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चुनाव आयोग को साध्वी प्रज्ञा का जवाब- नहीं किया किसी शहीद का अपमान

साध्वी प्रज्ञा ने कहा है कि उनके द्वारा किसी व्यक्ति, संस्था संगठन से जुड़ा कोई नारा नहीं लगाया गया है, न ही किसी किस्म का पर्चा बांटा गया है. साध्वी प्रज्ञा ने कहा है कि उनके द्वारा कोई ऐसा काम नहीं किया गया है कि जिससे किसी की भावना आहत हुई हो अथवा जन शांति भंग हुई हो.

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भोपाल से बीजेपी कैंडिडेट साध्वी प्रज्ञा (फाइल फोटो-ANI)
भोपाल से बीजेपी कैंडिडेट साध्वी प्रज्ञा (फाइल फोटो-ANI)

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साध्वी प्रज्ञा ने चुनाव आयोग के नोटिस का जवाब दे दिया है. साध्वी प्रज्ञा ने कहा है कि उन्होंने अपने संबोधन में अभद्र भाषा का इस्तेमाल नहीं किया है. चुनाव आयोग को लिखे पत्र में साध्वी प्रज्ञा ने कहा है कि उन्होंने किसी पंथ, संप्रदाय की धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाने वाली कोई बात नहीं कही है. साध्वी प्रज्ञा ने कहा है कि अगर इस संबंध में चुनाव आयोग के पास कोई रिपोर्ट हो तो इसकी प्रतिलिपि उन्हें मुहैया कराई जाए ताकि वे उसका समुचित उत्तर दे सकें.

साध्वी प्रज्ञा ने कहा है कि उनके द्वारा किसी व्यक्ति, संस्था संगठन से जुड़ा कोई नारा नहीं लगाया गया है, न ही किसी किस्म का पर्चा बांटा गया है. साध्वी प्रज्ञा ने कहा है कि उनके द्वारा कोई ऐसा काम नहीं किया गया है कि जिससे किसी की भावना आहत हुई हो अथवा जन शांति भंग हुई हो.

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साध्वी प्रज्ञा ने चुनाव आयोग को जबाव में लिखा है कि उन्होंने अपने संबोधन में किसी शहीद की शहादत के बारे में कोई अपमानजनक बात नहीं कही है. उन्होंने कहा है कि उनके कथन के एक वाक्य के आधार पर अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिए. भोपाल से बीजेपी कैंडिडेट ने कहा है कि उन्होंने अपने बयान में केंद्र की तत्कालीन कांग्रेस सरकार के निर्देश पर उन्हें जो यातनाएं दी गई थी उसका जिक्र किया है, और ऐसा करना उनका अधिकार है.

ssss_042119084427.jpgसाध्वी प्रज्ञा द्वारा चुनाव आयोग को भेजा गया जवाब

साध्वी प्रज्ञा ने लिखा है, "ये मेरा अधिकार है कि मेरे साथ जो घटना घटित हुई है उसे जनता के समक्ष रखूं, मेरे बयान को मीडिया द्वारा नकरात्मक तरीके से पेश किया गया और उसे मैंने स्वयं जनभावना का सम्मान करते हुए इस बयान को वापस ले लिया."

आगे साध्वी प्रज्ञा ने लिखा है कि उन्होंने अपने संबोधन में किसी नेता, अथवा कार्यकर्ता के बारे में कोई अनुचित टिप्पणी नहीं की है. साध्वी प्रज्ञा ने कहा है कि उन्होंने कुछ भी ऐसा नहीं किया है जिससे आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन हो. उन्होंने चुनाव आयोग से मांग की है कि उनके खिलाफ शुरू की गई कार्रवाई को खत्म किया जाए.

बता दें कि भोपाल से बीजेपी का टिकट मिलने के बाद साध्वी प्रज्ञा ने मुंबई हमले के शहीद हेमंत करकरे पर बेहद विवादित टिप्पणी की थी. साध्वी प्रज्ञा ने कहा था कि मालेगांव ब्लास्ट मामले में गिरफ्तारी के बाद उन्हें क्रूर यातनाएं दी गई, उन्हें पीटा गया और उनपर अत्याचार किया गया. साध्वी प्रज्ञा ने तब कहा था कि हेमंत करकरे का सर्वनाश होगा. साध्वी प्रज्ञा के इस बयान पर चुनाव आयोग ने शनिवार को उन्हें नोटिस जारी किया था और 24 घंटे में उनसे जवाब मांगा था.

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