पिता मुलायम सिंह यादव ने 27 साल पहले जिस समाजवादी पार्टी की स्थापना की थी, उसकी विरासत अखिलेश यादव संभाल रहे हैं. हालांकि, पार्टी अपने इतिहास के सबसे मुश्किल दौर से गुजर रही है, बावजूद इसके 2019 लोकसभा चुनाव के मौजूदा हालात में उनके एक फैसले ने (सपा-बसपा गठबंधन) सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी का चिंतन बढ़ा दिया है.
अखिलेश यादव देश की राजनीति का चमकता हुआ चेहरा हैं. 2012 में जब समाजवादी पार्टी को यूपी की सत्ता मिली तो परिवार के इस टीपू को मुलायम सिंह यादव ने उत्तर प्रदेश का सुल्तान बना दिया. वो सबसे उम्र में प्रदेश के मुख्यमंत्री बने. इसके बाद अगला विधानसभा चुनाव यानी 2017 चुनाव से पहले अखिलेश ने खुद को पार्टी का सरताज भी घोषित कर दिया.
अखिलेश यादव का जन्म 1 जुलाई 1973 को इटावा जिले के सैफई गांव में हुआ. अखिलेश, मुलायम सिंह यादव की पहली पत्नी मालती देवी की इकलौती संतान हैं. उनकी पढ़ाई राजस्थान के धौलपुर में सैनिक स्कूल धौलपुर से हुई. इसके बाद उन्होंने कर्नाटक के मैसूर में एसजे कॉलेज से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की. वो विदेश भी पढ़ने गए और ऑस्ट्रेलिया के सिडनी विश्वविद्यालय से डिग्री ली.
डिंपल यादव से हुई शादी
अखिलेश यादव ने डिंपल यादव से 24 नवंबर 1999 को शादी की. उनके तीन बच्चे हैं. बड़ी बेटी अदिति हैं और बाकी दो बच्चे अर्जुन व टीना जुड़वा हैं. अखिलेश की शादी उस वक्त हुई थी, जब उनके पिता ने 1999 का लोकसभा चुनाव कन्नौज और संभल सीट से जीता. इसी वक्त अखिलेश को राजनीति में लॉन्च किया गया और मुलायम सिंह यादव ने कन्नौज सीट खाली कर दी.
साल 2000 से राजनीति का आगाज
कन्नौज लोकसभा सीट खाली होने के बाद साल 2000 में यहां उपचुनाव हुआ. अखिलेश यादव ने इस चुनाव में भाग्य आजमाया और वो पहले ही प्रयास में जीत गए. उन्होंने बसपा उम्मीदवार अकबर अहमद डंपी को पचास हजार मतों से ज्यादा अंतर से हराया. 2004 के आम चुनाव में भी अखिलेश यादव ने कन्नौज सीट से चुनाव लड़ा और बीएसपी के ठाकुर राजेश को एकतरफा तौर पर हराया. 2009 में भी अखिलेश की जीत का सिलसिला नहीं रुका और उन्होंने कन्नौज सीट से ही बीएसपी के महेश चंद्र वर्मा को शिकस्त दी. इसी साल उन्होंने फिरोजाबाद सीट पर हुए उपचुनाव में भी जीत दर्ज की, हालांकि बाद में यह सीट खाली कर दी.
2012 में बने यूपी के मुख्यमंत्री
2012 के विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने पूरे प्रदेश की यात्रा की. समाजवादी पार्टी को पूर्ण बहुमत (224 सीट) मिला और मुलायम सिंह यादव ने बड़ा फैसला लेते हुए अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया. इस तरह महज 38 साल की उम्र में अखिलेश यूपी के 33वें मुख्यमंत्री बने. सबसे कम उम्र में मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड भी अखिलेश के ही नाम है.
विवादों से अखिलेश यादव का नाता कम रहा है. हालांकि, 2013 में पश्चिम यूपी का मुजफ्फरनगर दंगा उनके कार्यकाल पर बड़ा दाग है. स्पोर्ट्स में उनकी काफी रूचि है. अक्सर वो सार्वजनिक तौर पर खेलते हुए नजर आए हैं. वो खुद इसका न सिर्फ जिक्र करते हैं, बल्कि तस्वीरें भी शेयर करते हैं.