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समस्तीपुर सीट: रामचंद्र पासवान हैं सांसद, पिछली बार कांग्रेस ने दी टक्कर

इस संसदीय क्षेत्र का बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर से खास नाता है. 1977 में जनता पार्टी के टिकट पर कर्पूरी ठाकुर यहां से चुनाव जीते थे.

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रामविलास पासवान के साथ रामचंद्र पासवान (गेटी इमेजेज)
रामविलास पासवान के साथ रामचंद्र पासवान (गेटी इमेजेज)

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यह संसदीय क्षेत्र अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित है. चुनाव आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक यहां कुल मतदाताओं की संख्या 1,312,948 है. इनमें 702,480 पुरुष मतदाता और 610,468 महिला मतदाता हैं. लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) प्रमुख रामविलास पासवान के भाई रामचंद्र पासवान इस क्षेत्र से सांसद हैं. 2014 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. अशोक कुमार को पराजित कर पासवान सांसद बने थे.

संसदीय क्षेत्र का इतिहास

सन् 1972 से पहले समस्तीपुर कोई अलग संसदीय क्षेत्र नहीं होता था. 1972 में दरभंगा से अलग होने के बाद समस्तीपुर जिला बना और इसी के साथ इसे संसदीय क्षेत्र घोषित किया गया.

2011 की जनगणना के मुताबिक, समस्तीपुर जिले की कुल आबादी 42,54,782 है. इस जिले के साथ खास बात यह है कि संसदीय क्षेत्र घोषित होते ही इसे बिहार के अति पिछड़े इलाके का दर्जा दिया गया. लिहाजा भारत सरकार इस क्षेत्र को बैकवर्ड रीजन ग्रांट फंड प्रोग्राम (बीआरजीएफपी) के तहत उचित फंड जारी करती रही है.

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पिछले तीन आम चुनावों का आंकड़ा

समस्तीपुर सीट पर एलजेपी का कब्जा है और रामचंद्र पासवान सांसद हैं. 2014 के चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशी डॉ. अशोक कुमार को हराया था. पासवान को 270401 वोट मिले थे जबकि अशोक कुमार को 263529 वोट. पासवान की शैक्षणिक योग्यता की बात करें तो वे मैट्रिक पास हैं. पिछले चुनाव में पासवान काफी कम वोट के अंतर से जीते थे. पासवान को जहां 31.33 प्रतिशत वोट मिले तो वहीं अशोक कुमार को 30.53 प्रतिशत.

2014 के चुनाव में एक दिलचस्प बात यह भी रही कि यहां वोटरों ने नोटा का बटन भरपूर दबाया. कुल 3.38 प्रतिशत वोट के साथ कुल 29,211 नोटा दर्ज हुए. इस चुनाव में खास बात यह भी रही कि जेडीयू के ज्यादातर वोट एलजेपी को ट्रांसफर हुए जबकि कांग्रेस को उसके कोर वोट प्राप्त हुए.

रामचंद्र पासवान का संसदीय ब्योरा

एलजेपी सांसद रामचंद्र पासवान संसद की कुल बहसों में मात्र 2 बार शामिल हुए हैं. अपने पांच साल के कार्यकाल में उन्होंने एक भी प्राइवेट मेंबर बिल पास नहीं किया. बहस के दौरान उन्होंने मात्र 3 सवाल पूछे. संसद में उनकी कितनी हाजिरी रही, इसका ब्योरा उपलब्ध नहीं है.

2009 और 2004 का संसदीय चुनाव

2009 के चुनाव में जेडीयू प्रत्याशी महेश्वर हजारी विजयी रहे. उन्होंने एलजेपी उम्मीदवार रामचंद्र पासवान को हराया. हजारी को कुल 259458 लोट मिले जबकि पासवान को 155082 वोट हासिल हुए. इससे पहले 2004 के चुनाव में आरजेडी के आलोक कुमार मेहता ने जेडीयू प्रत्याशी रामचंद्र सिंह को हराया. इस चुनाव में मेहता को 437457 वोट मिले जबकि रामचंद्र सिंह को 310674 वोट.

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विधानसभा की कितनी सीटें

समस्तीपुर संसदीय क्षेत्र में छह विधानसभा सीटें हैं. इनके नाम हैं-कुशेश्वर स्थान, वारिसनगर, हायाघाट, समस्तीपुर, कल्याणपुर और रोसड़ा. आरक्षण की बात करें तो कुशेश्वर स्थान, कल्याणपुर और रोसड़ा एससी आरक्षित सीटें हैं.

कर्पूरी ठाकुर और समस्तीपुर सीट

इस संसदीय क्षेत्र का बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर से खास नाता है. 1977 में जनता पार्टी के टिकट पर कर्पूरी ठाकुर यहां से चुनाव जीते थे. इस चुनाव में पूरे देश में कांग्रेस के खिलाफ माहौल व्याप्त था जिसका खामियाजा पार्टी को भी उठाना पड़ा और कांग्रेस यहां पहली बार हारी.

कौन पार्टियां विजयी रहीं, तो यहां से 1980 में जनता पार्टी (एस), 1984 में कांग्रेस, 1989-1991-1996 में जनता दल जीत दर्ज करती रहीं जबकि 1998 में आरजेडी, 1999 में जेडीयू, 2004 में आरजेडी, 2009 में जेडीयू इस सीट से जीती. जेडीयू के महेश्वर हजारी 2009 में इस सीट से सांसद बने. उसके बाद यह सीट एलजेपी के नाम हो गई और रामचंद्र पासवान सांसद चुने गए.

पासवान का सांसद निधि खर्च

समस्तीपुर संसदीय क्षेत्र के लिए 25 करोड़ रुपए की राशि निर्धारित है. भारत सरकार ने कुल 25 करोड़ रुपए जारी किए. ब्याज के साथ यह राशि 26.88 करोड़ रुपए हुई. पासवान ने अपने क्षेत्र के लिए 41.93 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा जिसमें 28.50 करोड़ रुपए पास हुए. इसमें 23.93 करोड़ रुपए खर्च हुए. कुल राशि का 93.73 प्रतिशत हिस्सा खर्च हुआ और 2.95 प्रतिशत बचा रह गया.

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