scorecardresearch
 

हाशिये पर पड़े लोगों की आवाज बनी हैं कांग्रेस सांसद सुष्मिता देव

सुष्मिता देव कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे संतोष मोहनदेव की बेटी हैं जो सिलचर से 6 बार सांसद रहे और भारत सरकार में इस्पात मंत्री का पद संभाला. उन्होंने पिता की राजनैतिक विरासत संभालते हुए अपनी खुद की पहचान बनाई है.

Advertisement
X
कांग्रेस सांसद सुष्मिता देव [फोटो- इंडिया टुडे आर्काईव]
कांग्रेस सांसद सुष्मिता देव [फोटो- इंडिया टुडे आर्काईव]

Advertisement

असम के सिलचर से सांसद सुष्मिता देव राजनैतिक परिवार से आती हैं. उनके दादा सतिन्द्र मोहन देव ने आजादी के आंदोलन में हिस्सा लिया था. बाद में वह असम के स्वास्थ्य मंत्री बने. लंबे समय तक वह सिलचर म्यूनिसिपैलिटी बोर्ड के चेयरमैन रहे थे. सुष्मिता देव कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे संतोष मोहनदेव की बेटी हैं जो सिलचर से 6 बार सांसद रहे और भारत सरकार में इस्पात मंत्री का पद संभाला.

संतोष मोहनदेव के निधन के बाद सुष्मिता उनकी राजनीतिक विरासत संभालने आगे आईं. 2014 में कांग्रेस ने उन्हें सिलचर से टिकट दिया और वह विजय हासिल करने में सफल रहीं. सुष्मिता देव को महिलाओं के मुद्दे उठाने के लिए खासतौर से जाना जाता है. उन्होंने 3 तलाक बिल का भी तार्किक तरीके से विरोध किया. सैनिटरी पैड पर जीएसटी लगाने का उन्होंने पुरजोर विरोध किया और जब तक इससे राहत नहीं दिलवा दी तब तक चैन से नहीं बैठीं.

Advertisement

अक्सर अपने मतदाताओं से जुड़ने के लिए सुष्मिता फेसबुक लाइव का प्रयोग करती हैं. लोकसभा में उनके भाषण कई बार मीडिया की सुर्खियां बने. पार्टी में उनके योगदान को देखते हुए उन्हें ऑल इंडिया महिला कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया है.

सुष्मिता देव का जन्म 25 सितंबर 1972 को स्थान सिलचर, जिला कचर में हुआ.  सुष्मिता देव की माता बिथिका देव भी पार्टी में सक्रिय रही हैं और असम से विधायक भी चुनी गईं. सुष्मिता ने भी राजनीति को अपना पेशा बनाया और सिलचर म्यूनैलिपैलिटी से इसकी शुरूआत की. सुष्मिता ने दिल्ली के मिरांडा हाउस से पॉलिटिकल साइंस में 1993 में ग्रेजुएशन किया था.  सुष्मिता ने लंदन में थॉमस वैली यूनिवर्सिटी से लॉ में बैचलर की पढ़ाई की. यहां से सुष्मिता ने 1997 में अपना कोर्स पूरा किया था.

ट्रिपल तलाक बिल का सुष्मिता देव ने जोरदार विरोध किया और पार्टी की मुखर नेता बनकर सामने आईं. तीन तलाक बिल पर हो रही बहस में भाग लेते हुए उन्होंने कहा कि यह कानून मुस्लिम महिला के सशक्तिकरण के लिए नहीं  बल्कि मुस्लिम आदमियों को दोषी करार करने का बिल है. उन्होंने कहा कि इस बिल के माध्यम से महिलाओं को न्याय दिलाने  की अपेक्षा पुरुषों को सजा दिलाने पर जोर ज्यादा है. सुष्मिता ने मांग की कि इसे स्क्रूटनी के लिए इसे ज्वाइंट सिलेक्शन कमेटी के पास भेजा जाए.    

Advertisement

असम में फिलहाल भाजपा की सरकार है. कांग्रेस ने सुष्मिता देव को ऑल इंडिया महिला मोर्चा का अध्यक्ष बनाकर उन्हें खास तवज्जो दी है. सुष्मिता भी भाजपा को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ती हैं. कुल मिलाकर जिस तरह से पार्टी में उनका कद बढ़ रहा है उससे ऐसा लग रहा है कि अगर कांग्रेस कभी सत्ता में वापसी करती है तो सुष्मिता देव को कोई बड़ी जिम्मेदारी मिलनी तय है.

Advertisement
Advertisement