जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में पिछले सप्ताह हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे. लोकसभा चुनाव से ऐन पहले हुए इस आतंकी हमले ने देश में आतंकवाद को मुद्दे को चर्चा में ला दिया है. सत्ताधारी बीजेपी से लेकर तमाम विपक्षी दल इस मुद्दे पर सख्त और एकमत हैं. सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के हर कदम का समर्थन कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकी हमले के दूसरे दिन ही उत्तर प्रदेश के झांसी की रैली में इस बात का जिक्र करके अपने तेवर दिखा दिए. इसके अलावा इस घटना के बाद जिस तरह से लोगों की प्रतिक्रिया आ रही है. इससे साफ जाहिर है कि लोग इस घटना से गुस्से में हैं और आगामी लोकसभा चुनाव में आतंकवाद एक बड़ा मुद्दा बनता दिख रहा है.
बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान के दौरान नरेंद्र मोदी ने सीमा पर लगातार शहीद हो रहे सेना के जवानों को लेकर तत्कालीन मनमोहन सरकार पर कई सवाल खड़े किए थे. उन्होंने आतंकवाद को सबक सिखाने की बात कही थी. 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद देश में तीन बड़े आतंकी हमले हुए हैं. इनमें पठानकोठ, उरी और पुलवामा की घटना शामिल है.
छत्तीसगढ़ के नक्सली हमले के बाद सीआरपीएफ पर पुलवामा में हुआ हमला सबसे बड़ी घटना है, जिनमें इतनी तादात में जवान शहीद हुए हैं. इस घटना के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि ये हमला भारत की आत्मा पर हुआ है. आतंकवाद के मुद्दे पर सरकार और सेना के हर कदम के साथ हैं. आतंकियों को ऐसा सबक सिखाया जाए कि दोबारा वे ऐसी घटना करने से पहले सोचें. इसी के साथ उन्होंने कहा कि अगले कुछ दिनों तक वो राजनीतिक बात नहीं करेंगे.
जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आतंकी हमले के दूसरे दिन सीसीएस की बैठक के बाद झांसी रैली के लिए रवाना हो गए थे. इस रैली में नरेंद्र मोदी ने कहा था कि सुरक्षा बलों को सारे फैसले लेने के लिए छूट दे गई है. राष्ट्र इस घटना के बाद आक्रोशित है. पुलवामा हमले के साजिशकर्ताओं को उनके किए की सजा मिलकर रहेगी. उन्होंने कहा कि आतंकी संगठनों और उनके आकाओं ने जो हैवानियत दिखाई है, उसका पूरा हिसाब किया जाएगा ताकि हमारा पड़ोसी देश ऐसी हरकत दोबारा न कर सके. पीएम मोदी ने कहा कि आप सभी की भावनाओं को मैं भली-भांति समझ पा रहा हूं. हमारे जवानों ने देश की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति दी है. उनका ये बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा.
वहीं, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह भी अपनी चुनावी रैलियों में आतंकवाद को उठा रहे हैं. पुलवामा आतंकी हमले में शामिल आतंकवादियों को निशाने पर लेते हुए बीजेपी अध्यक्ष ने रविवार को असम की रैली में कहा कि यह कायराना हरकत पाकिस्तानी आतंकवादियों ने की है. उन्हें किसी भी कीमत पर नहीं बख्शा जाएगा क्योंकि केंद्र में अब कांग्रेस सरकार नहीं है. हम किसी भी सुरक्षा मुद्दे पर कोई समझौता नहीं करने वाले हैं.
शाह ने दावा किया कि सभी वैश्विक नेताओं में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास आतंकवाद से लड़ने के लिए सबसे अधिक इच्छाशक्ति है. पहले भी बीजेपी सरकार ने पाकिस्तान को कूटनीतिक माध्यमों से, गोलियों से और सर्जिकल स्ट्राइक के जरिए जवाब दिया है और आतंकवादियों को सबक सिखाया गया है.
हालांकि विपक्ष की ओर से आतंकवाद के मुद्दे पर सभी सरकार के साथ खड़े हैं, लेकिन हमले के बहाने मोदी सरकार को घेरने में भी पीछे नहीं रहे. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने पुलवामा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए कहा था कि हम इस कायरतापूर्ण हमले की कड़ी निंदा करते हैं और शहीद हुए जवानों के परजिनों के प्रति संवेदना प्रकट करते हैं. पिछले पांच सालों में मोदी सरकार में यह 18वां बड़ा हमला है. 56 इंच का सीना कब जवाब देगा?
इससे साफ जाहिर है कि लोकसभा चुनाव में आतंकी हमले के बहाने विपक्ष मोदी सरकार पर सवाल खड़े कर सकता है. दरअसल बीजेपी की ओर लगातार जिस तरह इस मुद्दे को चुनावी रैलियों में उठाया जा रहा है. ऐसे में विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की कवायद कर सकता है, क्योंकि पुलवामा घटना के बाद जिस तरह से लोगों में गुस्सा है. उससे साफ जाहिर है कि चुनाव में आतंकवाद एक बड़े मुद्दे के रूप में उठ सकता है.