कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फिर से अपने निशाने में लिया है और यह आरोप लगाया कि ने प्रधानमंत्री ने अपनी खुद की मार्केटिंग के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को प्रचार मंत्री का ऑफिस बना दिया है. इसके अलावा राहुल ने बेरोजगारी और नोटबंदी सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर मोदी पर जम कर प्रहार किए.
राहुल ने इस बात पर भी हैरत जताई कि क्या कभी प्रधानमंत्री ने विश्वविद्यालय की पढ़ाई की है. उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार पर शैक्षिक संस्थानों का भगवाकरण करने का भी आरोप लगाया है. दरअसल मणिपुर की राजधानी इंफाल में छात्रों के साथ एक संवाद के दौरान और एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे जिसमें राहुल ने नागरिकता संशोधन विधेयक का मुद्दा उठाया और पूर्वोत्तर के लोगों की संस्कृति पर हमला करने आरोप लगाया.
गौरतलब है कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा था कि अगर भाजपा की सरकार दोबारा बनती है तो नागरिकता विधेयक को संसद में दोबारा पेश किया जाएगा. इस पर बरसते हुए गांधी ने इसे पूर्वोत्तर की संस्कृति पर हमला करार दिया. उन्होंने रैली में कहा कि ''बीजेपी के पार्टी अध्यक्ष अमित शाह कहते हैं कि मणिपुर तथा पूर्वोत्तर के लोगों पर नागरिकता संशोधन विधेयक थोपा जाएगा. ये लोग आपकी संस्कृति पर हमला कर रहे हैं. लेकिन हमने यह विधेयक पारित नहीं होने दिया. कांग्रेस आपकी संस्कृति की रक्षा करेगी और विधेयक को पारित नहीं होने देगी.''
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मोदी ने जब लुक ईस्ट की जगह एक्ट ईस्ट की बात किया, तो उनकी कथनी और करनी में अंतर साफ नजर आ रहा था. राहुल ने छात्रों से संवाद के दौरान कहा कि ''प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) अब प्रचार मंत्री का कार्यालय बन गया है.'' उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी ने हर साल दो करोड़ नौकरियां देने का वायदा करने के बावजूद अकेले 2018 में एक करोड़ नौकरियां खत्म कर दीं.
जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल में 2018 के दौरान हर दिन लगभग 30 हजार नौकरियां खत्म हुईं. गांधी ने आरोप लगाया कि 2018 में प्रधानमंत्री मोदी ने देश में एक करोड़ नौकरियां खत्म कर दीं. यह उनकी अक्षमता का स्तर है. राहुल ने मोदी का दो करोड़ नौकरियों का वायदा बेतुका और हास्यास्पद बताया.
छात्रों से संवाद के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया कि कोई भी यह नहीं जानता है कि मोदी ने कभी विश्वविद्यालय में पढ़ाई की भी या नहीं. उन्होंने कहा कि ''हम अब तक उनकी विश्वविद्यालय की डिग्री के बारे में नहीं जानते. असलियत में कोई भी यह नहीं जानता कि वह विश्वविद्यालय गए भी या नहीं''. दिल्ली में एक आरटीआई आवेदन के जरिये प्रधानमंत्री की डिग्री की जानकारी मांगी गई लेकिन जवाब नहीं मिला. एक सभ्य देश में प्रधानमंत्री औसत दर्जे की बातें कर रहे है.
राहुल ने जिक्र करते हुए कहा कि मणिपुर विश्वविद्यालय में पिछले साल छात्रों और प्राध्यापकों ने कथित शैक्षिक विरोधी गतिविधियों को लेकर तत्कालीन कुलपति ए पी पांडेय को पद से हटाने की मांग की थी जिसके कारण वहां अशांति फैली थी. राहुल ने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि मणिपुर के लोग उन्हें हटाने में कामयाब रहे. बता दें कि पांडेय पर आरएसएस से संबंधों का आरोप लगा था. और उन्हें हटाने के लिए चल रहे विरोध की वजह से मणिपुर विश्वविद्यालय करीब तीन माह तक बंद रहा था.
आरएसएस का परोक्ष संदर्भ देते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें (पांडेय को) आप पर थोपा गया था. अब विश्वविद्यालय का संचालन करने की एकमात्र योग्यता हाफपैंट पहनना, लाठी लहराना और नफरत फैलाना है.
नोटबंदी को हास्यास्पद बताते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि एक सुबह मोदी सो कर उठे और नोटबंदी करने का फैसला कर लिया और लोगों की जिंदगी बिखर कर रह गई. क्या यह मजाक है.
राहुल ने कहा कि हर राज्य की अपनी अलग आवाज है और उसे सुना जाना चाहिए तथा उसका सम्मान करना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि वैचारिक लड़ाई जारी है. ''आरएसएस-भाजपा न तो दूसरों के विचार सुनती है और न ही उन पर विचार करती है. इसके विपरीत, कांग्रेस हर राज्य के अनूठेपन को जानती है और देश में उनके स्थान को महत्व देती है.'' उन्होंने यह भी जानना चाहा कि पूर्वोत्तर को दक्षिण एशिया और भारत के बीच सेतु बनाने के लिए केंद्र ने क्या किया है.