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तो चाचा शिवपाल को छोड़ दोबारा अखिलेश के साथ जाने को तैयार अपर्णा यादव!

मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव को अपना राजनीतिक भविष्य शिवपाल यादव की बजाय अखिलेश यादव के साथ रहने में ज्यादा सुरक्षित नजर आ रहा है. यही वजह है कि वह चाचा शिवपाल के साथ खुलकर जाने से कतराने लगी हैं. अपर्णा एक बार फिर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ संबंध सुधारने में लगी हैं. उनकी नजर संभल सीट पर है.

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अपर्णा यादव, डिंपल यादव और अखिलेश यादव (फोटो-फाइल)
अपर्णा यादव, डिंपल यादव और अखिलेश यादव (फोटो-फाइल)

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समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव को अपना राजनीतिक भविष्य शिवपाल यादव की बजाय अखिलेश यादव के साथ रहने में ज्यादा सुरक्षित नजर आ रहा है. यही वजह है कि वह चाचा शिवपाल के साथ खुलकर जाने से कतराने लगी हैं. सूत्रों की मानें तो अपर्णा एक बार फिर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से अपने रिश्ते सुधारने में जुट गई हैं.

सूत्रों की मानें तो अपर्णा यादव की नजर उत्तर प्रदेश की संभल लोकसभा सीट पर है. संभल संसदीय सीट सपा और मुलायम परिवार की परंपरागत सीट मानी जाती है. मुलायम सिंह यादव और रामगोपाल यादव संभल से सांसद रह चुके हैं. मौजूदा समय में भी लोकसभा संसदीय सीट के तहत आने वाली तीन विधानसभा सीटों पर सपा का कब्जा है.

मुलायम की राजनीतिक विरासत के रूप में अपर्णा यादव संभल सीट पर अपनी दावेदारी कर रही हैं. लेकिन अगर सपा इस सीट पर उन्हें टिकट नहीं देती है तो भी वो पार्टी के लिए स्टार प्रचारक की भूमिका में रह सकती है.

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बता दें कि पिछले दिनों लखनऊ के जिला कार्यालय में अपर्णा यादव के समर्थकों ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का बड़ा स्वागत कार्यक्रम किया था. इतना ही नहीं लखनऊ के आसपास के इलाकों में अपर्णा यादव के समर्थक अखिलेश यादव की सभाओं में लगातार दिखाई दे रहे हैं.  

सूबे में सपा-बसपा गठबंधन के बाद अपर्णा के करीबियों के मुताबिक समाजावादी पार्टी ज्यादा मजबूत हुई है और शिवपाल यादव बहुत बड़ी चुनौती नहीं बन पा रहे हैं. यही वजह थी कि अपर्णा ने एक बार फिर दोहराया कि वह वहीं रहेंगी, जहां नेताजी रहेंगे, यानी साफ है कि वह समाजवादी पार्टी छोड़कर नहीं जाएंगी.

हाल ही में आजतक से खास बातचीत में अपर्णा यादव ने कहा था कि अखिलेश यादव और मायावती की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस से प्रदेश में अच्छा संदेश गया है. सपा-बसपा गठबंधन से दोनों जमीन पर काफी मजबूत स्थिति में हैं.

हालांकि अपर्णा यादव आखिरी बार शिवपाल यादव की लखनऊ रैली में दिखी थीं, जिसमे मुलायम सिंह यादव भी मौजूद थे. इसी बाद से अपर्णा ने लगभग शिवपाल यादव की पार्टी से किनारा कर रखा है. वो किसी भी कार्यक्रम में शामिल नहीं हुई हैं.

जबकि शिवपाल यादव की पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी की तरफ से अपर्णा यादव को सूबे में कोई भी संसदीय सीट चुनने का ऑफर मिला है. अपर्णा अपना सियासी कदम फूंक-फूंक कर रख रही है, यही वजह है कि उन्होंने अभी तक प्रगतिशील समाजवादी पार्टी की तरफ से चुनाव लड़ने की हामी नहीं भर रही है. हालांकि अपर्णा करीबियों के मुताबिक वो लखनऊ की सीट दोबारा चुनाव नहीं लड़ेंगी.

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