17वीं लोकसभा के चुनाव के तहत हिमाचल प्रदेश की शिमला लोकसभा सीट पर बीजेपी के सुरेश कुमार कश्यप ने कांग्रेस के धनी राम शांडिल को 327515 वोटों से हराया. सुरेश कुमार कश्यप को 606183 और धनी राम शांडिल को 278668 वोट मिले. लोकसभा चुनाव 2019 के 7वें चरण के तहत 19 मई को इस सीट पर वोटिंग कराई गई.यहां पर 72.62 फीसदी मतदान हुआ.
कौन-कौन हैं प्रमुख उम्मीदवार
भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) ने इस संसदीय सीट से सुरेश कुमार कश्यप को उम्मीदवार बनाया है. कांग्रेस ने धानी राम शांडिल को टिकट दिया है. अन्य प्रत्याशियों में बहुजन समाज पार्टी से विक्रम सिंह, राष्ट्रीय आजाद मंच की ओर से शमशेर सिंह चुनावी मैदान में हैं. इस सीट से कुल 12 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं.
2014 का चुनाव
लोकसभा चुनाव 2014 में इस सीट से बीजेपी के वीरेंद्र कश्यप दूसरी बार सांसद बने थे. उन्होंने कांग्रेस के मोहन लाल को 84 हजार वोटों से हराया था. वीरेंद्र कश्यप को 3.85 लाख और मोहन लाल को 3.01 लाख वोट मिले थे. तीसरे नंबर पर आम आदमी पार्टी के सुभाष चंद्र (14 हजार वोट) और चौथे नंबर पर सीपीआई एम के जगत राम (11 हजार वोट) रहे. पांचवें नंबर बीजेपी प्रत्याशी वीरेंद्र कश्यप के ही हमनाम निर्दलीय प्रत्याशी वीरेंद्र कुमार कश्यप 6173 वोट पाकर रहे.
सामाजिक तानाबाना
शिमला लोकसभा सीट के अन्तर्गत तीन जिलों की 17 विधानसभा सीटें आती हैं. 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 8 सीटों पर जीत दर्ज की. कांग्रेस को भी 8 सीटों मिली थीं. माकपा ने एक सीट (ठियोग) पर जीत दर्ज की. इस सीट पर वोटरों की संख्या 11.53 लाख है. इनमें 6.07 लाख पुरुष वोटर और 5.46 महिला वोटर है. 2014 के लोकसभा चुनाव में यहां करीब 63 फीसदी मतदान हुआ था.
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सीट का इतिहास
शिमला लोकसभा सीट1967 से अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित है. 1967 और 1971 में इस सीट से कांग्रेस के प्रताप सिंह जीते. 1977 में यह सीट भारतीय लोकदल के खाते में चली गई और उसके
टिकट पर बालक राम जीते. 1980 में कांग्रेस ने फिर वापसी की और उसके टिकट पर 1980, 1984, 1989, 1991, 1996 और 1998 का चुनाव लगातार छह बार कृष्ण दत्त सुल्तानपुरी जीते.
1999 का चुनाव धनी राम शांडिल, हिमाचल विकास कांग्रेस के टिकट पर जीतने कामयाब हुए. 2004 का चुनाव धनी राम शांडिल ने कांग्रेस के टिकट पर लड़ा और जीते. 2009 का चुनाव धनी राम शांडिल हार गए और इस सीट पर पहली बार कमल खिला. बीजेपी के टिकट पर वीरेंद्र कश्यप जीतने में कामयाब हुए. 2014 का भी चुनाव वीरेंद्र कश्यप जीते और वर्तमान में वह संसद में इस सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.