चुनाव आयोग से दो बार मोहलत मिलने के बाद आखिरकार कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपना जवाब दाखिल कर दिया. राहुल ने अपने जवाब में कहा है कि उन्होंने आदिवासियों के बारे में जो बयान दिया था उसमें उन्होंने आचार संहिता का उल्लंघन नहीं किया है.
बता दें, राहुल गांधी ने दावा किया था कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने एक ऐसा नया कानून बनाया है, जिसमें आदिवासियों को गोली मारने की अनुमति दी गई है. इसके खिलाफ बीजेपी ने शिकायत की थी. राहुल को चुनाव आयोग ने नोटिस जारी करके जवाब मांगा था.
चुनाव आयोग को दिए जवाब में राहुल गांधी ने कहा कि उन्होंने भारतीय वन कानून में प्रस्तावित संशोधन को अपने एक राजनीतिक भाषण में संक्षिप्त कर सरल ढंग से समझाने का प्रयास किया था. उन्होंने आयोग से यह भी कहा कि उनकी मंशा अपुष्ट तथ्यों का बयान कर लोगों को बहकाने की नहीं थी.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने चुनाव आयोग से यह भी कहा है कि उनके खिलाफ शिकायत इसलिए दर्ज की गई ताकि उन्हें लोकसभा चुनावों से अलग हटाया जा सके.
चुनाव आयोग ने दो बार दी मोहलत
मध्यप्रदेश के शहडोल में दिए गए इस बयान की शिकायत 1 मई को बीजेपी ने की थी. उसी दिन चुनाव आयोग ने राहुल को नोटिस जारी करके 48 घंटे के अंदर जवाब मांगा था, लेकिन राहुल ने चुनाव आयोग से पहले 7 मई, इसके बाद 10 मई तक का जवाब दाखिल करने का समय मांगा था. आज राहुल ने अपना जवाब दाखिल कर दिया है.
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