आजतक के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उस आइडिया का खुलासा किया जिस पर विचार करने के बाद उन्होंने अपने सबसे बड़े राजनीतिक प्रतिद्वन्दी की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाया. अखिलेश ने उत्तर प्रदेश के उपचुनावों का जिक्र करते हुए कहा कि जब इस चुनाव में उनकी पार्टी को जीत मिली तो उन्हें लगा कि अगर दोनों दल साथ मिलकर चुनाव लड़ते हैं और ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतते हैं तो वे मायावती के साथ मिलकर देश बचाने की कोशिश कर सकते हैं.
अखिलेश ने कहा, "जब उपचुनाव जीत गए तो लगा कि कि हम दोनों अगर यूपी में गठबंधन बनाएंगे तो ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतेंगे और देश को बचाने की कोशिश करेंगे. ये देश को बचाने वाला चुनाव है. आज हम जिस तरह की चीजें देख रहे हैं वो कभी इस देश में नहीं हुईं. सुप्रीम कोर्ट के जज बाहर आकर कह रहे हैं कि लोकतंत्र खतरे में हैं. आज एक आर्टिकल में कहा गया है कि ये सरकार लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा है. जो लोग हमपर जातिवादी होने का आरोप लगा रहे हैं वे देखें कि उत्तर प्रदेश में आज कौन लोग क्या कर रहे हैं." कन्नौज लोकसभा क्षेत्र चुनाव का जिक्र करते हुए समाजवादी पार्टी अध्यक्ष ने कहा कि हमारे कई नेताओं को रेड कार्ड जारी कर दिए गए.अखिलेश यादव ने अपनी जुबान में पीएम नरेंद्र मोदी के प्रति कड़वाहट भरने के आरोपों को भी खारिज किया. उन्होंने बताया कि उनके दिल में कांग्रेस के लिए भी बड़ी जगह थी, कांग्रेस और एसपी 100 से ज्यादा सीटों पर विधानसभा चुनाव में साथ मिलकर लड़ी थी. अखिलेश ने कहा कि चाय तक तक अच्छी नहीं हो सकती है, जब तक दूध बढ़िया न हो.
अखिलेश यादव ने बीजेपी कैंडिडेट जया प्रदा पर आजम खान द्वारा की गई टिप्पणी पर भी अपनी राय दी. अखिलेश ने जोर देकर कहा कि वे किसी भी महिला के खिलाफ ऐसी टिप्पणी का कतई समर्थन नहीं करेंगे. आगे अखिलेश ने कहा कि आजम खान द्वारा की गई टिप्पणी उनके अंकल के खिलाफ थी जिन्होंने अपना मकान आरएसएस को दे दिया था. अखिलेश का इशारा समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता अमर सिंह की ओर था.
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