प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राजीव गांधी को एक 'भ्रष्ट' राजनेता कहे जाने की 200 से ज्यादा शिक्षकों ने निंदा की है. पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को भ्रष्ट बताए जाने पर दिल्ली विश्वविद्यालय के दो सौ से ज्यादा शिक्षकों ने एक आलोचना पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैम पित्रोदा ने मंगलवार को ट्वीट कर इसकी जानकारी दी.
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को भ्रष्ट बताए जाने के एक दिन बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम मोदी को आड़े हाथ लिया था. राहुल गांधी ने ट्वीट किया, 'मोदीजी, लड़ाई खत्म हो चुकी है. आपके कर्म आपका इंतजार कर रहे हैं. खुद के बारे में खुद के भीतर की सोच को मेरे पिता पर थोपना भी आपको नहीं बचा पाएगा. सप्रेम.'
Statement by over 200 Delhi University Teachers condemning Narendra Modi for his remarks on the late Rajiv Gandhi with actual signatures... Sharing some of them here. pic.twitter.com/OYcPFSbwJc
— Sam Pitroda (@sampitroda) May 7, 2019
बाद में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी मोदी की ट्विटर पर आलोचना की, "शहीदों के नाम पर वोट मांगकर उनकी शहादत को अपमानित करने वाले प्रधानमंत्री ने अपनी बेलगाम सनक में एक नेक और पाक इंसान की शहादत का निरादर किया, जिसने अपना जीवन देश के लिए कुर्बान किया." उन्होंने अमेठी की एक जनसभा में कहा कि जनता जवाब देगी, जिनके लिए राजीव गांधी ने अपनी जान दी. हां मोदीजी, यह देश धोखेबाजी को कभी माफ नहीं करता.
राहुल और प्रियंका गांधी की टिप्पणी मोदी के बयान के एक दिन बाद आई थी. मोदी ने उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में एक रैली में उनके पिता पर हमला किया और 'भ्रष्टाचारी नंबर 1' बताया. मोदी ने कहा, "आपके (राहुल गांधी) पिता को उनके दरबारियों द्वारा 'मिस्टर क्लीन' बुलाया जाता था, लेकिन उनका जीवन 'भ्रष्टाचारी नंबर 1' के रूप में समाप्त हुआ." मोदी की यह प्रतिक्रिया कांग्रेस प्रमुख द्वारा राफेल जेट सौदे को लेकर भ्रष्टाचार के लगातार हमलों के बाद आई.
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