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राजनाथ बोले - साध्वी प्रज्ञा कनविक्टेड नहीं, उन्हें चुनाव लड़ने का अधिकार

2019 के लोकसभा चुनाव में गृह मंत्री राजनाथ सिंह लखनऊ से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. राजनाथ सिंह से आजतक ने खास बातचीत की जिसमें राजनाथ सिंह ने साध्वी प्रज्ञा की उम्मीदवारी पर उन्हें कनविक्टेड न बताते हुए कहा कि उन्हें चुनाव लड़ने का अधिकार है.

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राजनाथ सिंह फोटो क्रेडिट- ट्वीटर
राजनाथ सिंह फोटो क्रेडिट- ट्वीटर

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2019 के लोकसभा चुनाव में गृह मंत्री राजनाथ सिंह लखनऊ से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. राजनाथ ने बीते मंगलवार लखनऊ लोकसभा सीट के लिए अपना नामांकन भर दिया है. उनका मुकाबला कांग्रेस के आचार्य प्रमोद कृष्णम और सपा-बसपा गठबंधन की उम्मीदवार पूनम सिन्हा से है. हालांकि लखनऊ एक ऐसी लोकसभा सीट है जिसे भाजपा का गढ़ माना जाता है.

राजनाथ सिंह से आजतक ने खास बातचीत की, जिसमें उन्होंने साध्वी प्रज्ञा की उम्मीदवारी पर उन्हें कनविक्टेड न बताते हुए कहा कि उन्हें चुनाव लड़ने का अधिकार है, इसके अलावा कई सवालों का जवाब राजनाथ सिंह ने आजतक से हुई बातचीत में दिया.

सवाल- तीन चरणों के चुनाव में क्या है आपका आकलन.

जवाब- राजनाथ ने कहा उत्तर प्रदेश का जहां तक सवाल है पिछली बार अपने सहयोगियों के साथ 73 सीटों पर बीजेपी जीती थी, हमारी कोशिश है कि ये 73 से बढ़कर 74 हो जाए लेकिन 72 ना हो.

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सवाल- महागठबंधन कितनी बड़ी चुनौती है.

जवाब- सपा-बसपा का जहां तक सवाल है, इसकी विश्वसनीयता जनता में नहीं है. जिस पार्टी की विश्वसनीयता जनता ना हो मैं समझता हूं जनता का उसे समर्थन नहीं मिलता.

सवाल- पूनम सिन्हा आपके सामने हैं, जबकि शत्रुघ्न सिन्हा से आपके अच्छे संबंध रहे हैं.

जवाब-शत्रुघ्न सिन्हा से हमारे संबंध अच्छे थे, अच्छे हैं और अच्छे रहेंगे. हमारे उन से संबंध खराब नहीं हैं मैंने यही कहा है कि पूरी शालीनता के साथ, संयम के साथ और सौहार्द पूर्ण वातावरण में चुनाव होना चाहिए, किसी के ऊपर कोई छींटाकशी नहीं होनी चाहिए. यह मैंने अपने सभी कार्यकर्ताओं को कहा है.

सवाल- लेकिन इस चुनाव में शब्दों की मर्यादा टूटी है.

जवाब-राहुल गांधी ने तो प्रधानमंत्री जी के बारे में भी अपशब्द कहे हैं, क्या बचा है, अब उन्हें खेद व्यक्त करना पड़ा है मैं समझता हूं स्वस्थ लोकतांत्रिक व्यवस्था में सीमाओं का अतिक्रमण नहीं होना चाहिए, वाणी पर संयम होना चाहिए और जहां तक प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति का सवाल है तो यह सब व्यक्ति नहीं बल्कि संस्था होते हैं, उनकी गरिमा को बनाए रखना चाहिए. यह सिर्फ राजनीतिक पार्टियों की जिम्मेदारी नहीं बल्कि सभी की जिम्मेदारी है. क्योंकि लोकतंत्र में जब गरिमा गिरने लगती है, तो लोकतंत्र भी कमजोर होता है.

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सवाल- आपको लगता है कि आपकी पार्टी को भी इसका ध्यान रखना चाहिए ?

जवाब- सभी को शब्दों की मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए.

सवाल- साध्वी प्रज्ञा अभी टेरर के आरोपो से मुक्त नहीं हुई हैं ,क्या उन्हें उम्मीदवार बनाया जाना आप ठीक मानते हैं ?

जवाब- देखिए जहां तक मेरी जानकारी है साध्वी प्रज्ञा सजायाफ्ता नहीं है, कनविक्टेड नहीं है जिसे सजा नहीं हुई है वह चुनाव लड़ सकता है, उसे अधिकार प्राप्त है इस पर मैं क्या कह सकता हूं.

सवाल- कांग्रेस प्रधानमंत्री के खिलाफ वाराणसी से प्रियंका गांधी को चुनाव लड़ा सकती है, वह खुद भी वहां से चुनाव लड़ने की इच्छुक है क्या कहेंगे ?

जवाब- प्रियंका गांधी चुनाव लड़ने के लिए स्वतंत्र हैं वह जहां से लड़ना चाहे लड़ सकती हैं, उसमें बीजेपी की कोई आपत्ति नहीं है, यह उनकी पार्टी का फैसला होगा इसमें मैं कुछ नहीं कह सकता.

सवाल- इस बार आप अपने लिए एक कैसी जीत देखते हैं ?

जवाब-जहां तक हमारी जीत का या फिर जीत के मार्जिन का सवाल है यह तो लखनऊ की जनता को फैसला लेना है, इस पर मैं कुछ नहीं कह सकता कि हमारी जीत कैसी होगी. लेकिन इतना कह सकता हूं की लखनऊ की जनता का अद्भुत स्नेह मुझे मिल रहा है, और वह मुझे मिलेगा.

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सवाल- आपके सीनियर और बुजुर्ग नेताओं के टिकट काट दिए गए आपको लगता नहीं है कि उनकी नाराजगी पार्टी के लिए भारी पड़ सकती है ?

जवाब-आडवाणी जी, जोशी जी कोई नाराज नहीं है, यह दोनों हमारे वरिष्ठ नेता हैं उनके प्रति हमारा पूरा सम्मान है, और सम्मान रहेगा. टिकट के आधार पर किसी के प्रति सम्मान का मूल्यांकन नहीं किया जा सकता है.

बता दें कि लखनऊ में लोकसभा चुनाव पांचवे चरण में 6 मई को होंने हैं.

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