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सोशल मीडिया की वजह से 4-5% वोट इधर-उधर हो सकता है, IT दिग्गज का दावा

लोकसभा चुनाव को देखते हुए इस बार चुनाव आयोग ने सोशल मीडिया के लिए कुछ नियम जारी किए. इसके तहत हर उम्मीदवार और राजनीतिक दल को अपने सोशल मीडिया अकाउंट की जानकारी देनी होगी.

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प्रतीकात्मक फोटो
प्रतीकात्मक फोटो

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लोकसभा चुनाव 2019 में सोशल मीडिया का अहम रोल है, प्रचार-प्रसार के लिए हर राजनीतिक दल फ्रंटफुट पर खेल रहा है. इसी बीच देश के आईटी दिग्गज टी वी मोहनदास पई का कहना है कि सोशल मीडिया के कारण इस बार आम चुनाव में 4-5 फीसदी वोट इधर-उधर हो सकता है. इसके कारण यह निर्वाचन क्षेत्रों में बेहद कम अंतर से जीत का एक अहम कारक बन सकता है.

मोहनदास पई ने मंगलवार को कहा कि युवा, विशेषकर पहली बार मतदान करने वाले, मतदाता सोशल मीडिया पर बहुतायत में हैं और यह इनमें से अधिकतर युवाओं के लिये सूचना का प्राथमिक स्रोत भी है.

सॉफ्टवेयर क्षेत्र की दिग्गज कंपनी इन्फोसिस लिमिटेड में पूर्व मुख्य वित्तीय अधिकारी रहे पई ने कहा, ‘‘सोशल मीडिया के कारण चार-पांच प्रतिशत मत इधर से उधर हो सकते हैं.’’

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उन्होंने दावा किया कि कुल मिलाकर 40 से 50 प्रतिशत मतदाताओं तक सोशल मीडिया से सूचनाएं जाती हैं और इनमें से कई वोटर इन सूचनाओं से प्रभावित हो सकते हैं क्योंकि इनमें से अधिकतर के लिये यह सूचना का प्राथमिक स्रोत होता है.

पई ने कहा, ‘‘युवा टीवी नहीं देखते हैं, वे वीडियो देखते हैं. वे अखबार नहीं पढ़ते हैं लेकिन यूट्यूब देखना पसंद करते हैं, सोशल मीडिया पर समय बिताना पसंद करते हैं. ऐसी स्थिति में सोशल मीडिया के इन माध्यमों से वे प्रभावित होते हैं, न कि प्रिंट या टीवी से.’’

उन्होंने कहा कि युवा मतदाताओं को लुभाने के लिए राजनीतिक पार्टियों को यह सोचना चाहिए कि उन्हें क्या प्रेरित कर सकता है, उनकी भावनाएं क्या हैं, वे क्या पसंद करते हैं, वे कहां जाते हैं और ऐसा क्या है जिसकी वे तलाश कर रहे हैं.

गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए इस बार चुनाव आयोग ने सोशल मीडिया के लिए कुछ नियम जारी किए हैं. इसके तहत हर उम्मीदवार और राजनीतिक दल को अपने सोशल मीडिया अकाउंट की जानकारी देनी होगी, यहां चलाए जाने वाले हर विज्ञापन के बारे में भी बताना होगा.

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