रामनाथपुरम तमिलनाडु के दक्षिण-पूर्व में मौजूद है. यह रामेश्वरम द्वीप के नजदीक मौजूद है. पुराने जमाने में चोल और पांडयन साम्राज्यों ने यहां राज किया. बाद में ब्रिटिश राज के तहत यहां का शासन चलाया गया. एआईएडीएमके के ए. अनवर राजा यहां से सांसद हैं.
राजनैतिक पृष्ठभूमि
रामनाथपुरम लोकसभा सीट पारंपरिक रूप से कांग्रेस का गढ़ रही है. यहां से छह बार कांग्रेस के सांसद चुने गए. वहीं, चार बार एआईएडीएमके ने जीत दर्ज की. वहीं, तीन बार डीएमके को जीत मिली. 1951 से लेकर 1962 तक यहां कांग्रेस को लगातार जीत मिली. 1967 में निर्दलीय को यहां की जनता ने संसद भेजा. 1971 में फॉरवर्ड ब्लॉक को यहां जीत मिली. जबकि 1977 में एआईएडीएमके ने यहां पहली बार जीत दर्ज की.
1980 में यहां डीएमके ने खाता खोला. लेकिन 1984, 1989 और 1991 में लगातार तीन चुनावों में कांग्रेस ने यहां से जीत दर्ज की. 1996 में तमिल मनीला कांग्रेस (मूपनार) एस.पी. उदयप्पन को यहां जीत मिली. 1998 और 1999 में एआईएडीएमके को यहां जीत मिली. लेकिन 2004 और 2009 में डीएमके को यहां जीत मिली. 2014 में हुए आखिरी चुनाव में एआईएडीएमके ने यहां से जीत दर्ज की.
सामाजिक तानाबाना
रामनाथपुरम सीट पर 1455988 मतदाता हैं. जिसमें पुरुषों का प्रतिशत 50.24 है बाकी महिलाओं का प्रतिशत 49.75 है. प्रति एक हजार पुरुषों पर महिलाओं की तादाद 990 है.
विधानसभा सीटों का समीकरण
रामनाथपुरम लोकसभा सीट के तहत छह विधानसभा सीटें आती हैं. ये हैं- परमकुडी (सुरक्षित), तिरुवडनई, रामनाथपुरम, मुदुकुलातूर, अरंथंगी और तिरुचुली. यहां चार विधानसभा सीटें एआईएडीएमके के पास हैं, वहीं एक-एक सीट पर डीएमके और कांग्रेस का कब्जा है.
2014 का जनादेश
2014 के लोकसभा चुनाव में रामनाथपुरम सीट से एआईएडीएमके ने यहां से जीत दर्ज की थी. ए. अनवर राजा यहां से सांसद हैं. उन्हें 4,05,945 वोट मिले थे. दूसरे नंबर पर डीएमके के मोहम्मद जा थे, उन्हें 286621 वोट मिले थे.
सांसद का रिपोर्ट कार्ड
ए. अनवर राजा यहां से पहली बार 2014 में लोकसभा सांसद बने. वे 16वीं लोकसभा में वाणिज्य मंत्रालय की स्टैंडिंग कमिटी के सदस्य हैं. लोकसभा में उनकी उपस्थिति 73 फीसदी रही है. उन्होंने 36 बहसों में हिस्सा लेते हुए इस दौरान 212 प्रश्न पूछे. उन्होंने अपनी सांसद निधि से 79.6 फीसदी रकम अपने क्षेत्र के विकास पर खर्च की.