ओडिशा की पुरी लोकसभा सीट पर 23 मई को मतगणना हुई. पुरी लोकसभा सीट पर कांग्रेस के पिनाकी मिश्रा बीजेपी के संबित पात्रा से हुए नजदीकी मुकाबले में 11 हजार 714 वोटों से जीत गए.
इस सीट पर तीसरे चरण में 23 अप्रैल को वोट डाले गए थे. भगवान जगन्नाथ की भूमि पुरी लोकसभा सीट इस वजह से वीआईपी हो गई, क्योंकि यहां से बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा चुनाव मैदान में उतरे थे. पुरी लोकसभा क्षेत्र में 96 फीसदी हिंदू आबादी है. संबित पात्रा खुद ब्राह्मण हैं और पुरी सीट भी ब्राह्मण बाहुल्य है. बता दें कि इस लोकसभा सीट पर बीजेपी कभी नहीं जीती है.
इस सीट पर क्षेत्रीय पार्टी बीजेडी और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर चल रही है. बीजेडी से पिनाकी मिश्रा 462025 यानी 47.42% वोटों से आगे चल रहे हैं, वहीं बजेपी की ओर से संबित पात्रा 452558 यानी 46.45% वोटों से पीछा करते कड़ी टक्कर दे रहे हैं.
कब और कितनी हुई वोटिंग
ओडिश की पुरी सीट पर तीसरे चरण में 23 अप्रैल को चुनाव हुए थे और वहां 72.53% वोटिंग दर्ज की गई. वहीं, 2014 के आम चुनाव में यहां पर 74.01% वोटिंग दर्ज की गई थी. 2014 में पुरी लोकसभा सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 14 लाख 4 हजार 581 थी. इसमें पुरुष मतदाताओं का अनुपात 7 लाख 42 हजार 939 था, जबकि महिला वोटर्स की संख्या 6 लाख 61 हजार 642 थी.
Lok Sabha Election Results 2019 LIVE: देखें पल-पल का अपडेट
कौन-कौन हैं प्रमुख उम्मीदवार
बीजेपी कैंडिडेट संबित पात्रा का इस सीट पर मुकाबला बीजेडी के पिनाकी मिश्रा से है. पिनाकी मिश्रा मौजूदा सांसद हैं और पिछली बार लोकसभा चुनाव में उन्हें सवा पांच लाख से ज्यादा वोट मिले थे. टीवी डिबेट के सुपरस्टार और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा पेशे से डॉक्टर हैं. उनको टीवी डिबेट में विपक्षियों की सर्जरी में महारत हासिल है. कांग्रेस ने इस सीट से सत्य प्रकाश नायक को टिकट दिया है. पुरी की जंग में बहुजन समाज पार्टी, अखिल भारतीय हिन्दू महासभा, सीपीआई (एमएल) रेड स्टार और कलिंग सेना के प्रत्याशी भी मैदान में थे. यहां से इस बार कुल 8 प्रत्याशी टक्कर में हैं.
2014 का चुनाव
2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेडी के पिनाकी मिश्रा को 5 लाख 23 हजार 161 वोट मिले थे. जबकि कांग्रेस को सुचित्रा मोहंती को 2 लाख 89 हजार 800 वोट मिले. 2 लाख 15 हजार 763 वोट लाकर बीजेपी के अशोक साहू इस सीट पर तीसरे स्थान पर रहे थे. 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर कुल 14 लाख 4 हजार 581 मतदाता थे. इसमें से पुरुष वोटर्स 7 लाख 42 हजार 939 थे. जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 6 लाख 61 हजार 642 थी. इस सीट पर तब लगभग 74 प्रतिशत वोटिंग हुई थी.
सामाजिक ताना-बाना
पुरी लोकसभा का विस्तार ओडिशा के खोरधा, नयागढ़ और पुरी जिले में है. 2011 की जनगणना के मुताबिक यहां की जनसंख्या 19 लाख 11 हजार 898 है. यहां की 83.02 फीसदी आबादी गांवों में रहती है, जबकि लगभग 17 फीसदी आबादी शहरों में निवास करती है. इस क्षेत्र में अनुसूचित जाति के लोगों की आबादी 15.54 फीसदी है, जबकि अनुसूचित जनजाति का हिस्सा 1.47 फीसदी है. पुरी में जगन्नाथ मंदिर होने की वजह से सालों भर यह क्षेत्र आध्यात्मिक पर्यटन का केन्द्र बना रहता है. इस वजह से यहां की अर्थव्यवस्था को काफी बल मिलता है.
पुरी भारत का वह आध्यात्मिक संसदीय क्षेत्र है जहां दुनिया की सबसे बड़ी रसोई है. महाप्रभु जगन्नाथ की इस रसोई में एक साथ 50 हजार लोगों के लिए महाप्रसाद बनता है. एक एकड़ में फैली 32 कमरों वाली इस विशाल रसोई में महाप्रसाद तैयार करने के लिए 752 चूल्हे जलते हैं. पुरी में निकलने वाली रथ यात्रा दुनिया भर के हिन्दुओं के लिए आस्था और आकर्षण का केन्द्र है. पुरी लोकसभा सीट के तहत विधानसभा की 7 सीटें आती हैं. ये सीटें हैं पुरी, पिपली, नयागढ़, ब्रह्मगिरी, चिल्का, सत्याबदी और रानपुर सीट.
सीट का इतिहास
भगवान जगन्नाथ की नगरी पुरी में पहली बार चुनाव 1952 में हुए. इस सीट पर कांग्रेस और बीजू जनता दल का प्रभुत्व रहा है. मौजूदा सांसद पिनाकी मिश्रा पहली बार 1996 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते थे. लेकिन 1998 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर बीजू जनता दल के ब्रज किशोर त्रिपाठी जीते. ब्रज किशोर त्रिपाठी बीजू जनता दल के टिकट पर 2004 तक लगातार चुनाव जीतते रहे. 2009 में भी इस सीट पर बीजू जनता दल ही चुनाव जीती, लेकिन इस बार पार्टी ने टिकट कांग्रेस में रहे पिनाकी मिश्रा को दिया था. 2009 के लोकसभा चुनाव में भी बीजेडी के टिकट पर पिनाकी मिश्रा जीते. 2014 में देश भर में मोदी की हवा होने के बावजूद इस सीट पर बीजेडी और पिनाकी मिश्रा ने अपना दबदबा कायम रखा. इस लोकसभा सीट पर बीजेपी कभी नहीं जीती है.
चुनाव की हर ख़बर मिलेगी सीधे आपके इनबॉक्स में. आम चुनाव की ताज़ा खबरों से अपडेट रहने के लिए सब्सक्राइब करें आजतक का इलेक्शन स्पेशल न्यूज़ लेटर