प्रियंका गांधी वाड्रा को कांग्रेस का महासचिव बनाए जाने के बाद से ही विरोधी दलों के नेताओं के अलग-अलग बयान सामने आ रहे हैं. अब मध्य प्रदेश बीजेपी के विधायक रामेश्वर शर्मा ने गांधी परिवार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि गांधी परिवार लगातार ज्योतिरादित्य सिंधिया की उपेक्षा कर रहा है. प्रियंका गांधी को कांग्रेस महासचिव बनाकर पूर्वी उत्तर प्रदेश की कमान सौंपी गई है जबकि पार्टी महासचिव बनाकर ज्योतिरादित्य सिंधिया को पश्चिम यूपी की जिम्मेदारी दी गई है.
'आजतक' से बात करते हुए भोपाल की हुजूर विधानसभा सीट से विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा, 'लगातार काम करने वाले कार्यकर्ता की जब उपेक्षा होती है तो उस पर विचार करना पड़ता है. माधवराव सिंधिया की मौत के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया लगातार संघर्ष कर रहे हैं. पहले उन्हें लग रहा था कि पिताजी की मौत के बाद उन्हें उचित स्थान मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. जब ज्योतिरादित्य सिंधिया केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किए गए तो राज्यमंत्री का दर्जा मिला.'
आगे रामेश्वर शर्मा ने कहा कि कांग्रेस के कई विधायक भी मांग कर रहे थे कि सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाए. लेकिन तब भी उन्हें प्रदेश अध्यक्ष नहीं बनाया गया. अब जब सिंधिया को महासचिव बनाया तो साथ में प्रियंका गांधी का नाम होने से वह बधाई के पोस्टरों तक से गायब हो गए.' रामेश्वर शर्मा ने कहा कि 'इससे साफ होता है कि 'ज्योतिरादित्य सिंधिया की कुर्बानी कर दी गई.'
'बहन-भाई के गुलाम बन गए सिंधिया'- बीजेपी विधायक
इसके बाद रामेश्वर शर्मा ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि 'ज्योतिरादित्य सिंधिया को ना पब्लिसिटी मिली और ना पद की गरिमा. पहले भाई के गुलाम थे और अब बहन-भाई के गुलाम हैं.' विधायक शर्मा ने सवाल पूछा कि 'मध्य प्रदेश के लीडर और एक खानदानी लीडर के साथ ये दुर्व्यवहार क्यों हो रहा है. इस पर विचार करना चाहिए.'
गौरतलब है कि प्रियंका गांधी के औपचारिक रूप से राजनीति में आने के बाद से ही बीजेपी हमलावर है. बीजेपी के कई दिग्गज नेता प्रियंका पर विवादित टिप्पणी कर चुके हैं. योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री उपेंद्र तिवारी ने भी प्रियंका और राहुल गांधी को लेकर विवादित बयान दिया था. बीजेपी के वरिष्ठ नेता विजयवर्गीय भी प्रियंका के खिलाफ विवादित बयान दे चुके हैं.
पश्चिम बंगाल के बीजेपी प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि कभी कोई कांग्रेस नेता मांग करता है कि करीना कपूर को भोपाल से लोकसभा चुनाव लड़वाया जाए, तो कभी इंदौर से चुनावी उम्मीदवारी को लेकर सलमान खान के नाम पर चर्चा की जाती है. इसी तरह, प्रियंका को कांग्रेस की सक्रिय राजनीति में ले आया जाता है. उन्होंने कहा कि अगले लोकसभा चुनाव के मैदान में उतारने के लिए कांग्रेस के पास मजबूत नेता नहीं हैं. इसलिए वह ऐसे चॉकलेटी चेहरों के माध्यम से चुनाव लड़ना चाहती है. अगर कांग्रेस में राहुल गांधी के नेतृत्व के प्रति आत्मविश्वास होता, तो प्रियंका को सक्रिय राजनीति में नहीं लाया जाता.