लोकसभा चुनाव से पहले अपना मास्टरस्ट्रोक चलते हुए कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को राजनीति में उतार दिया है. प्रियंका गांधी को कांग्रेस का महासचिव और पूर्वी यूपी का प्रभारी बनाया गया है. कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता इससे काफी उत्साहित हैं और उन्हें लगता है कि इससे देश भर में कांग्रेस को काफी फायदा होगा.
कितना असर होगा
यूपी में सपा-बसपा ने जब कांग्रेस को अलग-थलग किया, तभी राहुल गांधी ने यह कहा था कि वे यूपी को 440 वोल्ट का करेंट देंगे यानी कुछ बड़ा करेंगे. यह निर्णय शायद वही बड़ा कदम है. हालांकि, खुद प्रियंका गांधी रायबरेली से चुनाव लड़ेंगी या नहीं, अभी इस पर कोई निर्णय नहीं हो पाया है.
देश भर के कांग्रेस कार्यकर्ता काफी समय से इसकी मांग कर रहे थे कि प्रियंका गांधी राजनीति में आए. तो कांग्रेस ने एक तरह से ब्रह्मास्त्र चला है. कांग्रेस को लगता है कि इससे चुनाव परिणाम पर काफी असर पड़ेगा. प्रियंका गांधी के राजनीति में आने पर पार्टी के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा ने कहा, 'कांग्रेस उत्तर प्रदेश में पूरे दमखम के साथ चुनाव लड़ेगी. प्रियंका जी की नियुक्ति इस बात का संकेत है कि आने वाला समय कांग्रेस के लिए बहुत अच्छा होगा. कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश का संचार होगा. कांग्रेस लोकसभा में बहुत अच्छा प्रदर्शन करेगी. भले ही प्रियंका गांधी को पूर्वी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी दी गई हो, लेकिन इसका असर पूरे प्रदेश पर पड़ेगा. राहुल जी जो कहते हैं, उसे पूरा करते हैं.'
कांग्रेस नेता अतुल चतुर्वेदी ने कहा, 'प्रियंका और राहुल जी की देश के लोगों में एक खास जगह है. प्रियंका जी और ज्योतिरादित्य सिंधिया जी के यूपी के प्रभारी बनने के बाद विपक्ष के होश फाख्ता हो जाएंगे. सिर्फ यूपी ही नहीं बल्कि कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी और पूर्वोत्तर से लेकर गुजरात तक के कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में इसका जबर्दस्त असर होगा.'
यूपी सबसे बड़ा राज्य है और 2019 का लोकसभा चुनाव काफी निर्णायक होने वाला है, जिसमें उत्तर प्रदेश की भूमिका काफी अहम है. उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के साथ आने से समीकरण पूरा बदल गया था, लेकिन दोनों पार्टियों ने कांग्रेस को गठबंधन में शामिल नहीं किया था. इसलिए यूपी में प्रियंका को उतारने से अब इस समीकरण में निश्चित रूप से बदलाव होगा.
प्रियंका गांधी कार्यकर्ता इंदिरा गांधी का स्वरूप देखते हैं, उनका पहनावा वगैरह भी इंदिरा गांधी की तरह रहता है. इंदिरा गांधी को लेकर खासकर पुरानी पीढ़ी के लोगों में एक अच्छी छवि है. कांग्रेस नेताओं को लगता है कि यूपी में इसका खास फायदा होगा और देश के अन्य हिस्सों में भी फायदा होगा.
यूपी में कांग्रेस लगभग खत्म हो चुकी थी और 2014 के चुनाव में उसे 5-6 फीसदी वोट ही मिले थे. पिछले कई चुनावों से कांग्रेस कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पाई है. इसलिए यूपी कांग्रेस की दुखती रग बन गया है. यूपी और खासकर पूर्वी यूपी कभी कांग्रेस का गढ़ था, तो इसको कांग्रेस ने फिर से हासिल करने के लिए अपना बड़ा दांव खेल दिया है.