बुधवार शाम अचानक लखनऊ में सियासी तूफान आ गया जब अखिलेश यादव बिना किसी पूर्व कार्यक्रम के सीधे मायावती से मिलने लखनऊ के माल एवेन्यू आवास पर जा पहुंचे. अखिलेश यादव के मायावती के घर पहुंचने के बाद मीडिया को इस बात की भनक लगी लेकिन आखिर क्या वजह है कि अचानक अखिलेश और मायावती मिल रहे हैं. माना जा रहा है मेरठ में प्रियंका गांधी के चंद्रशेखर आजाद से मिलने के बाद उपजे राजनीतिक समीकरण पर दोनों में चर्चा हुई.
मेरठ में प्रियंका गांधी के भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद से मिलने के बाद मायावती और अखिलेश यादव की मीटिंग बेहद ही महत्वपूर्ण मानी जा रही है. पूरे देश में कांग्रेस के खिलाफ चुनाव लड़ने का ऐलान करने वाली मायावती प्रियंका और चंद्रशेखर की मुलाकात के बाद अमेठी और रायबरेली पर कुछ फैसला ले सकती हैं. सूत्रों के मुताबिक नाराज मायावती इन दोनों सीटों पर अपने कैंडिडेट उतार सकती हैं. प्रियंका और चंद्रशेखर के मुलाकात के अलावा मायावती अपने कैंडिडेट की लिस्ट गुरुवार को जारी करने जा रही हैं. माना जा रहा है कि उम्मीदवारों पर आखिरी मुहर लगाने के पहले दोनों की मुलाकात भी अहम है. हो सकता है कई उम्मीदवारों के नाम आखिरी वक्त में बदल दिए जाएं.
गौरतलब है कि भीम आर्मी के अध्यक्ष चंद्रशेखर ने कहा है कि वे लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरेंगे. उन्होंने कहा कि पहले तो वह अपने संगठन से कोई मजबूत प्रत्याशी उतारने की कोशिश करेंगे और प्रत्याशी न मिलने पर वे खुद मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने जारी एक वीडियो में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि कल (मंगलवार) देवबंद में उनकी पदयात्रा उन्हीं के इशारे पर रोकी गई थी. उन्होंने कहा, "हमारे पास पदयात्रा की इजाजत थी लेकिन प्रशासन और सरकार इस बात को लेकर झूठ फैला रहे हैं." रावण ने कहा, "15 मार्च को दिल्ली में बहुजन हुंकार रैली होगी. इसमें बड़ी संख्या में लोग भाग लेंगे. चाहे जो इसे रोकने का प्रयास करे, अब यह रैली रुकेगी नहीं."
Congress Gen Secy for UP (East) Priyanka Gandhi Vadra on meeting Bhim Army chief Chandrashekhar in Meerut: He is a young man who is struggling & raising his voice, but this govt is trying to suppress his voice. I am here because I like his energy&the way he raises voice for youth pic.twitter.com/Sykprk3MRy
— ANI UP (@ANINewsUP) March 13, 2019
उधर मेरठ में चंद्रशेखर से मिलने के बाद प्रियंका गांधी ने पत्रकारों से कहा कि 'ये अहंकारी सरकार है जो युवाओं की आवाज कुचलना चाहती है. ये नौजवान हैं, रोजगार तो सरकार ने दिया नहीं, अगर संघर्ष कर रहे हैं तो करने दीजिए. ये सरकार नौजवान की आवाज उठाना नहीं चाहती है.' प्रियंका ने हालांकि यह साफ कर दिया कि चंद्रशेखर के साथ मुलाकात में कुछ भी राजनीतिक नहीं है. इसके बाद चंद्रशेखर आजाद का भी बयान आया जिसमें उन्होंने कहा कि 'मेरी बहन प्रियंका गांधी मुझसे मिलने आई थीं. उन्होंने मेरी तबीयत के बारे में जाना. मैं बहुजन समाज में पैदा हुआ हूं और बहुजन समाज में ही मरूंगा. प्रधानमंत्री मोदी जहां से चुनाव लड़ेंगे, वहां से मैं भी लड़ूंगा. हम मोदी को हराएंगे और उन्हें गुजरात भेजेंगे. मैं गठबंधन को समर्थन दूंगा.'