बिहार में पहली बार आरजेडी का सूपड़ा साफ होने और मुहागठबंधन की हार के बाद अब बयानबाजियों का दौर शुरू हो गया है. आरजेडी के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने वैशाली सीट से चुनाव हारने के बाद प्रदेश में करारी हार के लिए लालू की गैरमौजूदगी को वजह बताते हुए छोटी पार्टियों के एकीकरण की वकालत की है. वहीं कभी लालू के खास रहे पाटलीपुत्र संसदीय क्षेत्र से दूसरी बार सांसद चुने गए रामकृपाल यादव और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इसे वंशवाद के अंत की शुरुआत बताया है.
सिंह ने कहा कि लोकसभा चुनाव में आरजेडी के हार की सबसे बड़ी वजह पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का जेल में होना है. उनके जेल में होने की वजह से बिहार में भाजपा अपनी योजना में कामयाब रही. उन्होंने इशारों-इशारों में यह भी कह दिया कि एनडीए से टक्कर लेने के लिए महागठबंधन बनाने से बेहतर होता कि केवल एक पार्टी मैदान में चुनौती देने के लिए होती.
रघुवंश ने कहा कि बिहार की सभी क्षेत्रीय पार्टियों को मिलकर एक पार्टी बनानी होगी, तभी मोदी को हराना मुमकिन हो सकता है. गौरतलब है, अगले साल के अंत में बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में रघुवंश प्रसाद सिंह का बयान हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी, विकासशील इंसान पार्टी जैसी पार्टियों के लिए एक संदेश के तौर पर देखा.
रामकृपाल यादव ने आरजेडी के परिवार तक सिमटने को आरजेडी की हार की सबसे बड़ी वजह बताया. यादव ने कहा कि एक वह दौर था जब आरजेडी में सामाजिक न्याय की बात हुआ करती थी मगर अब परिवार के न्याय की बात होती है. आरजेडी में लालू परिवार के सदस्यों के अलावा कोई चेहरा नहीं है. वह केवल एक परिवार की पार्टी बनकर रह गई है जिसका हर सदस्य मंत्री, सांसद या विधायक है.
केंद्रीय मंत्री और पटना साहिब के नवनिर्वाचित सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इन नतीजों ने साबित कर दिया है कि विरासत और वंशवाद की राजनीति अब समाप्त हो गई है.