड़ते नज़र आए. PSE जनवरी सर्वे में 41% प्रतिभागियों ने राहुल गांधी को प्रधानमंत्री के लिए अपनी पसंद बताया. बीते तीन महीने में राहुल की लोकप्रियता में 3% का इज़ाफ़ा हुआ है. अक्टूबर PSE में 38% प्रतिभागियों ने ही राहुल को अपनी पसंद बताया था. जहां तक नरेंद्र मोदी का सवाल है तो उनकी लोकप्रियता में बीते तीन महीने में 1% की गिरावट आई है. ताजा सर्वे में 30% वोटरों ने मोदी को प्रधानमंत्री के लिए अपनी पसंद बताया. तीन महीने पहले ये आंकड़ा 31% था. PSE सर्वे के मुताबिक केरल में ताजा सर्वे में 7% प्रतिभागियों ने केजरीवाल को भी प्रधानमंत्री के लिए अपनी पसंद बताया.
मुख्यमंत्री पद के लिए विजयन पहली पसंद
केरल में अगला मुख्यमंत्री किसे देखना चाहते हैं, इस सवाल के जवाब में सबसे ज्यादा 25% वोटरों ने मौजूदा मुख्यमंत्री विजयन को ही पहली पसंद बताया. ये बात दूसरी है कि विजयन की लोकप्रियता में बीते तीन महीने में 2% की गिरावट आई है. तीन महीने पहले हुए सर्वे में उन्हें 27% वोटर अपनी पहली पसंद बता रहे थे. लोकप्रियता के मामले में कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री ओमेन चांडी मौजूदा मुख्यमंत्री विजयन से ज्यादा पीछे नहीं है. PSE जनवरी सर्वे के मुताबिक चांडी को 22% प्रतिभागी अगला मुख्यमंत्री देखना चाहते हैं. तीन महीने पहले चांडी को 20% वोटरों ने ही मुख्यमंत्री के लिए पहली पसंद बताया था. ताजा सर्वे में पूर्व मुख्यमंत्री वी अच्युतानंदन को 14% और कांग्रेस नेता रमेश चेनिथला को 12% ने मुख्यमंत्री के लिए अपनी पसंद बताया.
PSE सर्वे में जब किसान प्रतिभागियों से पूछा गया कि क्या पिछले चार सालों में किसानों की स्थिति में सुधार हुआ तो 26% प्रतिभागियों ने हां में जवाब दिया. वहीं 56% का कहना था कि किसानों की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ. केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का मुद्दा पिछले कई महीनों से सुर्खियों में बना हुआ है. PSE में जब प्रतिभागियों से पूछा गया कि क्या सबरीमाला पर केरल सरकार ने अपना रुख बदल लिया है तो 58% प्रतिभागियों ने ‘नहीं’ में जवाब दिया. 16% वोटरों के मुताबिक केरल की LDF सरकार ने अपना रुख बदल लिया है. 26% प्रतिभागी इस मुद्दे पर कोई स्पष्ट राय नहीं जता सके.
सबरीमाला विवाद के जरिए बीजेपी ने बनाई राजनीतिक पैठ
PSE ताजा सर्वे में 45% वोटरों ने माना कि सबरीमाला विवाद के कारण केरल में बीजेपी एक राजनीतिक ताकत के रूप में उभरी है. वहीं 33% प्रतिभागियों की राय में ऐसा नहीं हुआ है. इस मुद्दे पर 22% प्रतिभागी कोई स्पष्ट राय नहीं जता सके. सबरीमाला में महिलाओं का प्रवेश कैसे देखते हो? इस सवाल के जवाब में PSE सर्वे के 42% प्रतिभागियों ने कहा कि इससे सबरीमाला मंदिर अपवित्र हुआ. वहीं 23% वोटरों ने इसे लैंगिक समानता की जीत बताया. PSE सर्वे में 16% प्रतिभागियों ने इसे सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के पालन के तौर पर देखा. वहीं 2% वोटरों ने इसे लेफ्ट और राइट (बीजेपी) के बीच वैचारिक लड़ाई बताया.
केरल के जाति समुदायों की बात की जाए तो ओबीसी और सामान्य वर्गों को छोड़ कर हर वर्ग में मोदी से राहुल आगे दिखाई दिए. ST वर्ग में 29% ने मोदी और 36% ने राहुल को पीएम के लिए पहली पसंद बताया. इसी तरह SC वर्ग में 33% मोदी और 38% राहुल के समर्थन में दिखाई दिए. ओबीसी में 37% ने मोदी को पीएम के लिए पहली पसंद बताया. इस वर्ग में 35% ने कहा कि वे राहुल को अगला प्रधानमंत्री देखना चाहते हैं. सामान्य वर्ग में 44% ने मोदी और 31% ने राहुल के हक में राय व्यक्त की. PSE सर्वे में मुस्लिमों में 14% ने मोदी और 61% ने राहुल को पीएम के लिए पहली पसंद बताया. ईसाई वर्ग में भी 18% ने मोदी और 49% ने राहुल को पीएम के लिए अपनी पसंद बताया.
PSE सर्वे से सामने आया कि केरल में महिलाओं में 31% ने मोदी को और 39% ने राहुल को पीएम के लिए पहली पसंद बताया. जहां तक पुरुष प्रतिभागियों का सवाल हैं, उनमें राहुल की लोकप्रियता और ज्यादा दिखी. 29% प्रतिभागियों ने जहां मोदी को पीएम के लिए पहली पसंद बताया वहीं 43% ने राहुल के हक़ में राय व्यक्त की. केरल के ग्रामीण और शहरी, दोनों ही क्षेत्रों में राहुल की लोकप्रियता मोदी से अधिक दिखी. PSE सर्वे के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्रों में 30% वोटर मोदी और 41% राहुल को अगला पीएम बनते देखना चाहते हैं. शहरी क्षेत्रों में 31% ने मोदी और 40% ने राहुल के पक्ष में राय व्यक्त की. एक्सिस माई इंडिया की ओर से PSE सर्वे 26 दिसंबर 2018 से 9 जनवरी 2019 के बीच किया गया. इस दौरान केरल के सभी 20 संसदीय क्षेत्रों में टेलीफोन इंटरव्यू लिए गए. इसमें 2,078 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया.