कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की गंगा यात्रा का आज दूसरा दिन है. मंगलवार को प्रियंका गांधी का मिर्जापुर में विंध्याचल मंदिर और कंतित शरीफ की मजार पर पहुंचीं. कहते हैं कि कंतित शरीफ की दरगाह पर हर मन्नत पूरी होती है. प्रियंका गांधी के पहुंचने से पहले आजतक यहां पहुंचा और यहां रहने वाले लोगों का आजतक संवाददाताओं ने मन टटोला.
कंतित शरीफ में गद्दी नशीं इसराइल शाह प्रियंका के बारे में बात करते-करते रोने लगते हैं. उन्होंने वह चादर भी दिखाई जिसे प्रियंका गांधी चढ़ाएंगी. उन्होंने बताया कि अब तक यहां नेहरू गांधी परिवार के सभी सदस्य दरगाह में मत्था टेक चुके हैं. इंदिरा का जिक्र करते हुए उनकी आंखें डबडबा गईं. उन्होंने कहा कि इंदिरा को हम अम्मा मानते थे. उन्हें यहां आशीर्वाद दिया गया था कि वे प्रधानमंत्री बनें और वे बनीं भी. सोनिया गांधी को भी आशीर्वाद दिया गया था लेकिन वे पीएम नहीं बनीं.
मिर्जापुर स्थित इस्माइल चिश्ती उर्फ कंतित शरीफ की ये दरगाह अजमेर शरीफ वाले चिश्ती के सगे भांजे की है. बताया जाता है कि ये 100 साल पुरानी दरगाह है. मान्यता ये भी है कि यहां जो मुराद सोच ली जाती है, वे भी पूरी होती है. दरगाह के गद्दीनशीं इसराइल शाह ने कहा कि प्रियंका गांधी में इंदिरा गांधी का अक्स दिखता है. वे कांग्रेस का भाग्य बदलेंगी. उन्होंने कहा कि लोग अब कांग्रेस की ओर देख रहे हैं.
प्रियंका गांधी विंध्यवासिनी मंदिर भी पहुंचीं. विंध्यवासिनी मंदिर के पुजारी ने कहा कि इंदिरा जी से इस मंदिर का पुराना नाता है. प्रियंका मुस्लिम और हिंदू दोनों कार्ड खेल रही हैं. मजार पर जाकर वो मुस्लिम वोटरों को बड़ा संदेश दे रही हैं तो दूसरी ओर मंदिर में मत्था टेक बड़े वोट बैंक को साध रही हैं. प्रियंका की रणनीति ही यही है कि हर वर्ग को साथ लेकर चला जाए, ताकि यूपी के मुकाबले को जीता जा सके.Mirzapur: Priyanka Gandhi Vadra offers prayers at Vindhyavasini Devi temple & Dargah of Khwaja Janab Ismail Chisti. pic.twitter.com/cgnx9peska
— ANI UP (@ANINewsUP) March 19, 2019
इससे पहले सीतामढ़ी में प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी पर तंज करते हुए कहा कि आप कहते हैं कि आप शक्तिमान हैं, आप बड़े नेता हैं, आपका 56 इंच का सीना है. तो रोज़गार क्यों नहीं दिया. प्रियंका ने कहा कि ये इनकी दुर्बलता है. ये दुर्बल सरकार है.
प्रियंका से आज जब पत्रकारों ने कहा कि योगी सरकार ने दो साल का रिपोर्ट कार्ड पेश किया है तो उन्होंने कहा कि वे जरा जमीन पर आकर देखें कि क्या स्थिति है. ये रिपोर्ट कार्ड, प्रचार लगता बहुत अच्छा है लेकिन जमीन पर कुछ नहीं हैं. मैं रोज लोगों से मिल रही हूं. चाहें किसान हों, नौजवान हों, शिक्षामित्र हों, स्टूडेंट हों, आंगनबाड़ी हों या आशा वर्कर, किसी को कुछ नहीं मिला. जो प्रचार करते हैं और जो होता है, उसमें बहुत फर्क है. जहां तक ये 70 साल की रट लगा रही है, तो आप भी 5 साल सत्ता में रहे हैं. आपने क्या किया?