scorecardresearch
 

सीवान लोकसभा सीट पर 56% वोटिंग, 23 मई को होगा हार-जीत का फैसला

बिहार की सीवान लोकसभा सीट पर 12 मई को छठवें चरण में वोटिंग हुई. इस बार यहां पर 56.33 फीसदी मतदान रिकॉर्ड किया गया, जबकि पिछली बार साल 2014 में 55.22 फीसदी वोटिंग हुई थी.

Advertisement
X
कड़ी सुरक्षा के बीच हुई वोटिंग (Photo: Getty Images)
कड़ी सुरक्षा के बीच हुई वोटिंग (Photo: Getty Images)

Advertisement

बिहार की सीवान लोकसभा सीट पर 12 मई को छठवें चरण में वोटिंग हुई. इस बार यहां पर 56.33 फीसदी मतदान रिकॉर्ड किया गया, जबकि पिछली बार साल 2014 में 55.22 फीसदी वोटिंग हुई थी. इसके अलावा साल 2009 के चुनाव में इस सीट पर 50.06 फीसद वोट पड़े थे. इस बार छठवें चरण में 7 राज्यों की 59 लोकसभा सीटों पर वोटिंग हुई और कुल मतदान 64.24 फीसदी रिकॉर्ड किया गया.

इस दौरान चुनाव आयोग ने शांतिपूर्ण मतदान कराने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे. इलाके में भारी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई थी. अब 23 मई को वोटों की गिनती होगी और चुनाव के नतीजे जारी किए जाएंगे. सीवान लोकसभा सीट पर जेडीयू और आरजेडी दोनों ने महिला उम्मीदवार को टिकट दिया है. जेडीयू ने कविता सिंह को उम्मीदवार बनाया है, जबकि आरजेडी ने बाहुबली मोहम्मद शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब को चुनाव मैदान में उतारा है.

Advertisement

इस सीट से कुल 19 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. सीवान बिहार की एक ऐसी हाईप्रोफाइल संसदीय सीट है, जिसके नतीजों पर पूरे देश की निगाह रहती है. कारण है इस सीट का बाहुबली मोहम्मद शहाबुद्दीन का मजबूत गढ़ होना. सीवान बिहार के सारण प्रमंडल के अंतर्गत एक जिला है.

इसके उत्तर में बिहार का गोपालगंज जिला और पूर्व में बिहार का सारण जिला स्थित है, तो दक्षिण में उत्तर प्रदेश का देवरिया और पश्चिम में बलिया जिला स्थित है. सीवान देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की जन्मस्थली भी है.

राजनीतिक पृष्ठभूमि

एक समय सीवान पूर्व सांसद जर्नादन तिवारी के नेतृत्व में जनसंघ का गढ़ हुआ करता था, लेकिन साल 1980 के दशक के आखिर में मोहम्मद शहाबुद्दीन के उदय के बाद जिले की सियासी तस्वीर बदल गई. बाहुबली नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन 1996 से लगातार चार बार सांसद बने. राजनीति में एमए और पीएचडी करने वाले शहाबुद्दीन ने बाहुबल के जरिए सीवान में अपना दबदबा कायम किया. तब माना गया कि सीवान में नक्सलवाद के बढ़ते प्रभाव के डर से हर वर्ग और जाति के लोगों ने शहाबुद्दीन का समर्थन किया.

हालांकि सीवान के चर्चित तेजाब कांड में शहाबुद्दीन को उम्र कैद की सजा होने के बाद यहां की सियासी तस्वीर में बड़ा बदलाव देखने को मिला. शहाबुद्दीन के जेल जाने के बाद यहां ओमप्रकाश यादव का उभार हुआ. साल 2009 में पहली बार निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में ओमप्रकाश यादव चुनाव जीत गए और शहाबुद्दीन के प्रभाव को चुनौती देते हुए नजर आए. साल 2014 में ओमप्रकाश यादव बीजेपी के टिकट पर दोबारा जीते.

Advertisement

सीवान संसदीय सीट के इतिहास पर अगर गौर करें तो साल 1957 के चुनाव में सीवान सीट से कांग्रेस के झूलन सिंह विजयी रहे. इसके बाद 1962, 1967, 1971 और 1980 के चुनाव में कांग्रेस के मोहम्मद युसूफ यहां से चुनकर संसद पहुंचे. साल 1984 में कांग्रेस के मोहम्मद गफूर चुनाव जीतकर दिल्ली गए. 1989 के चुनाव में बीजेपी ने सीवान से अपना खाता खोला और जर्नादन तिवारी लोकसभा पहुंचे. 1991 में जनता दल के बृष्ण पटेल यहां से सांसद बने.

इसके बाद साल 1996 के चुनाव में सीवान संसदीय सीट के इतिहास में शहाबुद्दीन की एंट्री हुई. जनता दल के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे बाहुबली शहाबुद्दीन ने बीजेपी के जर्नादन तिवारी को करारी शिकस्त दी. इसके बाद जब लालू यादव ने जनता दल से अलग होकर आरजेडी बनाई तो शहाबुद्दीन ने 1996, 1999 और 2004 का चुनाव आरजेडी के टिकट पर जीता.

इसके बाद शहाबुद्दीन को तेजाब कांड में सजा हो गई और चुनाव लड़ने पर रोक लग गई. यहीं से सीवान सीट पर ओमप्रकाश यादव की किस्मत खुली. अगले दो चुनाव यानी 2009 में निर्दलीय और 2014 में बीजेपी के टिकट पर ओमप्रकाश यादव ने शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब को हराकर चुनाव जीता.

सीवान लोकसभा सीट का समीकरण

Advertisement

अगर 2014 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो सीवान के सांसद ओमप्रकाश यादव को 3,72,670 वोट मिले थे. उन्‍होंने राजद की हिना शहाब को 1 लाख 13 हजार वोटों से हराया. राजद प्रत्‍याशी हीना शहाब को 2,58,823 वोट मिले थे. वहीं सीपीआई माले के अमरनाथ यादव ने 81 हजार वोट और जेडीयू के मनोज सिंह ने 79,239 वोट हासिल किए. बता दें कि 2014 लोकसभा चुनाव में कुल वोटर्स 15,63,860 वोटर्स थे. इनमें से 8,84,021 वोटर्स वोट देने के लिए मतदान केंद्र तक पहुंचे थे.

विधानसभा सीटों का समीकर

सीवान संसदीय क्षेत्र के तहत 6 विधानसभा सीटें आती हैं- सीवान, जीरादेई, दरौली, रघुनाथपुर, दरौंदा और बरहड़िया. 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में इन 6 में तीन सीटों पर जेडीयू के उम्मीदवार जीते. जबकि एक-एक सीट बीजेपी-आरजेडी और सीपीआई(ML)(L) के खाते में गईं.

इन आरोपों से घिरे हैं ओमप्रकाश यादव

सीवान के सांसद ओमप्रकाश यादव सोलर घोटाले के आरोप से घिरे हैं. दरअसल, 2017 में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था. इसमें बताया गया था कि सांसद ओमप्रकाश यादव की दूसरे राज्य में सोलर कंपनी है. उसी से खरीदारी कर अपने संसदीय क्षेत्र में सोलर लाइट सांसद निधि से लगवा रहे हैं. हालांकि इन आरोपों पर सांसद बार-बार सफाई भी देते रहे हैं लेकिन विरोधियों के लिए 2019 में यह अहम मुद्दा बन सकता है. वहीं दस सालों से सांसद ओमप्रकाश यादव के खिलाफ इलाके में एंटी इनकंबेंसी का माहौल भी है.

Advertisement

चुनाव की हर ख़बर मिलेगी सीधे आपके इनबॉक्स में. आम चुनाव की ताज़ा खबरों से अपडेट रहने के लिए सब्सक्राइब करें आजतक का इलेक्शन स्पेशल न्यूज़ लेटर

Advertisement
Advertisement