प्रियंका गांधी वाड्रा गुरुवार को पहली बार महासचिव का पद संभालने के बाद कांग्रेस की बैठक में शामिल हुईं. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में हुई इस बैठक में पार्टी के सभी महासचिव शामिल हुए, लेकिन सभी की नजरें प्रियंका गांधी वाड्रा पर थीं. नजर इस बात पर भी गई कि प्रियंका गांधी इस बैठक में राहुल के साथ नहीं बल्कि उनसे काफी दूर ज्योतिरादित्य सिंधिया के बराबर में बैठीं.
राजनीतिक पंडितों की मानें, इस एक तस्वीर से राहुल गांधी और कांग्रेस ने एक बड़ा संदेश देने का काम किया है. प्रियंका पहली बार बैठक में शामिल हुईं, ऐसे में विपक्षी ये आरोप लगा रहे थे कि वह अब पार्टी में राहुल के बाद सबसे ताकतवर होंगी.
लेकिन प्रियंका को अन्य नेताओं के साथ बैठाकर ये संदेश देना चाहा कि प्रियंका भी अन्य महासचिवों की तरह ही बैठक में शामिल हुई हैं. राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, ये एक तस्वीर अन्य नेताओं को ये संदेश देने के लिए काफी है कि उनका महत्व अभी भी उतना ही है.
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा को पार्टी का महासचिव नियुक्त किया. उन्हें पूर्वी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी दी गई है. उनके साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया को पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी दी गई है.
बता दें कि बुधवार को ही प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपने दफ्तर में पहुंच कार्यभार संभाला था. जिसके बाद वहां उनसे मिलने वालों का तांता लग गया था. प्रियंका के राजनीति में आने के बाद राहुल गांधी ने कहा था कि इस खबर से भारतीय जनता पार्टी को काफी दिक्कत हो रही हैं.
गौरतलब है कि 11 फरवरी को प्रियंका गांधी अपने भाई राहुल गांधी के साथ उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ जाएंगी. यहां दोनों रोड शो करेंगे और उत्तर प्रदेश के नेताओं के साथ बैठक कर लोकसभा चुनाव की रणनीति बनाएंगे.