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मीसा भारती को टक्कर दे रहे इस उम्मीदवार के पास 1000 करोड़ की संपत्ति

बिहार के पाटलिपुत्र संसदीय सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में किस्मत आजमा रहे रमेश कुमार शर्मा सातवें चरण के सबसे अमीर प्रत्याशी हैं. रमेश कुमार शर्मा की कुल संपत्ति एक हजार करोड़ रुपए से ज्यादा है. ओवरऑल देखा जाए तो 31 फीसदी उम्मीदवारों की संपत्ति एक करोड़ या उससे ज्यादा की है.

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पटना साहिब से चुनाव लड़ रहे शत्रुघ्न सिन्हा (फाइल-ट्विटर)
पटना साहिब से चुनाव लड़ रहे शत्रुघ्न सिन्हा (फाइल-ट्विटर)

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लोकसभा चुनाव अब अपने अंतिम दौर में है और रविवार (19 मई) को चुनाव के सातवें चरण में 59 सीटों पर मतदान कराया जाना है. इस चरण के चुनाव में बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल होकर चुनाव लड़ने वाले शत्रुघ्न सिन्हा और पंजाब की राजनीति के धुरंधर सुखबीर सिंह बादल और उनकी पत्नी हरसिमरत कौर सबसे अमीर प्रत्याशियों में शामिल हैं.

बिहार के पाटलिपुत्र संसदीय सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में किस्मत आजमा रहे रमेश कुमार शर्मा इस चरण के सबसे अमीर प्रत्याशी हैं. रमेश कुमार शर्मा की कुल संपत्ति एक हजार करोड़ रुपए से ज्यादा है. ओवरऑल देखा जाए तो 31 फीसदी उम्मीदवारों की संपत्ति एक करोड़ या उससे ज्यादा की है. वहीं शत्रुघ्न सिन्हा पटना साहिब संसदीय सीट से चुनाव लड़ रहे हैं और वह भी करोड़पति हैं.

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बादल दंपति के पास 400 करोड़

अभिनेता से नेता बने शत्रुघ्न सिन्हा सातवें चरण के चुनाव में किस्मत आजमा रहे उम्मीदवारों में पांचवें सबसे अमीर प्रत्याशी हैं. उन्होंने अपनी कुल संपत्ति 193 करोड़ रुपए घोषित की है. वहीं शिरोमणी अकाली दल अध्यक्ष और पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल और उनकी पत्नी हरसिमरत कौर बादल इस चरण के दूसरे और तीसरे सबसे अमीर प्रत्याशी हैं. बादल दंपति की कुल संपत्ति 400 करोड़ की है.

पाटलिपुत्र संसदीय सीट से निर्दलीय प्रत्याशी रमेश कुमार शर्मा सबसे अमीर प्रत्याशी हैं तो शत्रुघ्न सिन्हा कांग्रेस के टिकट पर पटनासाहिब संसदीय सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. जबकि सुखबीर सिंह बादल पंजाब के फिरोजपुर तो हरसिमरत कौर बठिंडा से चुनाव लड़ रही हैं.

कांग्रेस के उम्मीदवार सबसे अमीर

नामांकन के दौरान उम्मीदवारों की ओर से घोषित संपति के आधार पर इस चरण में कांग्रेस की ओर से अमीर प्रत्याशियों की संख्या ज्यादा है. कांग्रेस के 45 उम्मीदवारों में से 40 (89 फीसदी) तो बीजेपी के 43 उम्मीदवार में से 36 (84 फीसदी), बहुजन समाज पार्टी के 39 में से 11 (28 फीसदी), आम आदमी पार्टी के 14 में से 9 (64 फीसदी) और कुल 313 निर्दलीय प्रत्याशियों में से 59 (19 फीसदी) उम्मीदवार की संपत्ति एक करोड़ या उससे ज्यादा की है. इस तरह से देखा जाए तो सातवें चरण के चुनाव में हर उम्मीदवार की औसतन संपत्ति 4.61 करोड़ रुपए है.

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सत्ता में वापसी की कोशिशों में लगी कांग्रेस के उम्मीदवार अन्य उम्मीदवारों से ज्यादा अमीर हैं. बड़ी पार्टियों के उम्मीदवारों का औसन निकाला जाए तो कांग्रेस के 45 उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 17.15 करोड़ है, जबकि बीजेपी के 43 उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 9.82 करोड़ रुपए हैं. जबकि 39 बसपा उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 5.42 करोड़ और आम आदमी पार्टी के 14 उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 5.20 करोड़ रुपए है.

सबसे गरीब प्रत्याशी

आंकड़े यह साबित करते हैं कि सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने आर्थिक रूप से कमजोर उम्मीदवारों को टिकट देने में कंजूसी दिखाई है. शीर्ष 10 गरीब प्रत्याशियों में इन बड़े राजनीतिक दलों से एक भी प्रत्याशी शामिल नहीं है. इस चरण में सबसे गरीब प्रत्याशी पंजाब के जालंधर संसदीय सीट से है. अंबेडकर नेशनल कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ रहीं उर्मिला के पास महज 295 रुपए (हलफनामे के अनुसार) हैं.

मध्य प्रदेश के खरगौन से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे जानी करन के पास महज 1000 रुपए हैं जबकि चैन सिंह बैनका जो अमृतसर से चुनाव लड़ रहे हैं, उनकी ओर से घोषित हलफनामे के अनुसार उनके पास 3000 रुपए हैं और वह सातवें चरण के चुनाव में तीसरे सबसे गरीब प्रत्याशी हैं.

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