राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष बने रहेंगे. लोकसभा चुनाव 2019 की हार के बाद शनिवार को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक हुई, जिसमें उनका इस्तीफा खारिज कर दिया गया. कार्यसमिति के सदस्यों ने राहुल गांधी से कहा कि ऐसे मुश्किल वक्त में पार्टी को उनके मार्गदर्शन की जरूरत है, लिहाजा वह पार्टी अध्यक्ष के पद पर बने रहें. बैठक में राहुल गांधी ने पार्टी के अध्यक्ष के पद से इस्तीफे की पेशकश की थी. कार्यसमिति की बैठक के बाद पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने इसकी जानकारी दी.
3 घंटे चली इस बैठक में यूपीए चीफ सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, महासचिव प्रियंका गांधी, एके एंटनी, पी चिदंबरम, मीरा कुमार समेत कई दिग्गज नेता मौजूद थे. राहुल गांधी ने कहा कि वह अध्यक्ष पद पर नहीं रहना चाहते लेकिन पार्टी के लिए बतौर कार्यकर्ता काम करते रहेंगे.
राहुल ने यह भी कहा कि उनकी जगह प्रियंका गांधी का नाम भी प्रस्तावित न किया जाए. साथ ही किसी गैर कांग्रेसी को पार्टी अध्यक्ष बनाया जाए. लेकिन कार्यसमिति ने राहुल की बात नहीं मानी. सुरजेवाला ने कहा, राहुल गांधी को अब यह अधिकार दिया गया कि वह पार्टी में अपने मुताबिक जैसे चाहे संगठनात्मक बदलाव कर सकते हैं.#WATCH Randeep Surjewala, Congress: Party President Rahul Gandhi offered his resignation but it was rejected by the members of CWC unanimously. pic.twitter.com/0DmHV6queZ
— ANI (@ANI) May 25, 2019
सुरजेवाला ने कहा, कार्यसमिति ने देश के आगे मौजूदा समय में कई चुनौतियों पर संज्ञान लिया, जिसका हल नई सरकार को ढूंढना होगा. उन्होंने कहा, ईरान पर प्रतिबंध लगने के बाद तेल और बढ़ती महंगाई एक बड़ी समस्या है. बैंकिंग प्रणाली गंभीर स्थिति में है और एनपीए पिछले 5 वर्ष में बढ़कर 12 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जिससे बैंकों की स्थिरता खतरे में है.
एनबीएफसी, जिनमें लोगों की मेहनत की कमाई जमा है, उनकी आर्थिक स्थिरता पर गंभीर सवाल खड़े हैं. निजी निवेश की कमी और कंज्यूमर गुड्स की बिक्री में तेजी से आई गिरावट के कारण अर्थव्यवस्था में मंदी का संकट मंडरा रहा है. नौकरियों के संकट का कोई समाधान नहीं निकल रहा, जिससे युवाओं का भविष्य खतरे में है.
सुरजेवाला ने कहा, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे कई राज्यों में सूखे की स्थिति के कारण देश में कृषि संकट और बढ़ता जा रहा है. हमारी संस्थाएं भारत के संवैधानिक लोकतंत्र की पहचान हैं, पर आज उनकी निष्पक्षता व अखंडता पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं. देश में सामाजिक सदभाव व भाईचारे पर लगातार हमला हो रहा है. कांग्रेस कार्यसमिति के मुताबिक अगली सरकार को इन मुद्दों को पर ध्यान देने की जरूरत है.