कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव मैदान में नहीं उतरने को लेकर राजनीतिक गलियारे में तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. लेकिन इस बीच, कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने इसकी वजह साफ कर दी है. जयपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने इसके बारे में विस्तार से बताया. पित्रोदा ने शुक्रवार को बताया कि वाराणसी से चुनाव नहीं लड़ने का फैसला खुद प्रियंका गांधी का था.
वाराणसी से पीएम मोदी के खिलाफ प्रियंका गांधी के चुनाव लड़ने की अटकलबाजियों पर गुरुवार को विराम लग गया था, जब कांग्रेस ने अजय राय को अपने प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतार दिया.
प्रियंका गांधी के चुनाव नहीं लड़ने के निर्णय के संबंध में जब पत्रकारों ने पूछा तो पित्रोदा ने बताया, 'पार्टी अध्यक्ष (राहुल गांधी) ने चुनाव लड़ने का अंतिम फैसला उनके (प्रियंका गांधी) के ऊपर छोड़ दिया था.' इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख पित्रोदा ने बताया कि उन्होंने फैसला किया कि उनके पास कई तरह की जिम्मेदारियां हैं. एक सीट पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय उन्होंने अपने हाथ में जो जिम्मेदारियां ले रखी हैं, उस पर फोकस करेंगी. पित्रोदा ने कहा कि इसलिए अंतिम निर्णय प्रियंका का ही था और उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया.
इस सवाल पर कि यदि राहुल गांधी अमेठी और वायनाड दोनों जगहों से चुनाव जीत जाते हैं और एक सीट छोड़ते हैं तो क्या उस सीट से प्रियंका गांधी फिर चुनाव लड़ेंगी? इस पर पित्रोदा ने कहा कि इस मुद्दे पर फैसला समय पर किया जाएगा. बहरहाल, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पूर्वी उत्तर प्रदेश में पार्टी का प्रभार संभाल रही हैं.
गौरतलब है कि वाराणसी लोकसभा क्षेत्र से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के खड़े होने की अटकलों पर विराम लगाते हुए गुरुवार को कांग्रेस ने अजय राय को पार्टी का उम्मीदवार घोषित कर दिया. अजय राय 2014 के लोकसभा चुनाव में भी नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं, तब उन्हें हार मिली थी.
चुनाव की हर ख़बर मिलेगी सीधे आपके इनबॉक्स में. आम चुनाव की ताज़ा खबरों से अपडेट रहने के लिए सब्सक्राइब करें आजतक का इलेक्शन स्पेशल न्यूज़लेटर