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राहुल गांधी का इस्तीफा नामंजूर, गुलाम नबी बोले-हार पर बाद में होगी चर्चा

कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक खत्म हो गई है. बैठक में राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद छोड़ने की इच्छा जाहिर की है. बैठक के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि वो अध्यक्ष के रूप में काम नहीं करना चाहते हैं, पार्टी के लिए काम करना चाहते हैं.

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कांग्रेस वर्किंग कमेटी में राहुल गांधी
कांग्रेस वर्किंग कमेटी में राहुल गांधी

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कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक खत्म हो गई है. बैठक में राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव 2019 में हार की जिम्मेदारी लेते हुए कांग्रेस अध्यक्ष पद छोड़ने की इच्छा जाहिर की. बैठक के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि वो अध्यक्ष के रूप में काम नहीं करना चाहते हैं, पार्टी के लिए काम करना चाहते हैं. हालांकि बैठक में राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष पद छोड़ने की पेशकश खारिज कर दी गई.

कांग्रेस की प्रेस कॉन्फ्रेंस में रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि राहुल गांधी ने इस्तीफे की पेशकश की थी, लेकिन उनके इस्तीफे को मंजूर नहीं किया गया. सुरजेवाला ने कहा कि पार्टी हार स्वीकार करती है, लेकिन राहुल गांधी ही पार्टी अध्यक्ष रहेंगे. पार्टी में बदलाव के पूरे अधिकार राहुल गांधी को दिए गए हैं. दूसरी तरफ चुनाव में हार को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद का कहना है कि कभी किसी हार की पहली मीटिंग में चर्चा नहीं होती. बाद में अलग से होगी.

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कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण का कहना है कि जो कुछ भी हुआ उसके लिए राहुल गांधी को दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए. वह हमारी पार्टी के नेता हैं. मैं इस बात का समर्थन नहीं करता कि वह इस पराजय के लिए जिम्मेदार है. यह हम जैसे सभी लोगों की सामूहिक जिम्मेदारी है. अशोक चव्हाण ने कहा कि हम सभी को कांग्रेस अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंपना चाहिए. जो भी फेरबदल और बदलाव चाहता हैं, वो करें. हम कांग्रेस अध्यक्ष को इस पर फैसला लेने की छूट देते हैं. उन्होंने कहा कि वो जल्द ही राहुल गांधी से मिलेंगे.

राहुल गांधी के इस्तीफे को लेकर कांग्रेस नेता अंबिका सोनी का कहना है 'हमें बयान देने से मना किया गया है.' वहीं जब अंबिका सोनी से पूछा गया कि क्या राहुल गांधी के अध्यक्ष पद को लेकर कमेटी में सवाल उठाया गया तो उनका जवाब था 'बिल्कुल भी नहीं'. बैठक में कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्यों ने अपनी बात रखी. सदस्यों का राहुल से कहना है कि वे इस्तीफा न दें. काम करें.

दरअसल मोदी की सुनामी में कांग्रेस की जो हालत हुई, उससे हर कोई हैरान है. हार पर मंथन करने के लिए कांग्रेस के दिग्गज इकट्ठा हुए. इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, मल्लिकार्जुन खड़गे, गुलाम नबी आजाद, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पहुंचें.

इस बार 2014 के मुकाबले इस चुनाव में कांग्रेस की सिर्फ 8 सीटें बढ़ीं हैं. पिछले चुनाव में कांग्रेस ने 44 सीट जीती थीं. जबकि इस बार पार्टी को महज 52 सीट मिली हैं, जिससे उसे लोकसभा में विपक्ष का भी दर्जा नहीं मिलेगा. इसके लिए भी 54 का आंकड़ा चाहिए. राहुल गांधी भले ही वायनाड से बंपर वोटों से जीत गए हों लेकिन कांग्रेस के गढ़ अमेठी पर अब भगवा लहरा रहा है. स्मृति ईरानी ने राहुल को 55 हजार से ज्यादा वोटों से मात दी.

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