प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी करने वाली नरेंद्र मोदी सरकार के मंत्रिमंडल में पुराने चेहरों को क्या भूमिका रहेगी, इसको लेकर कयास लग रहे हैं. 2014 की मोदी कैबिनेट के तीन सबसे वरिष्ठ सदस्यों राजनाथ सिंह, अरुण जेटली और सुषमा स्वराज की भावी भूमिका क्या बदलेगी या फिर उन्हें उसी भूमिका में रखा जाएगा. सियासी गलियारे में यह सबसे बड़ा सवाल है. तीनों वरिष्ठ सदस्यों में सिर्फ राजनाथ सिंह ही इस बार लखनऊ लोकसभा से चुनाव लड़े हैं. अरुण जेटली और सुषमा स्वराज इस बार लोकसभा चुनाव के मैदान में नहीं उतरे.
अरुण जेटली राज्यसभा सदस्य हैं. जबकि सुषमा स्वराज इस वक्त न लोकसभा सदस्य हैं और न ही राज्यसभा. ऐसे में माना जा रहा है कि अगर सुषमा स्वराज को मंत्री बनाने पर फैसला हुआ तो राज्यसभा के रास्ते संभावनाओं का द्वार खोला जाएगा.राजनाथ सिंह की क्या होगी भूमिका
मोदी सरकार में राजनाथ सिंह की हैसियत अब तक नंबर दो की रही. अब दूसरी पारी में भी वह गृहमंत्री ही बनेंगे या कोई और भूमिका होगी. इसको लेकर कयास लगाए जा रहे हैं. दरअसल गांधीनगर से रिकॉर्ड मतों से लोकसभा चुनाव जीते पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के भी इस बार सरकार में शामिल होने की चर्चा जोरों पर है. कहा जा रहा है कि अगर गुजरात मॉडल लागू हुआ तो अमित शाह गृहमंत्री बन सकते हैं. मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने अमित शाह को राज्य का गृहमंत्री बनाया था. ऐसे में राजनाथ सिंह की भूमिका को लेकर अटकलें जारी हैं.
जेटली चल रहे अस्वस्थ
वित्त मंत्री अरुण जेटली गंभीर रूप से बीमार चल रहे हैं. इलाज के सिलसिले में उन्हें अमेरिका भी जाना पड़ा है. गिरते स्वास्थ्य के कारण सियासी गलियारे में चर्चा है कि स्वास्थ्य कारणों से अरुण जेटली को वित्त मंत्रालय की जगह कोई ऐसा मंत्रालय दिया जा सकता है, जहां उन्हें कुछ आराम रहे. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज इस बार लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ीं. ऐसे में उनके मोदी कैबिनेट में शामिल होने पर अटकलों का दौर जारी है.