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तमिलनाडु: सेलम लोकसभा सीट पर उपमुख्यमंत्री ओ. पनीरसेल्वम की प्रतिष्ठा दांव पर!

Salem Lok Sabha Constituency तमिलनाडु राज्य की राजनीति में सेलम लोकसभा सीट हाई प्रोफाइल मानी जाती है. उपमुख्यमंत्री ओ. पनीरसेल्वम यहां से सांसद हैं. जयललिता के निधन के बाद एआईएडीएमके पार्टी में हुई अंदरूनी खटपट के बाद 2019 लोकसभा चुनाव ओ. पनीरसेल्वम के लिए चुनौतीपूर्ण है. जानिए आखिर क्यों खास है सेलम लोकसभा सीट.

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तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम (फाइल फोटो)
तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम (फाइल फोटो)

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दक्षिण भारत की राजनीति में तमिलनाडु की सेलम लोकसभा सीट काफी महत्वपूर्ण है, यह राज्य की हाई प्रोफाइल सीटों में से एक है. ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के वरिष्ठ नेता और सूबे के उपमुख्यमंत्री ओ. पनीरसेल्वम यहां से सांसद हैं. जे. जयललिता के निधन के बाद जब एआईएडीएमके में फूट पड़नी शुरू हुई तो पनीरसेल्वम ने पार्टी को जोड़कर रखने की कोशिश की. बता दें कि पनीरसेल्वम राज्य की कमान भी संभाल चुके हैं.

राजनीतिक पृष्ठभूमि

1952 में अस्तित्व में आने के बाद यह सीट कांग्रेस का गढ़ रही है. 1991 से 2014 तक यहां 12 बार चुनाव हुए हैं, जिसमें दो बार द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) को जीत मिली है जबकि चार बार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC), एक बार निर्दलीय और एक बार TMC(M) ने जीत दर्ज की है. वहीं 2009 से इस सीट पर एआईएडीएमके का कब्जा है. 2014 के लोकसभा चुनाव में यहां 76.77 प्रतिशत वोटिंग हुई थी. जिसमें से एआईएडीएमके को 48.38 फीसदी, बीजेपी को -%, डीएमके को 25.12 फीसदी और कांग्रेस को 4.04 फीसदी वोट मिले थे. जबकि 2009 के लोकसभा चुनाव में 76.42 फीसदी मतदान हुआ था जिसमें एआईएडीएमके को 42.48 फीसदी, बीजेपी को -%, डीएमके को -% और कांग्रेस को 37.29 फीसदी वोट मिले थे.

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सामाजिक ताना-बाना

सेलम का मुख्य व्यवसाय इस्पात संयंत्र और आम की खेती है. 2011 की जनगणना के मुताबिक सेलम लोकसभा संसदीय क्षेत्र की कुल आबादी 19,54,050 है, जिसमें 36.26 फीसदी लोग ग्रामीण इलाके में रहते हैं तो वहीं 63.74 फीसदी शहरी आबादी है. यहां अनुसूचित जाति (SC) की जनसंख्या 14.21 फीसदी है जबकि अनुसूचित जनजाति (ST) की आबादी 0.74 फीसदी है. इसके अलावा 2014 लोकसभा चुनाव के आकड़ों के मुताबिक यहां 14,98,350 मतदाताओं में से 11,50,296 मतदाताओं ने वोटिंग की थी. जिसमें 78.13 फीसदी पुरुषों और 75.37 फीसदी महिलाओं ने वोट दिया था यानी कुल 76.77 फीसदी मतदान हुआ था. सेलम लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत छह विधानसभा सीटें आती हैं, जिसमें ओमालुर (Omalur), एडप्पादी (Edappadi, सलेम वेस्ट ( Salem West), सेलम नॉर्थ (Salem North), सेलम साउथ  (Salem South) और वीरापंडी (Veerapandi) शामिल हैं.

सेलम लोकसभा सीट का 2014 का जनादेश

2014 में एआईएडीएमके के वरिष्ठ नेता ओ. पनीरसेल्वम ने 2,67,610 वोटों से जीत हासिल की थी. उन्हें 14,98,350 में से 5,56,546 वोट मिले थे. जबकि उनके प्रतिद्वंदी और डीएमके नेता एस. उमाराणी  को 2,88,936 वोट मिले थे. इसके अलावा कांग्रेस प्रत्याशी को 46,477 और आम आदमी पार्टी को 5,198 वोट मिले थे. जबकि नोटा के हिस्से में 20,601 वोट आए थे. बता दें कि अन्नाद्रमुक (एआईएडीएमके) ने 2014 लोकसभा चुनाव पार्टी सुप्रीमो दिवंगत जे. जयललिता के नेतृत्व में लड़ा था और राज्य की 39 में से 37 सीटों पर जीत मिली थी.

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सांसद पनीरसेल्वम का रिपोर्ट कार्ड

पनीरसेल्वम पार्टी के मजबूत नेता हैं और दिवंगत जे. जयललिता के राइट हैंड रहे हैं. विधानसभा चुनाव लड़ने के बाद वर्ष 2001 में पहली बार मंत्री बनने वाले पन्नीरसेल्वम को जयललिता ने अहम राजस्व विभाग सौंपा था. जयललिता जब बीमार हुईं तो उनके विभागों और मंत्रिमंडल की बैठकों की अध्यक्षता की जिम्मेदारी पनीरसेल्वम को ही दी गई. इससे पहले जब भ्रष्टाचार के मामलों में जयललिता को दोषी करार दिया गया था तो पनीरसेल्वम ने राज्य की कमान संभाली थी. उन्हें सितंबर 2011 और सितंबर 2014 में कार्यवाहक मुख्यमंत्री बनाया गया था. पेशे से वकील पनीरसेल्वम के संसद में प्रदर्शन की बात करें तो सदन में उनकी उपस्थिति 69.78 फीसदी रही है. सदन में उन्होंने सिर्फ 22 डिबेट्स में हिस्सा लिया और 158 सवाल पूछे. इसके अलावा सांसद निधि के तहत उन्होंने 86.72 फीसदी रकम खर्च की यानी उन्होंने संसदीय क्षेत्र के विकास कार्यों में 21.68 करोड़ रुपये खर्च किए.

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